Wednesday, December 28, 2011

आप सब को मुबारक ....नया साल ... नया पैग़ाम ....२०१२.


एक साल में जो पढा ,समझा ,जाना और 
जो महसूस हुआ....!!!
पुराना अस्त होता है 
नया उदय होता है 
यही जीवन का सार है 
इसी में जीवन व्यस्त होता है ||
वाह ! री टिप्पणी ...तेरे खेल
निराले...???

तुझ को पाने के लिए ,
लेखकों ने क्या-क्या
लेख लिख डाले !
पर कहना मुश्किल है  
होगी तू किसके हवाले | 

जो लिखेगा बढिया लेख
या दूसरों के लिखे पे देगा ,
बढिया टिप्पणियों के निवाले !
बड़े-बड़े लेखकों ने दुबारा न आने के 
अपने दावे ठोक डाले !

फिर हो गये उनके दर्शन 
गिरे कभी इधर, इसके पाले 
कभी गिरे उधर, उसके पाले |
बांटते रहे ,कभी गुस्सा 
कभी खिझाहटऔर कभी ताने ,
लौट के फिर आ गये ब्लाग पर 
कर के सौ सौ बहाने !

हर लेखक को भूख है 
टिप्पणी की किश्तों की .
चमक अभी बाकी है यहाँ 
आभासी रिश्तों की !
कुछ चेहरे ऐसे है ,
जो हर लेखक को
खुश करते नजर आते है !
अपनी दी टिप्पणी से 
उनका होंसला बढ़ाते है|

कुछ अच्छा लिखने वाले ,
अपने अच्छा लिखने पर 
ही विवादों में पड़ जाते है |
फिर अपनी बेबसी
पर तिलमिलाते है ,
गुस्सा भीं करते है ,
फिर जल्दी ही 
आभासी रिश्तों से 
माफ़ी भी मांगते 
नजर आते है |

ज्ञान बाँटने के लिए 
ज्ञान लेने वाला भी जरूरी है |
इक-दूजे के बगैर ,दोनों बेकार 
फिर काहे की आपस में जी-हजूरी है |
जय आभासी रिश्तों की 
जय टिप्पणी की किश्तों की ||

आभासी रिश्तों से अपील ...
चलो फिर आभासी रिश्तों के दोस्तों 
कुछ मुझ को सुनो ,कुछ अपनी सुनाओ 
नए साल में और नए रिश्ते बनाओ  
बस ! खुश रहो और मौज मनाओ||

मेरे साथ आप सब भी करें ....
आने वाले नव-वर्ष २०१२ का ,आँखों 
में बसे नए सपनों के साथ स्वागत ..
जाने वाले २०११ को आँखों में बसी 
नमी के साथ मौन विदाई .......!





अशोक'अकेला'




23 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति.
    आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
  2. बहोत - बहोत अच्छी रचना ।

    नया हिंदी ब्लॉग
    हिन्दी दुनिया ब्लॉग

    ReplyDelete
  3. चलो फिर आभासी रिश्तों के दोस्तों
    कुछ मुझ को सुनो ,कुछ अपनी सुनाओ
    नए साल में और नए रिश्ते बनाओ
    बस ! खुश रहो और मौज मनाओ||

    वाह , वाह ! बहुत खूब लिखा है अशोक जी ।
    नए साल की अग्रिम शुभकामनायें ।

    ReplyDelete
  4. बहुत खूब और नव वर्ष की आपको हार्दिक शुभकामनाये सलूजा साहब !
    टिपण्णी तुम कब आओगी,
    और कितना सतावोगी,
    जब आओगी तो फिर
    मेरे कलम भड्काओगी,
    टिपण्णी तुम कब आओगी,

    ReplyDelete
  5. नए साल की शुभकामनायें

    ReplyDelete
  6. नए साल में और नए रिश्ते बनाओ
    बस ! खुश रहो और मौज मनाओ||
    सार यही है!
    शुभकामनाएं!
    सादर!

