क्या आप मेरी इस बात से सहमत हैं .....अपना किया
बुरा कर्म आप सब से छुपा सकते हैं ...झूठ बोल कर ,वर्गालाकर
धोखा दे कर, खुद को चालाक समझ कर दुसरे को बेवकूफ समझ कर
वगेरा...वगेरा ...
पर क्या अपने आप से, अपने दिल से या अपने में बसी अपनी आत्मा से
भी छुपा सकते हैं???....नही न ..
तो फिर क्यों अपनी बुराई न देख, दूसरों की बुराई पर नज़र जाती है...
शायद वो उनकी अपनी नज़र में उनकी अच्छाई हो...
सार्थक पोस्ट।
ReplyDeleteसच कहा है आपने .. खुद से ज्यादा खुद को कोई नहीं जानता ...
ReplyDeleteआशा है आपका सस्थ ठीक होगा ... मेरी शुभकामनायें ... अपना ध्यान रखें ...
KYA BAAT HAI BADI HI SUNDER LINE LIKHI HAI AAPNE, THANKS FOR SHARING, Free me Download krein: Mahadev Photo
ReplyDeleteनमन अशोक जी 🙏😔🙏😔🙏😔🙏
ReplyDeleteThanks for this blog. It is really helpful.
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