कुछ ऐहसास मेरे दिल से ...................
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उसने कहा, हम भूल गये
मेने कहा मैं, मान गया,
उनके दिल में, मैं हूं कहां
मैं अच्छी तरह से जान गया॥
चुप रह कर मैं समझा, मैनें
सब के शिकवे धो दिये,
चुप्पी बनी गुनाह, मेरा
सब रिश्ते मैने खो दिये॥
उम्र कट गयी सारी, दिल को येह समझाने में
शायद तुझको भी चहा हौ किसी ने अनजाने मेँ।।
सब को सुना चुका हूं, मैं अपना अफ़साना
कोई रह गया सिर्फ 'हूं' करके किसी ने समझा
'भला' सिर्फ चुप रेहना॥
शायद यही है मेरा नसीब
रहूँ हमेशा में दुःख के करीब ||

उसने कहा, हम भूल गये
मेने कहा मैं, मान गया,
उनके दिल में, मैं हूं कहां
मैं अच्छी तरह से जान गया॥
चुप रह कर मैं समझा, मैनें
सब के शिकवे धो दिये,
चुप्पी बनी गुनाह, मेरा
सब रिश्ते मैने खो दिये॥
उम्र कट गयी सारी, दिल को येह समझाने में
शायद तुझको भी चहा हौ किसी ने अनजाने मेँ।।
सब को सुना चुका हूं, मैं अपना अफ़साना
कोई रह गया सिर्फ 'हूं' करके किसी ने समझा
'भला' सिर्फ चुप रेहना॥
शायद यही है मेरा नसीब
रहूँ हमेशा में दुःख के करीब ||
उसी ने दिये जख्म, जो भी मेरा खा़स हुआ
पर बहुत देर बाद इसका एहसास हुआ।
अशोक"अकेला"