Friday, April 29, 2011

एक भारतीय माँ का ...एक अनोखा ममता का रूप ...

कभी देखा है आपने ...???
मैंने तो नही देखा ...अपनी ७० वर्षीय जिन्दगी में !!!
क्या माँ ऐसी भी होती है  ??? या हो सकती है !!!
हाँ होती है! सिर्फ भारतीय  माँ ही ऐसी हो सकती है !!!
येह है आप के सामने ...

"एक अनाथ बछड़ा अपनी मुहँ बोली माँ के साथ "
(चित्र गूगल द्वारा आभार सहित )

















शत्-शत् प्रणाम,   शत् -शत् प्रणाम,   शत्-शत् प्रणाम !!!
ऐसी भारतीय माँ को ..
अशोक"अकेला".

Thursday, April 28, 2011

एस एम् एस ... जो साझा करना चाहता हूँ मैं आप से ...



हर वो शक्स जो आप की जिन्दगी के

इर्द-गिर्द रेहता है वो कभी न कभी

आप के दिल को जाने-अनजाने

दुखायेगा ,अब ये आप के उपर है की

आप को कौन ज्यादा जरूरी है और आप

अपने साथ किसे रखना चाहेंगे ?

दर्द या दर्द देने वाले को...

Tuesday, April 26, 2011

आज अपने पे हंसने का मन हो रहा है :-) :-) :-) एक कडवी सच्चाई ........ पर एक व्यंग के रूप में ...

ज्यादा मुस्कुराइये मत ...??? ये आप का आने वाला 
कल भी हो सकता है !!!
  
फर्क कल और आज में !
क्या वो भी दिन थे 
जब निकलता था मैं 
घर से काम को | 
छज्जे पे खड़े हो कर 
                                       पूछते थे वो "प्यार" से 
                                            वापस घर कब आओगे| 

अब क्या आज के दिन है 
सुबह उठते ही वो 
खड़े हो जाते दरवाज़े पर !
केहते हैं बड़े तीखे "वार" से  
जल्दी करो ,और भी काम हैं 
अब !कब!!!! घर से जाओगे ? |

अशोक"अकेला"|

Saturday, April 23, 2011

मैं क्यों लिखता हूँ ...???


मैं क्यों लिखता हूँ ?
मैं मसरूफ हो गया | 
मैं किस लिए लिखता हूँ?
मैं बोल नही सकता !

इस लिए लिखने पे मजबूर हो गया , 
कड़वा कहने ,सुनने से दूर हो गया|

मेरे लिखे को पडेगा कौन?
मैं ! खुद ! 
क्या सोचा था ?
याद नही... 
क्या लिखा था ...
पड़ लिया मैंने !

कम हो गया बोझ !
दुःख दूर हो गया |

बस इस लिए मैं ,
लिखता हूँ ||

अशोक"अकेला"

Thursday, April 21, 2011

एक अपील ....अपने चाहने वालों से ...


अशोक सलूजा

















मेरे आभासी रिश्तों के दोस्तों,बच्चे-बच्चियों!
आप सब का बहुत-बहुत आभार ,आप ने मुझे पड़ा ,समझा,
अपनेपन का एहसास कराया और प्यार,इज्जत बख्शी |
आप के इस ब्लाग-जगत में, मैं दिसंबर २०१० में आया |
आज-कल में ही मैने ब्लाग बुखार  पर एक "पाबला" जी की 
पोस्ट पड़ी ,जिसमें वो अपने पांच-वर्ष ,ब्लागिंग पर बिताए का 
निचोड़ बता रहे है | और इसके साथ-साथ "आभासी रिश्ते" का लफ्ज 
मुझे पड़ने को मिला "निर्मला कपिला " जी के ब्लाग पर | 


बस इन्हें पड़ने के बाद मेरे दिल की सारी शकाएँ ,सारे भ्रम पलने 
से पहले ही दूर हो गये | "पाबला" जी को  पांच वर्ष की मेहनत से
मिले तुजर्बे को मैने उनकी नकल कर के अपने पांच महीने में ही
हासिल कर लिया |इस से पहले कि कोई टिप्पणी ऐसी मिले जो मेरे
जाने-अनजाने दिल को दुखा जाये ,जिसका मुझे एहसास भी न हो कि 
ऐसा क्यों ...? शायद जिसकी वजह से मैं बाहर कि दुनिया छोड़ 
आप के ब्लाग-जगत में आया तो फिर यहाँ भी वही | तो फिर अपने 
में ही सिमट जाना बेहतर है |   आखिर कहीं बजुर्गी का तजुर्बा काम 
तो आया ?


