Saturday, October 13, 2012

आप में और मुझ में है फर्क बड़ा...???


आप एक कवि और मैं एक साधारण इंसान ||
ख़ुशामद वो शै है,जो कहने में बुरी 
और सुनने में अच्छी लगती है ||
...अज्ञात 
एक कवि जो अपनी कल्पना के 
सुंदर शब्दों से कविता बनाता है|

एक साधारण इंसान जो अपने गुज़रे 
लम्हों को अपनी यादों से सज़ाता है| 

आप अपने ज़ज्बों  से लिखते हो
में अपने तजुर्बों पे लिखता हूँ|

आप ख्यालों में सपने बुनते हो 
में यादों में उनको चुनता हूँ|

आप ठहाकों में बह जाते हो 
में मुस्करा के रह जाता हूँ|

आपकी  आँखें सपने चमकाती हैं 
मेरी आँखें बस टिमटिमाती हैं |

आप में अभी कोमलता का एहसास है 
मुझ में समय की कड़वाहट का वास है |

आपकी कलम से जिंदगी निकलती है 
मेरे हाथों से जिंदगी फिसलती है|

ये तो जवानी और बुढापे का दौर है 
न इसपे चलता किसी का ज़ोर है|

इसमें न किसी की जफ़ा है ,न वफा है 
ये तो बस सिर्फ जिंदगी का फ़लसफ़ा है.....

अशोक"अकेला"

47 comments:

  1. आप एक कवि और मैं एक साधारण इंसान || ख़ुशामद वो शै है,जो कहने में बुरी और सुनने में अच्छी लगती है || ...अज्ञात *एक कवि जो अपनी कल्पना

    के * *सुंदर शब्दों से कविता बनाता है|* * * *एक साधारण इंसान जो अपने गुज़रे * *लम्हों को अपनी यादों से सज़ाता है| * * * *आप अपने ज़स्बों।।।।।

    (ज़ज्बों ,ज़ज्बातों ....)से लिखते हो* *में अपने तजुर्बों पे लिखता हूँ|* * * *आप ख्यालों में सपने बुनते हो * *में यादों में उनको चुनता हूँ|* * * *आप ठहाकों

    में बह जाते हो * *में मुस्करा के रह जाता हूँ|* * * *आपकी आँखें सपने चमकाती हैं * *मेरी आँखें बस टिमटिमाती हैं |* * * *आप में अभी कोमलता का

    एहसास है * *मुझ में समय की कढवाहट।।।।।।।।।(कड़वाहट )..... का वास है |* * * *आपक... अधिक »



    आपकी कलम से जिंदगी निकलती है

    मेरे हाथों से जिंदगी फिसलती है|

    दादा कविता इन एहसासात से जुदा कहाँ है ?बढ़िया कही है आपने .

    खुशामद में बड़ी ताकत ,खुशामद से ही आमद है .

    ReplyDelete
    Replies
    1. वीरू भाई आप की इशारा करी गलतियाँ ....
      सुधार ली गई हैं !
      आभार!

      Delete
  2. ज़िंदगी का फलसफा ही झलक रहा है ...!!
    सार्थक सुंदर रचना ....!!

    ReplyDelete
  3. बिलकुल सही लिखा है ज़िंदगी का फलसफा ...

    ReplyDelete
  4. यही दर्शन जीवन को गतिमय बनाये रखता है।

    ReplyDelete
  5. यादों की स्याही में कलम डुबो कवि कविता लिखता है
    तभी तो उस रचना में कई चेहरे मिलते हैं
    कई जिंदगानियां
    कई सूखे आंसुओं की लकीरें
    ....
    साधारण इंसान जो सच लिखता है यादों की स्याही से
    अच्छा कवि वही होता है

    ReplyDelete
  6. जीवन के अनुभव से निकले दिल के उदगार जब लेखनी बनता है वही अच्छा रचना कार होता है,,,,,आपकी हर रचनाये जीवन के अनुभव से सरोबोर होती है,,,,

    MY RECENT POST: माँ,,,

    ReplyDelete
  7. हर इंसान में एक कवि मन छिपा रहता हैं ...कवि की सोच आम इंसान से ही शुरू होती हैं ...शब्द और विचार लेखनी बन जाते है ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. आप सब का बहुत-बहुत आभार.....
      मान-सम्मान के लिए !

      Delete
  8. पढ़ कर तो ऐसा लगता है की जैसे आपने हम जैसों की होंसला अफजाई ,और अपने दर्द को इसमें सिमेट दिया है.एक तरफ हमारे जज्बात खयालात ,और दूसरी तरफ आपके जिन्दगी के तजर्बात.

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया आमिर भाई !
      खुश रहें!

      Delete
  9. ना ना कहते भी कविता कह गए . :)
    सुन्दर उद्गार प्रकट किये हैं .

    ReplyDelete
  10. बहुत सुन्दर ..मन के अहसास ही एक कवि को जन्म देते है.

    ReplyDelete
    Replies
    1. डॉ साहब और आपका आभार ....
      स्वस्थ रहें!

      Delete
  11. वाह...
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14-10-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    सूचनार्थ!

