Tuesday, January 25, 2011

ऐहसास......................

कुछ ऐहसास मेरे दिल से ...................
.

उसने कहा, हम भूल गये
मेने कहा मैं, मान गया,
उनके दिल में, मैं हूं कहां
मैं अच्छी तरह से जान गया॥


चुप रह कर मैं समझा, मैनें
सब के शिकवे धो दिये,
चुप्पी बनी गुनाह, मेरा
सब रिश्ते मैने खो दिये॥

उम्र कट गयी सारी, दिल को येह समझाने में
शायद तुझको भी चहा हौ किसी ने अनजाने मेँ।।


सब को सुना चुका हूं, मैं अपना अफ़साना
कोई रह गया सिर्फ 'हूं' करके किसी ने समझा
'भला' सिर्फ चुप रेहना॥

शायद यही है मेरा नसीब
रहूँ हमेशा में दुःख के करीब ||


उसी ने दिये जख्म, जो भी मेरा खा़स हुआ
पर बहुत देर बाद इसका एहसास हुआ।
                                                        अशोक"अकेला"





Monday, January 24, 2011

"नसीहत"


                 जो
हम जिन्दगी भर दूसरों को देना चाहते हैं
 बदले मैं दूसरों से कभी भी लेना नहीं चाहते ||

पर मैं आप को कोई नसीहत नही कर रहा,और न ही आप का मूड
खराब करने  का कोई मेरा मूड है |
किन्ही शायरों ने बड़ी नफासत से कहें हें ये चंद शेर :-
जो मैं यहाँ आप की नजर कर रहा हूँ |
..........तो पेश हैं ...........

आप ख़ुद ही सोचिये मैं हूं उनेहे कितना अज़ीज़ ,
वो खुदा को छोड़ ,मेरी कसम खाने लगे          - अज्ञात
.
ऐ शमां तुझ पे रात यह भारी है जिस तरह,
मैंने तमाम उमर गुज़री है इस तरह .           - अज्ञात

तुमाहरे देखने से लोग मुझ कों जान जाते हैं
मैं वो खोई चीज़ हूँ ,जिसका पता तुम हो.        - अज्ञात

छोटी छोटी बातें कर के,कैसे बड़े हो जाओगे
पतली गली से निकलोगे तो बड़ी सड़क पर आओगे.| - अज्ञात 

पास से गुजर गए ,और मेरा हाल तक न पूच्छा,
वो दूर जा के रोये ,मैं कैसे यकीन कर लूँ.         - अज्ञात

और इसके साथ-साथ मैं आप को सुनवाने के लिए आज अहेमद हुसैन .मोहम्द हुसैन भाइयों की
गाई एक खुबसूरत गज़ल उनके गुलदस्ते से चुन कर लाया हूँ |
तो सुनिए और लुत्फ़ उठाइएगा उनकी दिलकश और मीठी आवाज का ....................
तब तक अगले किसी मोड पर मिलने के लिए ...विदा...........
खूब खुश,और सेहतमंद रहें .........तो सुनिए .....
अजनबी शेहर के अजनबी रास्ते ,मेरी तन्हाई पे मुस्कराते रहे...............................




Saturday, January 22, 2011

एक बात तो पक्की ..............................है |


नमस्कार आप सब को .....................यकीनन प्यार भरा |
पर येह भी बिल्कुल सच है ?

इक तरफ़ा प्यार हमेशा दुःख देता है
                और
इक तरफ़ा विश्वास हमेशा धोखा

अर्ज़ है.
आँख और कान बंद किये
होंट और मुहं को सिये
दिल में हजारों जख्म लिए
हम तो बस यूँ ही जिए

किस किस पे यकीन नही, किया मैने
किस किस को मैने मनाया नही,
मेरी,किस्मत ने ही शुरु से धोखा दिया मुझको
जो मैं ही आज तक किसी को भाया नही।

   अशोक"अकेला"

कुछ ऐसा ही अपना दुखडा सुना रहे है |
मरहूम गायक परवेज़ मेहदी अपनी दर्द भरी 
आवाज़ मैं , तो आयें हमभी उन के दुःख मैं शामिल 
हो कर कुछ अपने और उनके  मन को तसल्ली देने की 
कोशिश करते हैं |
गीत पजाबी भाषा मैं है ,पर न सगीत की कोई भाषा होती है 
और न दर्द की ............तो सुनते हैं |
तब तक खुश और सेहतमंद रहें ..............मिलते है अगले 
मोड पर.......................... सुनें...
.