मैं तो वैसे ही जब से यहाँ आया हूँ ,यही कहे जा रहा हूँ ,की मैं तो 
बिना यहाँ की रीति-रिवाज समझे ,जाने-पहचाने ,भूले-भटके आ गया |
न ज्ञान ,न ध्यान ,न चापलूसी ,न अच्छे शब्दों का बखान |
न किसी की टिप्पणी पाने के काबिल ,न किसी के लेख पर टिप्पणी 
देने के काबिल | इसका भी मैं यहाँ पहले आपसे जिक्र कर चुका हूँ | 


फिर मैं लिखता क्यों हूँ ?  किस लिए लिखता हूँ ?
इसका जवाब मैं अपनी अगली पोस्ट में चंद लाइन्स
में देने की कोशिश जरूर करूँगा |

अब आज की अपील
आज तक अपने बनाये ,पसंद किये ,चाहे आभासी रिश्तों के ब्लागों 
को पडूंगा,उनसे कुछ सीखने की कोशिश करूँगा | पर किसी पर टिप्पणी 
करने की गुस्ताखी नही करूँगा ,ये तो मेरे बस में है न ..?|

आप के बस में है:- चाहे किसी के ब्लाग पर जाये या न जाये ,टिप्पणी करें या 
न करें | प्यार करें.या नफरत ,किसी को खुशी दें या दुःख |किसी के लिखे पर 
उसे प्रोत्साहित करें या निंदा |

पर मैं आप से उम्र मैं बड़ा होने के बावजूद ,अपने दोनों हाथ जोड़ कर प्रार्थना 
करूँगा की मेरे किसी लिखे पर टिप्पणी करने के प्रत्युतर टिप्पणी पाने या 
ब्लाग पर आने की आशा पर कृपया टिप्पणी न करें | मैं इस काबिल नही ......
मेरे लिए आप सब मेरे प्यार,स्नेह,शुभकामनाये और आशीर्वाद के बराबर हिस्सेदार 
हैं |  मैं ये काम अपना करता रहूँगा |इसके बदले आप से ये चाहुगा की अपने दिल 
में मेरे लिए थोडा स्नेह,थोड़ी इज्जत बनाये रखें |बस....

अंत में :- मैं तो अब, तब तक लिखता रहूँगा ,जब तक मेरे हाथ इस काबिल हैं |
दिल में एहसास है ,मेहसूस करने के लिए जज्बात हैं ,वर्ना दिमाग से तो मैं .......?
मेरा तो समय ही इससे कटता है ...और क्या करूं ? चलते-चलते सब से यही 
कहूँगा कि.......



सब खुश रहें और स्वस्थ रहें !
आशीर्वाद!
अशोक सलूजा !

  

    

Wednesday, April 20, 2011

एस एम् एस ........जो साझा करना चाहता हूँ मैं आप से .....







कभी दिल की कहो,कभी दिल की सुनो


कभी भीड़ मैं रहो तन्हा-तन्हा


कभी दिन मैं सपने बुनो


फूलों से निकालो कांटे


कभी काँटों से फूल चुनो |










Monday, April 18, 2011

एस एम् एस ........जो साझा करना चाहता हूँ मैं आप से .....

कितनी बुरी लगती है जिन्दगी ,जब हम अपने आप को

तन्हा महसूस करते हैं -मरने के बाद मिलते है चार कंधे

जीते जी हम एक कंधे को तरसते हैं |

Sunday, April 17, 2011

एस एम् एस .... जो साझा करना चाहता हूँ मैं आप से ......









