Sunday, May 13, 2012

माँ .....मातृ दिवस ...मुबारक हो !!!

बिन देखी,बिन जानी,भले माँ से मेरी पहचान नही  
पर मैं"माँ"से , ममता भरी कहानियों से अन्जान नही ||
मेरी माँ (मेरी नानी जी )

अपने सरल शब्दों में ....मैं भी वोही 
कहना चाहता हूँ ....जो आप अपने 
सुंदर भावपूर्ण शब्दों से अपनी कविता 
को सजा-सवांर कर श्रदा-पूर्वक अपनी भावनाएं 
माँ को अर्पण करना चाहते हैं.....
कृपया मेरी भी उन्ही भावनाओं को मेरे साधारण 
और सरल शब्दों में महसूस करें !
आभार! 

जिस माँ ने, छोड़ा न तुझे 
दुखों और तकलीफों, में एक दिन 
उसी माँ के वास्ते, तुझ को मिला 
याद करने के लिए, साल में सिर्फ एक दिन

जीवन भर, अपने आँचल में 
समेटती रही, तेरे दुखों को 
त्यागती रही, सारी उम्र भर 
अपने भाग्य के, सारे सुखों को 

तू सुख से, सोता रहे रातभर 
सुनाती थी,किस्से कहानियाँ और बातें 
आँखों में अपनी, काट दी सिर्फ तेरे लिए 
जाग-जाग अपनी, उसने कितने ही रातें 

औलाद के दुःख-दर्द, बाँटने के वास्ते 
माँ हर-दम हर-घड़ी, तैयार है, होती  
एहसास करो, ज़रा उनके दुखों का  
जिन बदनसीबों की, माँ नही होती 

एहसास हैं ,मेरे बहुत 
हैं ,बहुत भावनाएं भी
बंद! करता हूँ, यहीं पर 
अब याद आएँगी, यातनाएं भी ||

आप सब के सरों पर,  माँ के सुख और सुकून 
का आँचल! सदा बना रहे !
दिल से दुआ है मेरी ...आप सब को ||
अशोक सलूजा 

   


38 comments:

  1. नमन माँ |
    शुभकामनायें ||

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  2. apki baat padhkar Farmane Bari Ta'ala yad aa gaya (Copy)-

    तुम्हारे रब ने फ़ैसला कर दिया है कि उसके सिवा किसी की बन्दगी न करो और माँ-बाप के साथ अच्छा व्यवहार करो। यदि उनमें से कोई एक या दोनों ही तुम्हारे सामने बुढ़ापे को पहुँच जाएँ तो उन्हें 'उँह' तक न कहो और न उन्हें झिझको, बल्कि उनसे शिष्टतापूर्वक बात करो(23) और उनके आगे दयालुता से नम्रता की भुजाएँ बिछाए रखो और कहो, "मेरे रब! जिस प्रकार उन्होंने बालकाल में मुझे पाला है, तू भी उनपर दया कर।" (24) जो कुछ तुम्हारे जी में है उसे तुम्हारा रब भली-भाँति जानता है। यदि तुम सुयोग्य और अच्छे हुए तो निश्चय ही वह भी ऐसे रुजू करनेवालों के लिए बड़ा क्षमाशील है(25)

    सूरा बनी इसराईल

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    1. सब धर्मों में.... माँ का दर्ज़ा सबसे उपर है |
      शुक्रिया आपका !

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  3. हृदयस्पर्शी कविता!
    सादर!

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  4. बहुत सुन्दर अहसास अभिव्यक्त किये हैं । मां का सम्मान करना नई पीढ़ी भूलती जा रही है ।

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    1. चोट की दर्द में ...मुँह से हाय : माँ कहना क्यों नही भूलती ?
      भगवान की दी सबसे बड़ी नेमत की कद्र करना भूल गए हैं .....
      शुभकामनाएँ सब को !

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  5. आपकी लेखनी को सलाम | बहुत ही संजीदगी से लिखी हुई पन्तियाँ | धन्यवाद यहाँ भी आयें - www.akashsingh307.blogspot.in

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  6. बहुत सुन्दर कविता.... माँ को नमन

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  7. आमीन ... माँ हमेशा अपने वात्सल्य के साथ रहे

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  8. जिस माँ ने, छोड़ा न तुझे
    दुखों और तकलीफों, में एक दिन
    उसी माँ के वास्ते, तुझ को मिला
    याद करने के लिए, साल में सिर्फ एक दिन


    यह भी विडम्बना ही है कि मातृ दिवस मनाने की जरूरत पड रही है.

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    1. बिल्कुल ! यह...विडम्बना ही है|
      ये न चुकने वाला क़र्ज़ ....चुकाने की नाकाम कोशिश है !

      शुभकामनाये!

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  9. माँ को शत- शत नमन ……सुन्दर प्रस्तुति।

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  10. प्रभावशाली रचना...हृदयस्पर्शी प्रस्तुति

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  11. एहसास करो, ज़रा उनके दुखों का
    जिन बदनसीबों की, माँ नही होती
    मर्मस्पर्शी भाव ....!!
    सुंदर रचना ..शुभकामनायें ...!!