Friday, January 21, 2011

तन्हा .................

अशोक "अकेला"


.................कभी कभी मन इतना उदास होता है | की कुछ कहने सुनने का
मन नही करता || बस चुप और सिर्फ चुप ! एक चुप्पी सी अच्छी लगती है |
और वो दिन शायद आज का दिन है |
बस में और मेरा तन्हा दिल |


 ये न सोचा था कभी
 ऐसे दिन भी आएँग
 होंगे जब हम मुश्किल में
 छोड़ चले सब जायेगे

 जब याद तुम्हारी आएगी
 हम गीत जफ़ा के गायेगे

 भूले भटको कभी अनजानी
  सी राहों पे तुम
 तब याद तुम्हें हम आयेगे

 गर पड़े जरूरत कभी हमारी
 मुड के देखना खड़े नजर हम आयेगे

 यूँ ही कट जायेगे ये दिन भी देखना,
 लौट के फिर, अच्छे दिन भी आयेगे |
                                                     अशोक"अकेला"

...................मिलते हैं !किसी अगले जिन्दगी के मोड पर.............
तब तक खुश और सेहतमंद रहिये |

Saturday, January 15, 2011

नमस्कार..........................स्वीकार करें ............अंकल अशोक "अकेला" का |

माघ का महीना शुरू .............मकर सक्रांति मना ली होगी आप सब ने ?
गंगा मैं डुबकी लगा के ,पापों का बोझ कम कर लिया होगा ? येह माघ का महीना
ही पापों को खत्म करने के लिए और अच्छे काम आरंभ करने के लिए होता है |
और बाकि के महीने बुरे कामो के लिए और पाप इकठा करने के लिए क्या ?

येह मैं नही केह रहा और न ही मेरें पास इतना तीव्र बुधि वाला दिमाग है | जो ऐसे
उच्च विचारों को पैदा कर सके | येह तो आज सुबह की किसी अखबार में किसी बड़े,
ऊँची पहुच वाले (भगवान के साथ ) पंडित जी के उच्च विचार पड़े ,तो पता लगा कि
माघ का महीना सब महीनों से अलग क्यों है |

अब न तो मैं किसी पे इस पर कोई टिपणी कर सकता हूँ और न ही मैं अपने को
इसके काबिल समझता हूँ , यकीनन काबिल ही नही हूँ | अपने तो मोटे और अनपड़
दिमाग मैं एक ही खुजली होती है कि अपने पास कुछ भी इतना जमा ही क्यों करें
कि फिर उसको घटाने की या उसे सम्भालने की चिंता मैं दुबला होना पड़े |

और बाकि की जिन्दगी को डरे डरे या सहमें सहमें रेहना या जीना पड़े |
अपना तो एक ही फंडा रहा है अपनी सारी जिन्दगी मैं ,और अभी भी है..............

कितना भला कहा है ........किसी भले आदमी ने ...................?
इधर मंदिर ,उधर मस्जिद 
इधर गुरुद्वारा ,उधर गिरजा 
है सब का एक ही दर
तू चाहे इधर गिरजा या उघर गिरजा |
|
शायद मुझे अपनी जिन्दगी का माहोल ही ऐसा मिला, जिसमें मुझे इन सारी
चीजों को सोचने समझने या करने का वक्त ही नही मिला ?  आप जो भी कर
रहे हो ,अपनी पूरी मेहनत,और ईमानदारी से करो बस ?