ये जिन्दगी का
 सच है ?
लोगो के लिए 
आप तब तक 
अच्छे हो
जब तक आप 
उनकी उम्मीदों को पूरा 
करते हो
और सभी लोग तब तक अच्छे है जब तक 
आप उनसे कोई उम्मीद नही रखते

Saturday, April 16, 2011

एस एम् एस .... जो साझा करना चाहता हूँ मैं आप से ......

समय तय करता है ,जिन्दगी मैं आप

किस से मिलोगे ,

दिल तय करेगा की आप जिन्दगी मैं

किस को चाहोगे

आप का व्यवहार तय करेगा की जिन्दगी मैं

कोन आप के साथ रहेगा |

Friday, April 15, 2011

गई भैंस ...??? पानी में ...

आभार सहित चित्र गूगल द्वारा 

भले ही ये मेरी तुक-बंदी है

भ्रष्टाचारी मिल के लगा रहे 

इस पे भारी पाबन्दी है 

भ्रष्टाचार का मुद्दा पड़  गया 

अब है बड़ी परेशानी में 

अन्ना के हाथों से छुटी

भैंस सरक गयी है 

अब पानी में ||


अशोक"अकेला"

Thursday, April 14, 2011

अन्ना हजारे का .... सफेद चश्मा ...???


अब क्या कहूँ ?
कैसे कहूँ ?

किस से कहूँ ?
मैं कुछ अब 
बहाने से |

कभी इधर जाऊं 
कभी उधर जाऊं 

कभी ये पुछे 
कभी वो पुछे 

कभी इसको बताऊं  
कभी उसको सुनाऊं 

कुछ मिले फुर्सत 
तो तुम्हे  दिखाऊं 

है एक अनार 
और सौ बीमार

किस को समझाऊं  
किस को मनाऊं

अन्ना हस के बोले 
तुम को तो सब में  
मतभेद नजर आते हैं 

मैंने तो पेहना 
है चश्मा सफेद 

मुझ को तो बस 
सब सफेद नजर 

आते है || 

अशोक"अकेला"


Tuesday, April 12, 2011

एक आम आदमी के सपनों पर भी .... क्या किसी खास आदमी का हक है....????


















ऐसा क्यों ...???
लोकपाल बिल के पास होने से क्या होगा ?

क्या आम आदमी के बच्चे को स्कूल मैं दाखिला मिल जायेगा ?

क्या एक आम घर की ग्रेहणी  को रसोई मैं गैस सेलैंडर मिल जायेगा ?

क्या एक आम  आदमी को नौकरी मिल जायेगी ?

क्या एक आम आदमी चोर बनने से बच जायेगा ?

क्या आज की नौजवान पीढी   को कॉलेज मैं दाखिला मिल जायेगा ?
                                                 या 
ऐसे तुम हम मैं जडो तक डूबा भ्रष्टाचार खत्म कर लोगो ?
ये कुछ सवाल है, जो आज का खास आदमी पूछ रहा है ,एक आम आदमी से !


आज के खास लीडर अपने आज के आम मतदाता से ! 
                      
बस ये छोटे -छोटे से सपने है ,आम आदमी के ....जो वो लोकपाल बिल के 
पास होने की आस  से देख रहा है ,या जो अन्ना हजारे ने उन्हें देखने का सपना दिखाया है |
और आम आदमी इस  सपने से खुश है ....कब तक .....

ये उस खास आदमी के हाथ मैं है ,जो ये उपर देखे सपनों मैं खलल डाल रहा है |
सिर्फ उसे पता है की ये सब सपने हैं और मैं इन को कभी पूरा नही होने दूँगा |
तो इसमें हो हल्ला किस लिए ? खास आदमी सपने तोड़ने के मनसूबे बना रहा है ,
तो बनाता रहे |  जब आम आदमी का सपना टूटेगा तो वो खुद ही हकीकत की 
दुनियां मैं आ जायेगा | पर जब उस ने सपना देखने की हिम्मत जुटाने का कुछ 
साहस किया है ,वो भी अपनी नीदं के सपनों मैं तो देख लेने दो न ?