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  12. माँ ने जिन पर कर दिया, जीवन को आहूत
    कितनी माँ के भाग में , आये श्रवण सपूत
    आये श्रवण सपूत , भरे क्यों वृद्धाश्रम हैं
    एक दिवस माँ को अर्पित क्या यही धरम है
    माँ से ज्यादा क्या दे डाला है दुनियाँ ने
    इसी दिवस के लिये तुझे क्या पाला माँ ने ?

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  13. रविकर चर्चा मंच पर, गाफिल भटकत जाय |
    विदुषी किंवा विदुष गण, कोई तो समझाय ||

    सोमवारीय चर्चा मंच / गाफिल का स्थानापन्न

    charchamanch.blogspot.in

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  14. चार पंक्तियाँ माँ के सम्मान में ,...

    माँ की ममता का कोई पर्याय हो नहीं सकता
    पूरी दुनिया में माँ तेरे जैसा कोई हो नही सकता
    माँ तेरे चरण छूकर सलाम करता हूँ
    सभी माताओ को प्रणाम करता हूँ..

    अति सुंदर भाव पुर्ण अभिव्यक्ति ,...

    MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...

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  15. माँ को नमन| बहुत ही संजीदगी से लिखी हुई पन्तियाँ| धन्यवाद|

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  16. औलाद के दुःख-दर्द, बाँटने के वास्ते
    माँ हर-दम हर-घड़ी, तैयार है, होती
    एहसास करो, ज़रा उनके दुखों का
    जिन बदनसीबों की, माँ नही होती


    बहुत मर्मस्पर्शी पंक्तियाँ ..... भावपूर्ण रचना .... मातृ दिवस की शुभकामनायें

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  17. बहुत मर्मस्पर्शी रचना...आभार

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  18. माँ का अहसास ही माँ को माँ बना देता है ,चाहे कहीं भी हो वह तो अपने अवयव की सलामती ,और दुआ ही मांगती है -यही नहीं, वह तो और भी सिफ़त नवाजती है-" किन्नू होणगे बचरे दे पेड़,रब्बा !उन्नु खैर बख्सणा.../" ऐसी होती है माँ...

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  19. औलाद के दुःख-दर्द, बाँटने के वास्ते
    माँ हर-दम हर-घड़ी, तैयार है, होती
    एहसास करो, ज़रा उनके दुखों का
    जिन बदनसीबों की, माँ नही होती

    मैंने महसूस किया है अपनी माँ के साथ...उन्हे अपनी माँ याद नहीं
    माँ के रूप में वे अपनी नानी माँ को ही जानती हैं.
    my mother...she is great...all mothers are great.

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    Replies
    1. ठीक कहा आपने .....वो अच्छी तरह महसूस कर सकती हैं |
      आप की माँ का साथ... आप के साथ हमेशा बना रहे!
      शुभकामनाएँ आप सब को !

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  20. बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी कविता.
    माँ को नमन!!

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  21. माँ के सुखों का एहसास करना ...और मुझे कराने के लिए आप सब का
    दिल से आभार करता हूँ !
    आप सब को शुभकामनाएँ!

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  22. तू सुख से, सोता रहे रातभर
    सुनाती थी,किस्से कहानियाँ और बातें
    आँखों में अपनी, काट दी सिर्फ तेरे लिए
    जाग-जाग अपनी, उसने कितने ही रातें

    मां को समर्पित सुंदर रचना।

    मां के शाश्वत और अद्वितीय प्रेम को नमन।

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  23. शुक्रिया हर बार आपका ,
    शुक्रिया मोहताज़ आपका .

    ReplyDelete
  24. शुक्रिया हर बार आपका ,
    शुक्रिया मोहताज़ आपका .

    ReplyDelete
  25. =तू सुख से, सोता रहे रातभर
    सुनाती थी,किस्से कहानियाँ और बातें
    आँखों में अपनी, काट दी सिर्फ तेरे लिए
    जाग-जाग अपनी, उसने कितने ही रातें

    जी बच्चों के लिए तो माँओं की दुआएं मरते दम तक लगी रहती है ......
    बहुत सुंदर भाव पिरोये आपने ......

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  26. माँ तो माँ ही है फिर भी ... एक दिन ही पा के खुश हो जायेगी ... पर बच्चों कों ये एक दिन इसलिए है की अगर भूल गए तो आज से दुबारा शुरू कर दो और फिर कभी न भूलो ...

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  27. भावमय करते शब्‍दों का संगम ... आभार इस उत्‍कृष्‍ट प्रसतुति के लिए

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  28. Ma...
    जीवन भर, अपने आँचल में
    समेटती रही, तेरे दुखों को
    त्यागती रही, सारी उम्र भर
    अपने भाग्य के, सारे सुखों को

    ReplyDelete
  29. @महेन्द्र जी
    @वीरू भाई जी
    @हीर जी ,
    @नासवा जी
    @सदा जी
    @विवेक जी
    आप सब के आपार स्नेह के लिए
    मैं अपना आप सब को आभार
    प्रकट करता हूँ ....!
    खुश रहें!

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  30. मां को समर्पित सुंदर रचना।...आभार अशोक जी

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  31. Very pure thoughts papaji...... i wish I could be that poetic.

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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