tag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post294793970021001746..comments2024-03-12T09:30:33.951+05:30Comments on यादें...: अपने-अपने ज़माने का .....ये बचपन !!!अशोक सलूजाhttp://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-68062003493097667342015-03-08T20:36:47.436+05:302015-03-08T20:36:47.436+05:30waah ji waah.....bachpan ke din bhula na dena........waah ji waah.....bachpan ke din bhula na dena.....<br /><br /><br /><br />Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-24586339026491538382013-11-21T10:50:19.623+05:302013-11-21T10:50:19.623+05:30पिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश...पिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश्मि प्रभा जी प्रस्तुत कर रही है अवलोकन २०१३ !!<br />कई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०१३ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !<br />ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2013/11/2013-13.html" rel="nofollow"> प्रतिभाओं की कमी नहीं 2013 (13) </a> मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !<br /><br />ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-44684318621464729642013-10-25T21:26:46.404+05:302013-10-25T21:26:46.404+05:30सच में आज के बचपन और कल के बचपन में बहुत बड़ा अंतर ...सच में आज के बचपन और कल के बचपन में बहुत बड़ा अंतर आ गया है ,बहुत बढ़िया सार्थक प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई आपको Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-6665084844227490762013-10-21T10:44:50.706+05:302013-10-21T10:44:50.706+05:30आज तो बचपन जैसी बात ही नहीं रही ..... या ये कहें ...आज तो बचपन जैसी बात ही नहीं रही ..... या ये कहें रहने नहीं दी जाती .... माता पिता की अपेक्षाओं पर मिट रहा है बचपन ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-8408747997417639182013-10-13T19:06:36.783+05:302013-10-13T19:06:36.783+05:30बहुत सुन्दर .बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
बहुत सुन्दर .बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />ashokkhachar56@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/07939212398427669565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-74482520063758256512013-10-10T20:48:09.951+05:302013-10-10T20:48:09.951+05:30काश सपने में ही बापस आ जाए .. एक बार !काश सपने में ही बापस आ जाए .. एक बार !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-58663910676818520242013-10-10T13:24:02.662+05:302013-10-10T13:24:02.662+05:30शास्त्री जी ......आपके स्नेह के लिए बहुत-बहुत आभार...शास्त्री जी ......आपके स्नेह के लिए बहुत-बहुत आभार !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-2476814997348582972013-10-10T13:23:24.169+05:302013-10-10T13:23:24.169+05:30राजेन्द्र जी.....आपके स्नेह के लिए बहुत-बहुत आभार ...राजेन्द्र जी.....आपके स्नेह के लिए बहुत-बहुत आभार !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-16993048507921904862013-10-10T13:22:31.453+05:302013-10-10T13:22:31.453+05:30रविकर जी ...आपके स्नेह के लिए बहुत-बहुत आभार !रविकर जी ...आपके स्नेह के लिए बहुत-बहुत आभार !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-768337569169674872013-10-10T10:42:21.487+05:302013-10-10T10:42:21.487+05:30बहुत ही सारवान विचार.