कुछ दिन तो जी लेने दो उसको अन्ना हजारे के सपनों की दिखाई दुनिया मैं |

एक आम आदमी के सपने को तोड़ने की कोशिश मैं रोज-रोज नए-नए विवाद ,
परिवारवाद, महिला विवाद ,भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने से वाह-वाह लेने का विवाद 
न जाने क्या-क्या ...??? ये सब क्योँ ..... इसमें तो वो सब बधाई के पात्र है जो 
आम आदमी इससे जुड़ा है |
एक बात को बार-बार केहना भी अच्छा नही लगता ,इस लिए आप से सिर्फ इतना 
ही....की जो मेरे दिल मैं आया वो मैंने कहा जिस भाषा में ,मैं बोल सकता हूँ ,उसमें 
मैंने लिख दिया | मेरे दिल और उसके एहसास को पड़ें...  न की लिखी भाषा की गल्ती|

   मुझ को प्यार का एहसान नही ,
प्यार का  एहसास  चाहिए |
मुझ को पराया-पन नही ,
अपना-पन पर खास चाहिए || 

बस एक बात और...  मुझ जैसे आम हर छोटे - बड़े इन्सान को... कि ये सपनों की दुनिया 
की राह मैं हमारा पेहला कदम है, और सपनों की मखमली सड़क पर पहुंचने के लिए 
इस काटों भरी राह को तो पार करना ही होगा |

सो हिम्मत बांधे रखिये ,सपने देखते रहिये ,एक दिन सपने सच होंगे |
उस दिन बगेर कुछ कहे सपने तोड़ने वालो को हमारा ,उनके आज  के 
सवालों का एक जवाब होगा | 

आने वाले खुशगवार सपनों के लिए !
शुभकामनाएँ और आशीर्वाद !
सब खुश और सेहतमंद रहें |

अशोक"अकेला"    



Friday, April 08, 2011

किसी की मुस्कराहटो पे हो निसार ...



















किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार ......
अन्ना की तरफ से .....हम सब भारतवासियों को ....
जो बयां के बाहर है ... सुनियें और एहसास के साथ 
बस मेहसूस कीजिये!!!!!!!!!



Wednesday, April 06, 2011

अन्ना हजारे का आमरण अनशन .... किस के लिए ...???












करोडो की भीड़ में से आखिर एक साधरण सा इन्सान आप 

और हम जैसो आम इंसानों के लिए ....
फरिश्ता बन के खड़ा हो ही गया ,भ्रष्टाचारियों के बीच 
इमानदारी की आवाज बन कर | इस सुनहरे मोके को
हाथ से न जाने दे |
अब नही तो कभी नही ...???

अन्ना हजारे का आमरण अनशन ५.४.२०११ से भारत की राजधानी दिल्ली के 
जंतर-मन्त्र पर जारी है | उनका केहना हे की अब हम या अपनी 
जान देगे या आम आदमी के लिए जन लोक बिल पास कराके 
भारत को भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों से आजाद करायेंगे |
ये सब किस के लिए हम तुम आम इन्सान के लिए | 
सो आप सबसे ये विनती है की भारत के सुंदर भविष्य के 
लिए आप अपना सहयोग दें | कैसे ...जैसे भी आप चाहें |
इसके बारे मैं आप अपने सामर्थ्य अनुसार सबको बताएं |
उनको साथ देने में करोडो की भीड़ में  आप भी अपना नाम 
लिखाए ओर सहयोग दें|

 भ्रष्टाचार को मिटाओ ,अन्ना का साथ निभाओ
जन लोकपाल बिल को पास कराओ, अगर अब नही तो कभी नही 
सब भ्रष्टचारियों को भगाओ ,देश में खुशहाली लाओ 
आने वाली पीडी तुमें  याद करेगी ,तुमे इज्जत से सलाम करेगी 
अपनी तो हमने काट ली ,उनके लिए कुछ अच्छा करके जाओ
अन्ना को कोई पार्टी ,किसी लीडर का हाथ  नही चाहिए
अन्ना हजारे को सिर्फ आम आदमी का साथ चाहिए |


तब तक कम से कम एक अपने-अपने मोबाइल फोन से 
missed call ही कर देंगे तो आप का साथ हो जायेगा |
नम्बर ये है . 022-61550789.
उम्मीद करता हूँ ! फ़िलहाल इतना कहा तो मानेगे ही ......