हर इन्सान का देखने का नजरिया अपना ,सोचने की शक्ति अपनी
हर चीज के पहलू दो ,अच्छा ,बुरा ,सच्चा ,झूठा ,नेकी बदी उंच,नीच
और पाप ,पुण्य वगेहरा-वगेहरा,आदि आदि............................


  • कोई भी काम ,कभी भी नुकसान सोच के नही किया जाता !पर नुकसान भी होता है |
  • कोई भी दुखी नही होना चाहता ,पर होता है 
  • कोई भी बईमान  बनना नही चाहता ,पर बन जाता है
  • कोई भी पापी नही बनना चाहता ,पर बनता है |
  • कोई बुरा  काम नही करना चाहता ,पर करता है|
  • कोई झूठ नही बोलना चाहता ,पर बोलता है|
  • कोई शैतान नही होता ,पर बन जाता है |
  • कोई चोर डाकू नही होता ,पर बन जाता है |
  • कोई किसी को मारना नही चाहता ,पर मारता है |
  • कोई क्रोध करना नही चाहता ,पर करता है |
  • कोई किसी को दुःख नही देना चाहता ,पर देता है || 

येह अंतहीन जिन्दगी के  सच हैं ...
ओर आखिर मैं... कौन मरना चाहता है?.. पर मरते है सब |
और जब तक पैदा होते रहेगें ,मरते रहेंगे ,यही सृष्टि का अटल
नियम है ...जो आएगा सो जायेगा ...
फसलें रोपी जायेगी ,काटी जाएँगी ...रोपी जाएँगी ...काटी जाएँगी ...

सो भैया अपनी पूरी कोशिश एक इन्सान बनने  मैं करो न कि भगवान बनने मैं जो कि आप बन ही नही सकते ...अगर आप भगवान बन गए तो बेचारे भगवान का क्या होगा? सो इन्सान बनना ही बेहतर है | अच्छा बुरा तो ये दूसरों पर छोड़ दो ,क्योकि इन्सान कुछ करेगा तो गलतियाँ तो करेगा ही अब किसी को किया अच्छा लगा किया बुरा ,कोई खुश हुआ ,कोई दुखी ,बस अपना काम मेहनत और ईमानदारी से करते रहो ,येह तो एक इन्सान कर ही सकता है |
पर गलतियाँ तो होंगीं ही ...क्यों कि इन्सान गल्ती का पुतला जो है ...

भटक गए अंकल आज तो ... | तो आज कि भूल-चूक माफ !
क्यों कि भगवान सब देख रहा है ...तेरी नेकी बदी,नही उससे छुपी ...
तो फिर काहे का डर तो नीचे सुनिए रफी साहेब को वो भी यही केह रहें हैं ...



...अगले किसी मोड पर मिलने तक खुश और सेहतमंद रहें ||

आप का अपना अंकल अशोक "अकेला"

Thursday, January 13, 2011

आप सब को २०११ की लोहड़ी की बहुत बहुत मुबारक हो..........................................

यादें..................... बचपन की  वो घर-घर जा कर लोहड़ी मांगना 
और येह बोलना ............


Popular Lohri Song
“Sunder mundriya ho
Tera kaun vichara ho
Dulla Bhatti walla ho
Dulle ne ti viahiyi ho
Saer Shakar payi ho
Kudi de boje payee ho
Shallu kaun samete ho
Chacha galee dese ho
Chache choori kutee ho
Zamindaran lutee ho
Zamindara sidaye ho
Gin-gin pole layee ho
Ik pola reh gaya ho
Sipahi farh ke lei gaya ho
Aakho mundao…taana
Mukai da dana
Aana lei ke jana”


बहुत बहुत नमस्कार और बहुत बहुत प्यार........................
आप सब को |
आज खुशी का ,और नाचने गाने का त्यौहार है||
Happy Lohriसो आज आप भी नाचए गाइयेऔर खूब शोर मचाये ,
और बड़े प्यार और सदभाव के साथ सब से मिल कर
लोहड़ी का पवित्र त्यौहार मनाये |
आप के नाच का मजा दुगना करने के लिए मैं आप के
लिए लाया हूँ .किशोर जी का गाया,सी ,राम चेंदर की धुनों
से सजा,और राजिंदर किशन जी के लफ्जो मैं पिरोया ,
येह मस्ती भरा गाना ..१९५७ की फिल्म  आशा  से ...........................
और खुश रहिये ,स्वस्थ रहिये ....................फिर मिलते हैं अगले मोड पर ..........