    ReplyDelete
  12. अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने ... इस अभिव्‍यक्ति में

    सादर

    ReplyDelete
  13. आपको ये जानकार ख़ुशी होगी की एक सामूहिक ब्लॉग ''इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड ''शुरू हो चुका है.जिसमे भारतीय ब्लोगर्स का परिचय करवाया जायेगा.और भारतीय ब्लोग्स की साप्ताहिक चर्चा भी होगी.और साथ ही सभी ब्लॉग सदस्यों के ब्लोग्स का अपडेट्स भी होगा.ये सामूहिक ब्लॉग ज्यादा से ज्यादा हिंदी ब्लोग्स का प्रमोशन करेगा.आप भी इसका हिस्सा बने.और आज ही ज्वाइन करें.जल्द ही इसका काम शुरू हो जायेगा.
    लिंक ये है
    http://indians-bloggers.blogspot.com/

    ReplyDelete
  14. आपका ब्लॉग ''इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड '' सामूहिक ब्लॉग पर भी अपडेट होता है.और आपकी हर नयी पोस्ट यहाँ अपडेट्स के जरिये नज़र आती है.हमारा उद्देश्य हिंदी ब्लोग्स का प्रमोशन करना.और इंडियन ब्लोगर्स का एक समूह बनाना है.ताकि हम सभी मिलकर एक दुसरे के सहयोग से हिंदी ब्लॉग जगत का नाम रोशन कर सकें.आपसे भी निवेदन है की आप भी यहाँ आयें.और आज ही इसे ज्वाइन कर लें.और इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड के सदस्य बन जाएँ.

    इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड

    ReplyDelete
    Replies
    1. आप का आभार ...आमिर भाई जी !
      शुभकामनाएँ!

      Delete
  15. आपकी कलम से जिंदगी निकलती है

    मेरे हाथों से जिंदगी फिसलती है|
    दिल छू गई ये पंक्तियाँ बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति बहुत बहुत बधाई

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत आभार राजेश जी ...
      स्वस्थ रहें!

      Delete
  16. एक साधारण इंसान जो अपने गुज़रे
    लम्हों को अपनी यादों से सज़ाता है...
    बहुत कुछ अपने पे समेटे लाजवाब रचना ।

    ReplyDelete
  17. Replies
    1. अन्जाने शुभचिंतक !
      आपका आभार !

      Delete
  18. आपकी कलम से जिंदगी निकलती है
    मेरे हाथों से जिंदगी फिसलती है।

    आप सृजनधर्मी हैं और सृजन से जिंदगी संवरती है।

    ReplyDelete
  19. ज़िन्दगी से मिले ..तजुर्बों के सुंदर अहसास !
    सादर....

    ReplyDelete
  20. यही लंबा अनुभव है ...
    आभार भाई जी !

    ReplyDelete
    Replies
    1. भाई जी ....
      आपका स्नेह-भरा आगमन अच्छा लगा !
      स्वस्थ रहें!

      Delete
  21. .एक अंतराल के बाद

    आपको सुना पढ़ा .आवाजाही बनाए रखिये .

    बहुत अच्छा लगा .दशहरा . पर्व की बधाई

    ReplyDelete
    Replies
    1. भाई जी ,आपको भी बधाई !
      स्वस्थ रहें!

      Delete
  22. waah sir,, main khusnasib hu ki aapko padhne ka saubhagya mila

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार आपके स्नेह और मान-सम्मान का !
      शुभकामनाएँ!

      Delete
  23. अच्छी एवं भावमय कविता । मेरे नए पोस्ट पर पधारें।

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रेम जी , आपके लेखों से बहुत ज्ञान मलता है ...
      आभार !

      Delete
  24. ज़िंदगी का फलसफा कुछ मीठा और कुछ खट्टा
    दोनों का चखा है स्वाद अच्छा
    बहुत अच्छा !

    ReplyDelete
    Replies
    1. अन्जाने,अनदेखे शुभचिंतक !
      बहुत-बहुत शुक्रिया
      खुश और स्वस्थ रहें!

      Delete
  25. एक साधारण इंसान जो अपने गुज़रे
    लम्हों को अपनी यादों से सज़ाता है|

    बाऊ जी,
    नमस्ते!

    बातें भूल जाती है और यादें ही याद आती है
    और यूँ ही ज़िन्दगी कट जाती है !!!

    पोस्ट

    चार दिन ज़िन्दगी के .......
    बस यूँ ही चलते जाना है !!

    ReplyDelete
  26. इसमें न किसी की जफ़ा है ,न वफा है
    ये तो बस सिर्फ जिंदगी का फ़लसफ़ा है.....

    अच्छी एवं भावपूर्ण कविता.

    ReplyDelete
  27. ये दिल अब दिल कहाँ अपना ,

    कहाँ पे दर्द होता है ?

    हमें अब होश का अपना ,

    तसव्वुर अब तो तेरा है .

    ReplyDelete
  28. शुक्रिया ,शुक्रिया ,शुक्रिया .

    ReplyDelete

मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...