    ReplyDelete
  7. बहुत खूब कहा………नए साल की शुभकामनायें

    ReplyDelete
  8. आपकी कविता अपनी आत्मीयता से पाठक को आकृष्ट कर लेती है।

    ReplyDelete
  9. बीते साल का लेखा जोखा और आने वाले साल से आशाएं ... बहुत ही अच्छा लगा आपका ये लिखना ... आपको और परिवार में सभ्जी को नव वर्ष २०१२ की बहुत बहत मंगल कामनाएं ...

    ReplyDelete
  10. ज्ञान बाँटने के लिए
    ज्ञान लेने वाला भी जरूरी है |
    इक-दूजे के बगैर ,दोनों बेकार
    फिर काहे की आपस में जी-हजूरी है |
    जय आभासी रिश्तों की
    जय टिप्पणी की किश्तों की ||
    सहज मन के उदगार हैं ये दादा ,
    पढ़ें बांचे हमारे आपके पडदादा .
    पड़पौते पड़पौतियाँ ,धेवते धेव्तियाँ ,
    सबकी सब हमजौलियाँ,
    खुश रहेंगी टोलियाँ .
    नया साल मुबारक .

    ReplyDelete
  11. आपको भी नववर्ष की बहुत बहुत मुबारकबाद और शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  12. आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा मंच-743:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

    ReplyDelete
  13. sach hamesh kadwa hota hai..aapki anubhavi aankho ne bakhoobi samjha....jo jashwar hai..mithya hai ..wah abhasi hai..aadmi swyam ek bada bhram hai..kash aadmi ko aadmi hone ka hee abhash ho jaaye..behtarin prastuti..sadar badhaye aaur amantran ke sath

    ReplyDelete
  14. आपने भी मेरी तरह टिप्पणी पर लिख ही डाला ...


    आने वाला नववर्ष आपके और आपके परिवार के लिए मंगलमय हो ..

    ReplyDelete
  15. ज्ञान बाँटने के लिए
    ज्ञान लेने वाला भी जरूरी है |
    इक-दूजे के बगैर ,दोनों बेकार
    फिर काहे की आपस में जी-हजूरी है |
    जय आभासी रिश्तों की
    जय टिप्पणी की किश्तों की ||
    आभासी और हकीकी में नहीं है अब उतना फर्क .रिश्तों की आंच छीज गई है .नव वर्ष मंगल मय हो .

    ReplyDelete
  16. एक साल में जो पढा ,समझा ,जाना और
    जो महसूस हुआ....!!!
    पुराना अस्त होता है
    नया उदय होता है
    यही जीवन का सार है
    इसी में जीवन व्यस्त होता है ||
    वाह ! री टिप्पणी ...तेरे खेल
    निराले...???
    ..sach kaha aapne....

    naye-purani khaatee-meethe anubhav kee sundar baangi....
    Navvarsh kee haardik shubhkamnayen..

    ReplyDelete
  17. बहुत सुंदर प्रस्तुती बेहतरीन रचना, टिप्पणी तेरा जबाब नही ,.....
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए..

    नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...

    ReplyDelete
  18. आपको और परिवारजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
  19. बहोत अच्छा लगा आपका ब्लॉग पढकर ।

    नया हिंदी ब्लॉग

    हिन्दी दुनिया ब्लॉग

    ReplyDelete
  20. रोचक एवं मनोरंजक।
    नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.....

    ReplyDelete
  21. २०१२ की रुन झुन और कोमल भावों से भरी अंतर ध्वनी सुनी आपके ब्लॉग पर सुर माधुरी में .शुक्रिया .

    ReplyDelete
  22. बहुत बढ़िया रचना.नया साल भी, टिप्पणी भी, लेखन भी , आभासी रिश्ते भी, शुभकामना भी.
    नव वर्ष मंगलमय हो....

    ReplyDelete

मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...