आने वाले सुनहरे भविष्य के लिए 
शुभकामनाएँ !  
अशोक"अकेला"                                   (  एक अपील आप सब को हम सब के लिए )





Monday, April 04, 2011

बीरबल जी ने क्या कहा ...???















कुछ दिन पेहले मेरी बड़ी बेटी दीपिका ने मुझे एक एस एम् एस किया था |
और इस एस एम् एस की कहानी के सूत्रधार थे ."बादशाह अकबर ,और उनके
नवरत्नो मैं से एक उनके चेहते रतन "बीरबल "|


मुझको "मैं सिर्फ अपनी बात कर रहा हूँ " ये इतना भाया,इतना अच्छा लगा (हो सकता है
अपने पेहले ही सुना हो पर मुझ तक ये इस उम्र मैं ही पहुचा ) कि मैं इसे अपनों जैसो को
पड़ाने का लोभ दबा नही सका |

"मुझे" लगा कि इस को पड़ कर हर शक्स का भला हो सकता है|

१. जो वर्तमान जीवन बड़े सुख, सकूं,खुशी और हर प्रकार की ऐश से भरपूर
सुविधाओं के साथ बीता रहे हैं ,वो इसको पड़ कर और अपनी खुशियाँ दूसरों
से बाँट कर अपने  सुख मैं और इजाफा करेंगे और इस का भरपूर लाभ उठाएंगे |


२. जो शक्स वर्तमान जीवन बड़े दुःख और कष्टों में जी रहे हैं | उन्हें ये पड़ कर
अपने जीवन मैं खुश और सुख के आने का संदेश मिलेगा | और उनकी आँखों मैं
बेबसी की जगह खुशी मिलने की इंतजार में चमक दिखेगी|

बस इतना सा मकसद है मेरा | जिसके पीछे इतनी भूमिका बांधनी पड़ रही है |
और बात अब तक नही बताई ,बस यही ज्ञानी और अज्ञानी में फर्क ......|

"एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा "

बीरबल "आज कुछ ऐसा लिख के बताओ कि उस लिखे
को अगर कोई सुख मैं पड़े तो उसे दुःख का एहसास हो" |


और "उसी लिखे को कोई दुःख मैं पड़े तो उसे सुख का
एहसास हो" |


बीरबल जी ने जो लिखा "वो मेरे जैसो के लिए उपदेश"
आप के लिए " विचार"!

किसी के लिए उपदेश ,किसी के लिए विचार ,पसंद आप की अपनी...

शब्द महान विद्वान बीरबल जी के .......?..(ये वक्त भी गुजर जायेगा )  
      
अशोक"अकेला"

Sunday, April 03, 2011

सब को मुबारक ,समां ये सुहाना... हम खुश हैं हमारे ,आंसूओ पे न जाना ||

ये रुंधे  गले से मुबारक थी .
श्री लकां निवासियों की !हम भारतवासीयों को !
क्रिकेट जगत के खेल मैं 
भारत को वर्ड-कप २०११  जीतने पर | 


कहीं पे खुशी 
कही पे गम्
जो जीत गये 
मुबारक उनको 
जो हार  गये 
उनके साथ हैं हम

ये है हिंदुस्तान 
हम है हिन्दुस्तानी 
हर हिन्दुस्तानी की
बस यही कहानी 

जीत अपनी मैं 
हम खुशी मनाते 
जो हार गये 
उनके दुःख मैं 
हम सब उनका 
हैं साथ निभाते || 


अशोक"अकेला"







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