यादें ....याद आने की.....
आज मैं आप को अपनी यादों के झरोखे से एक बेहतरीन नगमा
सुनवा रहा हूँ ,जिसको अपनी मीठी आवाज़ में ,राजस्थान के दो
भाइयों ने अपनी जादू भरी मोहक आवाज में अपनी जुगल-बंदी से
सजाया और सवांरा है ....
मेरे तो, ये दिल को छूता है ....उम्मीद है आप का भी दिल इसे
सुन कर सुकून और खुशी हासिल करेगा...
".भुलाई न जा सकेंगी ये बातें,
तुम्हे याद आयेंगें हम,ये याद रखना"॥
--अज्ञात
ए सनम तुझे से मैं, जब दूर चला जाऊंगा
याद रखना के तुझे ,याद बहुत आऊंगा
ये मिलन और ये हसीन ,रात न जाने कब हों
आज के बाद मुलाकात, न जाने कब हो
अब तेरे शहर, मुसाफिर की तरह आऊंगा
ए सनम ..........
चाँद के अक्स में ,सूरज की हसीन किरणों में
झील के आइने में, बहते हुए झरनों में
इन नजारों में तुझे, मैं ही नजर आऊंगा
ए सनम ......
याद जब आएगी वो ,पहली मुलाकात तुझे
और महोब्बत के फसाने की, हर इक बात तुझे
तेरे ख्वाबों में ख्यालों में ,चला आऊंगा
ए सनम.......
तुझ को इस गीत का, हर शे'र करेगा बेकल
मेरी याद आएगी जब भी, तुझे ए जाने गजल
नगमा बन बन के ,ख्यालात पे छा जाऊँगा
ए सनम तुझ से मैं, जब दूर चला जाऊंगा
याद रखना के तुझे, याद बहुत आऊंगा ||
गुलूकार: उस्ताद अहमद हुसैन
उस्ताद महोम्मद हुसैन ....
वाह , अशोक जी ।
ReplyDeleteबहुत सुरीला नगमा सुनाया है ।
आनंद आ गया । शुक्रिया ।
jitana sundar nagama hai utani hi surili aawaj hai
ReplyDeleteयार चाचू आप भी यादों के समंदर
ReplyDeleteमें डूब कर सभी को डुबो रहे हैं.
बेहतरीन नगमा,शानदार आवाज सुन्दर भाव और अनुपम संगीत.
वाह! आनंद आ गया सर...
ReplyDeleteसादर आभार.
भुलाई नहीं जा सकेगी यह बातें
ReplyDeleteबहुत याद आयेंगे हम याद रखना !
आभार याद दिलाने को भाई जी !
वाह ...बहुत खूब
ReplyDeleteyaado ki khubsurat abhivakti.........
ReplyDeleteवाह वाह, बेहतरीन..
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति .
ReplyDeleteबहुत याद आयेंगे हम याद रखना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सलूजा साहब !
ReplyDeleteएक पुराने गीत के बोल याद आ रहे है ;
ऐसे वीराने में इक दिन घुट के मर जायेंगे हम ,
जितना जे चाहे पुकारो, फिर नहीं आंयेंगे हम, ये मेरा ............
भाई जी ,ये यहूदी का नगमा है ,जिसे आवाज़ दी है ...मुकेश जी ने ...
Deleteमुकेश जी अपनी आवाज़ के साथ हमेशा अमर हैं......
आनंद आ गया
ReplyDeleteसादर.
वाह धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सर ।
ReplyDeleteमेरी रचना भी देखें ।
मेरी कविता:मुस्कुराहट तेरी
हुसैन बंधू मेरे भी सबसे पसंदीदा गायकों में एक हैं ... इनकी गई हर गज़ल हर गीत अच्छे लगते हैं ...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति अशोक भाई .ब्लॉग पे टिपण्णी और स्पेम छुड़ाई के लिए शुक्रिया .
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
तुझ को इस गीत का, हर शे'र करेगा बेकल
ReplyDeleteमेरी याद आएगी जब भी, तुझे ए जाने गजल
बहुत खूब
आप सब को इस नगमे को सुन कर आनंद आया और मुझे अपनी पसंद
ReplyDeleteआप को सुना कर आनंद आया |
आप सब का शुक्रिया ....
bahut sundar...
ReplyDeleteमिश्री की डली ज़िंदगी हो चली
बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं...