tag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post7504110496855915367..comments2024-03-12T09:30:33.951+05:30Comments on यादें...: "अकेला" का अकेलापन..!!!अशोक सलूजाhttp://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-69987524325237411292018-05-17T14:54:25.440+05:302018-05-17T14:54:25.440+05:30दिल को छू जाने वाली पंक्तियां दिल को छू जाने वाली पंक्तियां Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00965109214776680223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-64606710305380848512013-03-16T21:49:44.756+05:302013-03-16T21:49:44.756+05:30आपके साथ हूँ !आपके साथ हूँ !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-26490974741719072292013-02-23T13:17:54.310+05:302013-02-23T13:17:54.310+05:30भाई जी .आपके आने से निराशा ..आशा में बदल गई |
स्ने...भाई जी .आपके आने से निराशा ..आशा में बदल गई |<br />स्नेह के लिए आभार |अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-17970158256050312712013-02-23T13:15:06.059+05:302013-02-23T13:15:06.059+05:30समीर भाई जी ...आप आ गये तो अकेलापन कैसा |
आभार!समीर भाई जी ...आप आ गये तो अकेलापन कैसा |<br />आभार!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-31283200927750498322013-02-23T13:13:03.424+05:302013-02-23T13:13:03.424+05:30बहुत-बहुत आभार संजय जी ....बहुत-बहुत आभार संजय जी ....अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-46487705439513681852013-02-21T12:26:11.620+05:302013-02-21T12:26:11.620+05:30सर प्लीज आप मुझे सिर्फ पारुल कहिये मुझे अच्छा लगेग...सर प्लीज आप मुझे सिर्फ पारुल कहिये मुझे अच्छा लगेगा ..और मेरी नई रचनाएँ आपकी टिपण्णी का इंतजार कर रही हैं लिंक यहाँ दे रही हूं <br />--सादर <br />http://parulpankhuri.blogspot.in/2013/02/blog-post_19.html<br /><br />http://parulpankhuri.blogspot.in/2013/02/blog-post_4266.htmlAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/01778260954830787342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-91431243602589669982013-02-21T12:25:36.249+05:302013-02-21T12:25:36.249+05:30This comment has been removed by the author.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01778260954830787342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-50217650371145540942013-02-18T22:24:24.741+05:302013-02-18T22:24:24.741+05:30निराशा ठीक नहीं भाई जी ...
सादर निराशा ठीक नहीं भाई जी ...<br />सादर Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-28967404582992917052013-02-16T06:38:06.787+05:302013-02-16T06:38:06.787+05:30Uff, ye akelapan!!Uff, ye akelapan!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-67707028894494529132013-02-15T15:43:07.042+05:302013-02-15T15:43:07.042+05:30बहुत सटीक अनुभूति खुश रहिये हमेशा बहुत सटीक अनुभूति खुश रहिये हमेशा संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-28083878311360408992013-02-14T23:25:19.629+05:302013-02-14T23:25:19.629+05:30सौरभ भाई ! इतने मान-सम्मान का हक़दार नही हूँ मैं ....सौरभ भाई ! इतने मान-सम्मान का हक़दार नही हूँ मैं ..पर फिर भी मनुष्य हूँ ,और मनुष्य की फितरत के हिसाब से मुझे भी इस सम्मान से ख़ुशी हुई है, वैसे मैं अपने जीवन से बहुत खुश हूँ ,जो मिला ,जितना मिला ,बहुत मिला ...यह मेरे तजुर्बें हैं ,जो मैं लिख रहाहूँ,शायद किसी के काम आ जाये ...और कभी किसी की ख़ुशी में,मैं भी साझीदार हो जाऊं| <br />बस,मनुष्य से एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश में एक कदम और आगे बढ़ जाऊं|<br />खुश रहें |<br />शुभकामनायें!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-40869465391377355182013-02-14T22:10:36.686+05:302013-02-14T22:10:36.686+05:30 इक समय का सुखद अनुभव किसी दूसरे समय में कैसे दुः... इक समय का सुखद अनुभव किसी दूसरे समय में कैसे दुःस्वप्न में बदल जाता है यह रूह कंपा देने वाला अनुभव होता है। फिर भी आप उतने अकेले भी नहीं हैं। आप इतनी रुचि से सुंदर कविताएँ लिखते हैं लोगों की लेखनी को अपने सुंदर शब्दों से निखारते हैं। मुझे इस कविता पर किसी किताब में पढ़ा हुआ एक रोचक वर्णन याद आ गया।<br /> <br /> नरक का दरबार सजा हुआ था, धरती से आए नये नारकीय अपनी सजा सुनने को बेकरार थे। यमराज की एंट्री हुई। उन्होंने देखा सभी कैदी मौन हैं दुखी होकर सजा का फैसला कर रहे हैं बस कुछ लोग ही अलग खड़े होकर डूबकर वार्तालाप कर रहे हैं। यमराज ने चित्रगुप्त से पूछा, ये लोग कौन हैं इतने नारकीय माहौल में भी कैसे ये इनसे निर्लिप्त हो सकते हैं।<br /><br /> चित्रगुप्त ने कहा कि ये लोग लेखक अथवा कवि किस्म के प्राणी हैं जहाँ भी जमा होते हैं दिलचस्प महफिल जमा लेते हैं इन्हें स्वर्ग में रखो या नरक में इन्हें फर्क नहीं पड़ता।<br /><br /> ये किस्सा वर्जीनिया वुल्फ ने गढ़ा था, मुझे लगता है कि आपका अकेलापन अकेला होने के बाद भी विशिष्ट है। अद्भुत है।sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-66643553480907490972013-02-14T20:04:19.528+05:302013-02-14T20:04:19.528+05:30संगीता जी ...आपके स्नेह का आभार !संगीता जी ...आपके स्नेह का आभार !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-43038048016774238122013-02-14T20:03:06.521+05:302013-02-14T20:03:06.521+05:30आभार दिलबाग जी ...आभार दिलबाग जी ...अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-4402893479226944682013-02-14T19:59:37.511+05:302013-02-14T19:59:37.511+05:30बहुत-बहुत शुक्रिया सदा जी .....बहुत-बहुत शुक्रिया सदा जी .....अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-41610004877610306302013-02-14T19:58:28.384+05:302013-02-14T19:58:28.384+05:30हाँ जी ,यह मूड की बात है ...
