Sunday, November 15, 2020

आ अब लौट चलें ......

 या मुझको मेरी औकात बता दो
या मुझसे मेरे असूल छीन लो...
-अकेला

 आ अब लौट चलें ......

छोड़ फेसबुक की झूठी रंगीन, फ़रेबी,दुनिया से......... अपने ब्लोगर की आभासी दुनिया में ,...
जहाँ थम्स अप का अंगूठा नही, चापलूसी की टिप्पणी नही दिल से निकले प्यारे अल्फाजों की पुकार है दुलार है और समझाने के लिए प्यार से भरी फटकार भी है....सब अपने हैं न... बस इसी लिए, अपने आभासी परिवार के दुःख सुख के साथी...

आ अब लौट चलें ......

इन सालों में...... कभी कभी बड़ा दिल दुखाया है ...फेसबुक के नकली चेहरों ने, उपर से शहद और नीचे मवाद भरा है , इनकी सोच में , दिखाते कुछ है ,होते कुछ हैं , लिखते कुछ हैं , बोलते कुछ हैं ...उफ़ गन्दी सोच, गन्दी मानसिकता, गंदे बोल....न मैं लिख सकता हूँ , न बता सकता हूँ और न ही सोच सकता हूँ ....अगर आप ने मेसज बॉक्स में इनकी हेल्लो का प्यार से जवाब दे दिया ....तो फिर ये vedio call करेंगे ....पुलिंग....या ...?  कोई फर्क नही पड़ता .....
इन जैसों की सोच में ...फ़र्क तो अच्छों को पड़ता है ..और पड़ रह है ......बस !

आ अब लौट चलें ......

यहाँ तो किसी पड़े लिखे लेखक की ज़रुरत है ,,,जो अपने लफ्ज़ो की चासनी से आप को इस ज़हर का एक घूँट पिला सके.. न न न बस ज़रा सा चखा सके, ज़हर तो ज़हर है , उस से ज्यादा तो आप भी हज़म नही कर पायेगे.....
मेरी समझ से बाहर है...न तो मैं पड़ा लिखा,  न कोई लिखने की समझ, न शब्दों का भण्डार , बड़ी मुश्किल से दस क्लास पास की ,, वो भी कहने को ....पर गलत बात, गलत सोच से तो दिल मेरा भी हर किसी अच्छे इंसान की तरह दुखता है ....हमने वो जमाना देखा ही नही .... मन लुभाने को साफ़  सुथरी फ़िल्में , साफ़  सुथरे गीत पढने को अच्छे लेखक .अच्छी कहानियाँ, आपस का भाई चारा ,बड़ों की इज्ज़त .छोटों को स्नेह सब इकट्ठे कोई लुक्का छिप्पी नही ,लुक्का छिप्पी का खेल ज़रूर होता था......बस वो ही संस्कार मिले हम को ....  
न जी  न  मैं किसी पर लांछन नही लगा रहा ,..न ही मैं इस काबिल ....कमियां ही कमियां है मुझमें भी ..हर इंसान में होती है, वर्ना हम तो भगवान् होते .....अभी भी अच्छे ,सच्चे लोगो से दुनिया भरी पड़ी है, आज की पीढ़ी भी लाजवाब है ....
चंद लोग तो बुरे हर सदी में हुए हैं .और होते रहेगे ..जैसे चाँद में दाग....तो इससे चाँद की कीमत  कम थोड़ी हो जायेगी... दाग़ तो अच्छे लोगों के लिए नज़र पट्टू है ....ऐसे हमारे बुजुर्ग कहते थे ..वो ही मैं कह  रहा हूँ
जो सीखोगे वोही तो बोलोगे .....बस इसी लिए ...फिर भी अगर मेरी कड़वी बातों से किसी का भी दिल दुखा हो तो 
मैं दोनों हाथ जोड़ माफ़ी मांगता हूँ|||
बस! एक बात मान ले मेरी, विनती है...ब्लॉग के भाइयों से, बेटों से, बेटियों से, बहनों से ...चाहे जो रिश्ता बनाएं ...
आ अब लौट चलें ......

खुश रहें,स्वस्थ रहें .... 


  










--अकेला 

27 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 16
    नवंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  2. वाह!
    उत्कृष्ट रचना
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. मान सम्मान के लिए आभार 🙏🙏

      Delete
  3. बहुत सुंदर। आ अब लौट चले।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार ज्योति जी,स्वस्थ रहें🎉🙏

      Delete
  4. अशोक जी बहुत बहुत प्रणाम अत्यंत उत्कृष्ट रचना के लिए |

    ReplyDelete
    Replies
    1. खुश और स्वस्थ रहें आलोक जी🎉👍

      Delete
  5. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (18-11-2020) को   "धीरज से लो काम"   (चर्चा अंक- 3889)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

    ReplyDelete
  6. आभार शास्त्री जी🙏🙏

    ReplyDelete
  7. Replies
    1. आभार गुरु भाई जी,स्वस्थ रहें❤️👍

      Delete
  8. हार्दिक स्वागत .... शुभकामनायें

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत आभार संध्या जी,स्वस्थ रहें❤️🙏

      Delete
  9. सीधी सच्ची बातों के बटोही ... रास्ते में जाने कितने मिले .. शुक्रिया है उन सभी का जो साथ चले ... भले ही चंद कदम
    कितना सटीक और भावपूर्ण लिखा आपने 🙏🙏
    वंदन अभिनन्दन सहित स्वास्थ्य लाभ की अनंत शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  10. स्नेह और मान का दिल से आभार सीमा जी❤️🙏

    ReplyDelete
  11. यहाँ तो किसी पड़े लिखे लेखक की ज़रुरत है ,,,जो अपने लफ्ज़ो की चासनी से आप को इस ज़हर का एक घूँट पिला सके.. न न न बस ज़रा सा चखा सके, ज़हर तो ज़हर है , उस से ज्यादा तो आप भी हज़म नही कर पायेगे.....
    बहुत ही बढ़िया लेख लिखा है आपने ! इसके लिए आपका दिल से धन्यवाद। Visit Our Blog Zee Talwara

    ReplyDelete
  12. नमन अशोक जी 🙏😔🙏😔🙏😔🙏

    ReplyDelete
  13. बहुत ही लाजवाब🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  14. This may be an issue with my internet browser because I’ve had this happen before.

    ReplyDelete
  15. इससे पहले मैंने इतना बेहतरीन ब्लॉग कभी नही देखा बहुत खूब लिखते हैं आप andhbhakt kise kahate hain good post dear एक बार इसे भी ज़रूर पढ़ें🙂

    ReplyDelete
  16. बहुत शानदार प्रस्तुति।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    Free Download Diwali Image

    ReplyDelete
  17. वाह! लाजवाब!!
    बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
    बहुत ही सुंदर लिंक धन्यवाद आपका
    Diwali Wishes in Hindi Diwali Wishes

    ReplyDelete
  18. Really a very helpful article thanks for sharing and keep on sharing!

    ReplyDelete

मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...