तो सुनिए............और नाचिये !

Monday, January 10, 2011

शेरों-शायरी



नमस्कार.....................................
Flower Gallery

आज थोड़ी शेरो-शायरी हो जाये | क्या ख्याल है आप सब का ?
हो जाये फिर ?

तो पेश आप की नजर चंद शेर ........................
उम्मीद करता हूँ आप को भी पसंद आयेगें|
यकीनन येह मेरी पसंद तो है ही !
तो पेश हैं .........................


शमां बुझ गई तो महफिल में रंग आया
जब मौत करीब आई तो जीने का ढ़गं आया ( अज्ञात)

तेरी इस बेवाफाई पर फिद़ा होती हे जाऩ मेरी
खु़दा जाने अगर तुझ में वफा़ होती तो क्या होता॥ "ज़फर

जीना भी एक बहुत बडा जुर्म है आखिर
शायद इसी लिये हर शख्स को स़जाए मौत मिलती है|       ( अज्ञात )

दम निकलते ही हुआ बोझ,सभी को मालूम
जल्द ले जाऔ,अब इस ढेर में क्या रखा है
                                                               ( अज्ञात

येह तो नही, कि मुझ को कोई और काम था 
येह भी नही, कि मेरा इरादा बदल गया 
तेरे ख्यालौं में, डूबा हुआ था मैं इतना
तेरे ही घर के सामने से हो कर निकल गया॥
                                                                 ( अज्ञात )

  चलिए फिर मिलता हूँ किसी अगले
मोड पर ...............तब तक खुश और स्वस्थ रहिये .................................................................                                                                
 .

Saturday, January 01, 2011

यादें.....................................२०१० की



                                                स्वागत....स्वागत.....स्वागत



                           विदाई ............. ३१,दिसम्बर  २०१० की रात का बीता अँधेरा
                                  स्वागत .....................१,जनवरी २०११ का आया शुभ सवेरा ||


आप सब का स्वागत है ! २०११ के शुभ सवेरा में |
नया साल सब के लिए भर पूर खुशियाँ और सेहत देने वाला साबित हो |


येह सच है की ,उम्र में ,मैं आप से बहुत पक्का हूँ,
पर ब्लॉग लिखने में ,मैं अभी बहुत ही कच्चा हूँ ||

पर क्या हुआ ? इस उम्र में , मैं आप के साथ चलने की कोशिश तो कर रहा हूँ न ?
आप सब मेरा साथ दीजिए ,मेरा हौंसला बडाये,और क्या ?

पर मै आप से वायदा करता हुं,कि आप जो भी थोडा-थोडा कर के सिखायें गें,मै अपनी
ज्यादा-ज्यादा मेहनत से सीख्नने की पूरी कोशिश करुं गा....................

बचपन में मैंने आप को अपनी ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया ,
तो क्या ,अब मैं आप के मजबूत कन्धो पर अपना हाथ रख के चल भी नही सकता ?


रेहना है अगर B.P से दूर ,तो सदा रहो COOL
यही है मेरी सलाह ,और मेरा SOLUTION 
कम से कम मेरा तो साल २०११ में  ये  नया
बनायाऔर येही रहेगा मेरा अपना RESOLUTION


आप सब खुश रहें ,और सेहतमंद हो |
बहुत सारे आशीर्वाद के साथ ....,,,,,,,,,अशोक "अकेला"


मिलते हें किसी अगले मोड पर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, २०११ में |
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