हद हो गई इंतज़ार की ....इधर तो कोई
झाँक के भी राज़ी नही लगता ...किसी को
क्या कहें ..यहाँ अपना भी ये ही हाल है ..इधर आते
आते आज छे महीने होने को आ रहे हैं ???पता नही
क्यों ...पर यहाँ जैसा अपनापन कहीं नही ..यहाँ आ कर
ऐसा लगता है जैसे भूला भटका शाम को अपने घर आ
जाये ....और भूला न कहलाये ....
फेस बुक तो है...जब तक आबाद
ब्लॉग तो रहेगा ..हमेशा ज़िन्दाबाद||
कितना अब और इंतज़ार करूँ मैं...??? पूछता तो हूँ हमेशा ...फिर बार बार करूँ ....
आरज़ू है मेरी तेरा , मैं
दीदार करूँ
तू न मिले मुझसे, मैं
इसरार करूँ
तू निबाहे न वादा , मैं
ऐतबार करूँ
तू आये गी अभी, मैं
इंतज़ार करूँ
तू चाहे न करे प्यार, मैं
बार-बार करूँ
तू उठवाये मुझसे कसमें , मैं
इकरार करूँ
अब तो आजा तुझसे, मैं
प्यार करूँ
माने न तू मुझको अपना , मैं
जाँ निसार करूँ
आखिर इक अदना सा इंसान , मैं
कितनी मनुहार करूँ ..???
अशोक 'अकेला '
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इन्तजार की घडी अनंत है ....बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteबगुत-बहुत आभार आप के स्नेह का प्रसाद जी....
Deleteदिल की आवाज शब्दों में साफ़ सुनाई पड़ रही है , सर !
ReplyDeleteआपके स्वस्थ जीवन और सुखमय पलों की कामना करता हूँ !
गोदियाल जी ..आप का स्नेह दिल को बाग़ - बाग़ कर गया |
Deleteआप के स्वास्थ्य के लिए दिल से मंगल कामना करता हूँ ...
आप के स्नेह का आभारी हूँ जी .....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर नज्म अशोक जी , पढ़कर ये अहसास होता है की जज्बात की कोई उम्र नही होती.
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " भारत और महाभारत - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआप के स्नेह का आभार शिवम् जी ....
ReplyDeleteवाह, बहुत ही सुन्दर..
ReplyDeleteप्रवीण जी ..आप के स्नेह का बहुत बहुत आभार जी .स्वस्थ रहें .
Deleteइंतज़ार हनेशा मीठा होता है ... फिर मिलन हो जाता है तो इंतज़ार का मजा तो ख़त्म ही हो जाता है ... पर फिर भी कामना तो मिलन की ही होती है ...
ReplyDeleteकैसे हैं आप ... में बिलकुल ठीक हूँ ... करीब ३ महीने से फरीदाबाद ही हूँ ... कई बार आपका ख्याल आया हालांकि ब्लॉग जगत में भी तीन चार महीने बाद ही आया ... शायद दिल दे दिल की राह थी तभी तो ब्लॉग पर आते ही आपका समाचार आया ...
खुश रहिये नासवा जी ...शुक्रिया आप का ..
Deleteसच्चे प्यार में ही मनुहार की सबसे बड़ी गुंजाइश रहती हैं ...तंगदिल प्यार में नहीं ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना ...
बहुत-बहुत आभार कविता रावत जी आप का ..,
Deleteखूबसूरत अभिव्यक्ति सलूजा जी
ReplyDeleteबहुत-बहुत आभार कुशवंश जी आप के स्नेह का ...
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