रामराम.बहुत ही सारवान विचार.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-37266791279839502052013-10-10T06:17:28.251+05:302013-10-10T06:17:28.251+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
--
आपकी इस प्रविष्टि् की...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (10-10-2013) <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2013/10/1394.html" rel="nofollow"> "दोस्ती" (चर्चा मंचःअंक-1394) में "मयंक का कोना" </a> पर भी है!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-14664205782513505202013-10-09T21:38:15.849+05:302013-10-09T21:38:15.849+05:30कल और आज के बचपन का सटीक चित्रण...मार्मिक भावाभिवय...कल और आज के बचपन का सटीक चित्रण...मार्मिक भावाभिवय्क्ति..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-83956575879139865112013-10-09T19:58:26.128+05:302013-10-09T19:58:26.128+05:30मार्मिक भावाभिवय्क्ति..... मार्मिक भावाभिवय्क्ति..... विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-85376740315665080762013-10-09T17:30:56.657+05:302013-10-09T17:30:56.657+05:30उत्कृष्ट प्रस्तुति |
मेरी नई रचना :- मेरी चाहतउत्कृष्ट प्रस्तुति |<br /><br />मेरी नई रचना :- <a href="http://bit.ly/18OmCYu" rel="nofollow"><b>मेरी चाहत</b></a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-5190447700384816272013-10-09T16:42:49.675+05:302013-10-09T16:42:49.675+05:30एक सही कहा आपने ...ये ही सब कुछ हो रहा है आज के वक...एक सही कहा आपने ...ये ही सब कुछ हो रहा है आज के वक्त में Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-19938398536566419512013-10-09T15:56:22.338+05:302013-10-09T15:56:22.338+05:30सबको अपना बचपन भाता,
मन में सुख निर्मलता लाता।सबको अपना बचपन भाता,<br />मन में सुख निर्मलता लाता।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-66804587344729765502013-10-09T14:12:08.769+05:302013-10-09T14:12:08.769+05:30दोनों पीड़ियों के अंतराल को बाखूबी बचपन के माध्यम स...दोनों पीड़ियों के अंतराल को बाखूबी बचपन के माध्यम से प्रस्तुत किया है आपके अशोक जी ... पर हर किसी को अपना बचपन प्यारा लगता है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-25305150369567850382013-10-09T12:59:06.082+05:302013-10-09T12:59:06.082+05:30बहुत सुन्दर सशक्त रचना.........
सादर
अनु बहुत सुन्दर सशक्त रचना.........<br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-55259006442092721042013-10-09T12:46:07.789+05:302013-10-09T12:46:07.789+05:30बिल्कुल सही कहा आपने .... सशक्त प्रस्तुति
बिल्कुल सही कहा आपने .... सशक्त प्रस्तुति<br />सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-77431038462594845482013-10-09T10:34:52.847+05:302013-10-09T10:34:52.847+05:30बेहद सुन्दर प्रस्तुति!. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति...बेहद सुन्दर प्रस्तुति!. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल गुरुवार (10-10-2013) को <a href="http://blogprasaran.blogspot.ae/" rel="nofollow">"ब्लॉग प्रसारण : अंक 142"शक्ति हो तुम<br /></a> पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.<br />Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-45268514209197200702013-10-09T10:13:08.468+05:302013-10-09T10:13:08.468+05:30बचपन तब का और था, अब का बचपन और |
दादी की गोदी मिल...बचपन तब का और था, अब का बचपन और |<br />दादी की गोदी मिली, नानी हाथों कौर |<br /><br />नानी हाथों कौर, दौर वह मस्ती वाला |<br />लेकिन बचपन आज, निकाले स्वयं दिवाला |<br /><br />आया की है गोद, भोग पैकट में छप्पन |<br />कंप्यूटर के गेम, कैद में बीते बचपन ||<br />....<br />एक दोहे में एक लघु<br />दौरे दिल का दर्द इत, उत दौरे पर पूत |<br />सुतके दौरे बेधड़क, *पिउ बे-धड़कन *सूत ||<br />*पिता <br />*सो गया<br />.रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-58064582621251188462013-10-09T09:56:20.941+05:302013-10-09T09:56:20.941+05:30कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ...! सुन्दर प्रस्तुत...कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ...! सुन्दर प्रस्तुति ...!<br /><br /><b>RECENT POST </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/10/blog-post_8.html#links" rel="nofollow">: अपनी राम कहानी में.</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-17222723918705973762013-10-09T09:11:13.439+05:302013-10-09T09:11:13.439+05:30" वो बचपन
कितना मासूम था "
***
सच बचपन त..." वो बचपन<br />कितना मासूम था "<br />***<br />सच बचपन तो उस ज़माने का ही सुन्दर था...!<br /><br />बेहद सुन्दर प्रस्तुति!<br />सादर!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.com