दूसरों की सुन के,खुद से कह के
खुश हो लिए,
दे के दिल को दिलासा, प्यार से और
खुद रो लिए ...
...अकेला
मन करता है ....!!!
आँख में आंसू साथ नही
रोने का मन करता है...
खोने को कुछ पास नही
कुछ खोने का मन करता है...
मैं किसी से नाराज़ नही
पर होने का मन करता है...
न मुझको कोई मनाएगा
पर रूठने का मन करता है...
पता है, न ढूंढेगा कोई मुझे
पर खो जाने का मन करता है...
किस-किस ने किया बर्बाद मुझे
अब भूल जाने का मन करता है...
न रही अब किसी को ज़रूरत मेरी
ये अब मान जाने का मन करता है...
जहां से भी मिले प्यार मुझे
बस ले लेने का मन करता है...
न किया जान-बूझ के कोई गुनाह
फिर भी पश्चाताप का मन करता है...
बहुत सा रत-जगा है आँखों में
अब सो जाने का मन करता है...
न कोई करेगा अब याद मुझे
बस मर जाने को मन करता है...
उम्र भर जला ,मैं थोड़ा-थोड़ा
अब पूरा जल जाने का मन करता है...
जिससे भी मिला ,पल भर का सुकून
'अकेला' उन सब को दुआ देने का मन करता है ......
अशोक'अकेला' |
अक्षरश: मन में गहराई से उतरते शब्द किसी पंक्ति विशेष का चयन करना मुश्किल हो गया है ... आपकी लेखनी को नमन
ReplyDeleteसादर
बहुत सुंदर
ReplyDeleteन किया जान-बूझ के कोई गुनाह
फिर भी पश्चाताप का मन करता है...
बहुत सा रत-जगा है आँखों में
अब सो जाने का मन करता है...
क्या बात है
ReplyDeleteपता है, न ढूंढेगा कोई मुझे
पर खो जाने का मन करता है...
किस-किस ने किया बर्बाद मुझे
अब भूल जाने का मन करता है...बहुत बढ़िया
आज अधूरे, मन के कहने, हम न माने,
ReplyDeleteआस यही, मन की अभिलाषा पूरा जाने।
बहुत गहन भाव है...
ReplyDeleteमगर मन को नयी दिशा दीजिए ...
अगर ये सिर्फ रचना है तो बहुत सुन्दर...
सादर
अनु
aap ki umr men sapno
se sajti hai rachna
hamari umr men tajurbon
se banti hai rachna .....
khush rahen!
बहुत ख़ूब!
ReplyDeleteएक लम्बे अंतराल के बाद कृपया इसे भी देखें-
जमाने के नख़रे उठाया करो
यादों से है लम्बा रिश्ता,अंतिम क्षण तक आयेगी
ReplyDeleteयादो को हम याद करेगे,यादें बढ़ती जायेगी,,,,,
RECENT POST,परिकल्पना सम्मान समारोह की झलकियाँ,
bauhat khoob!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार (2-09-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
ReplyDeletebehtareen ,"man chanchal bachal ho gya,manmani ab karta hai,thoda esko samjhao ji,nahak bebs kyon karta hai"
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteसबका सुख अपना-अपना
Deleteमेरे सुख को जाने कौन ?
आदरणीय, आपने तो जीवन के मर्म को शब्दों में ढाल दिया है,ऐसी ही तन्हाई को महसूस कर मैंने भी एक गीत रचा था,शायद पसंद आये......
सभी अकेले हैं यहाँ,पीर कहे पर कौन
कोई कह दे गीत में ,कोई रहता मौन ||
लीजिये प्रस्तुत है.....
सब अपने-अपने में खुश हैं
मुझको अपना माने कौन ?
अब ऐसी दुनिया में यारों
जीना क्या, ना जीना क्या ?
सबकी अपनी-अपनी हस्ती
मेरी हस्ती माने कौन ?
वो युग न रहा,दुनियाँ न रही
रिश्तों पर जान लुटाते थे
ऐसे युग में जी के क्या करें
आएगा हमें मनाने कौन ?
ना घर मेरा, ना रिश्ते मेरे
मैं मान करूँ तो कैसे करूँ ?
अपने ही हँसी उड़ाये जब
फिर आए मुझे हँसाने कौन ?
मैंने खुद जला कर रौशन की
जिनकी दुनियाँ - मेरे न हुए
क्यों खुद को ही न राख करूँ
आएगा मुझे जलाने कौन ?
सच्चाई यही है....जिन्दगी का फ़लसफा भी इसमें और
Deleteकुदरत का कानून भी ....इसी में रहना है और इसीको
सहना है .....
बहुत सुंदर !
आभार आपका !
बेहद गहन भाव ,दिल को छु गयी रचना
ReplyDeleteएक -एक शब्द दिल को छू लेनेवाले है..
ReplyDeleteक्या कहने सर...
बहुत बढ़िया .....
शानदार...
नमन है आपको...
आपकी लेखनी को...
:-)
बहुत सुंदर रचना :
ReplyDeleteयहाँ का मन भी देखिये जरा
कितना हो गया है मसखरा
आदमी तो बन नहीं पाया हूँ मैं
भगवान बन जाने का मन करता है !
वाह एक-एक पंक्ति लाजवाब है सर अक्षरश: मन में गहराई से उतरते शब्द किसी पंक्ति विशेष का चयन करना मुश्किल हो गया है ... आपकी लेखनी को नमन...
ReplyDeleteआप सब के स्नेह और सम्मान के लिये
Deleteबहुत-बहुत आभार !
Very nice.
ReplyDelete
ReplyDeleteआज 03/09/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
हर मिसरे को गले लगाने को मन करता है ...बहुत ही उम्दा प्रस्तुति..सीधे दिल में उतरती हुई...साभार...!!!
ReplyDeleteफिर भी कभी कभी ''खुद का होने का मन करता है''||
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ReplyDeleteजिससे भी मिला ,पल भर का सुकून
'अकेला' उन सब को दुआ देने का मन करता है ......ये नखलिस्तान (पल दो पल के ओएसिस )ही है ज़िन्दगी ,बाकी सब जूनून है .बढ़िया रचना .....
बहुत ही लाजवाब भावमय प्रस्तुति ... गहन भाव ...
ReplyDeleteआप सब के प्यार ,स्नेह और मान-सम्मान के लिये
ReplyDeleteमें अपने दिल से आभार प्रकट करता हूँ !
आशीष और शुभकामनायें !
hriday ko chhooti hui rachna ...bahut gahan bhaav ..man bhar aayaa ...
ReplyDeleteshubhkamnayen ...