आभार!हाँ जी ,यह मूड की बात है ...<br />आभार!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-72786975070535650322013-02-14T19:56:30.028+05:302013-02-14T19:56:30.028+05:30कविता जी,कोई गिला,शिकवा नही ,अपना तजुर्बा बाँट रहा...कविता जी,कोई गिला,शिकवा नही ,अपना तजुर्बा बाँट रहा हूँ शायद किसी के समय रहते काम आ जाये ..:-) मुझे तो इसने लिखना सिखा दिया और समय का सदुपयोग भी !<br />आभार ! अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-4257977490533787532013-02-14T19:51:36.754+05:302013-02-14T19:51:36.754+05:30पारुल जी ..यह बुढ़ापे का अकेलापन है जिसे अपने वक्त...पारुल जी ..यह बुढ़ापे का अकेलापन है जिसे अपने वक्त पर सब को इसका सामना करना है ..आप को मेरा लिखा तजुर्बा अच्छा लगा शुक्रिया !पर अभी आप की उम्र <br />में अकेलापन बिलकुल अच्छा नही ...खुश रहिये और मस्त रहिये ....<br />जिन्दगी का आनद लें !<br />शुभकामनायें!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-19097922586227181082013-02-14T19:45:47.569+05:302013-02-14T19:45:47.569+05:30रेखा जी ..आप सही कह रही हैं ..मैं भी यही कर रहा हू...रेखा जी ..आप सही कह रही हैं ..मैं भी यही कर रहा हूँ ..अपनी यादों को रचना में ढाल कर ..<br />आभार!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-4114295824497535322013-02-14T19:42:44.361+05:302013-02-14T19:42:44.361+05:30साधना जी , यह मूड का फेज़ नही ..बुढ़ापे के अकेलेपन...साधना जी , यह मूड का फेज़ नही ..बुढ़ापे के अकेलेपन का है ...इसे अपने-अपने समय पर अकेले ही बिताना पड़ेगा जैसे मैं अपनी यादों और तजुरबो के संग बीता रहा हूँ !<br />आभार ! अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-3131430684392046422013-02-14T19:33:20.711+05:302013-02-14T19:33:20.711+05:30पल्लवी जी . आपने सही समझा है ...जिन्दगी को |
आभार ...पल्लवी जी . आपने सही समझा है ...जिन्दगी को |<br />आभार !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-69610585382039589672013-02-14T19:31:17.116+05:302013-02-14T19:31:17.116+05:30अनुपमा जी ..बस ऐसे ही दूर भगाता हूँ अपने अकेलेपन क...अनुपमा जी ..बस ऐसे ही दूर भगाता हूँ अपने अकेलेपन को ..यह तो मेरी यादों का सफ़र है |<br />आभार!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-47931630617406320632013-02-14T19:25:47.828+05:302013-02-14T19:25:47.828+05:30बस अपने तजुर्बे की रचना बन गई .....:-)
आभार!बस अपने तजुर्बे की रचना बन गई .....:-)<br />आभार!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-30952459329138780932013-02-14T19:23:54.029+05:302013-02-14T19:23:54.029+05:30मोनिका जी, मैंने तो अपना तजुर्बा लिखा है .....
अके...मोनिका जी, मैंने तो अपना तजुर्बा लिखा है .....<br />अकेलेपन से जूझने का समय तो आपके पास है ....जो मैंने गवां दिया !!!<br />शुभकामनायें!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8188293859921532269.post-27985356464979506422013-02-14T17:17:12.005+05:302013-02-14T17:17:12.005+05:30अकेलापन हमराही है ...इससे गिला कैसा ...बहुत अच्छी ...अकेलापन हमराही है ...इससे गिला कैसा ...बहुत अच्छी कविता kavita vikashttps://www.blogger.com/profile/10151317721264000986noreply@blogger.com