बहुत बढ़िया प्रस्तुति! आपकी प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (14-07-2012) के चर्चा मंच पर लगाई गई है! चर्चा मंच सजा दिया, देख लीजिए आप। टिप्पणियों से किसी को, देना मत सन्ताप।। मित्रभाव से सभी को, देना सही सुझाव। शिष्ट आचरण से सदा, अंकित करना भाव।।
बहुत गहरे भावमय करते शब्द बेहतरीन रचना... "अपने ही होतें हैं ,जो दिल पर वार करते हैं ... वरना गै़रौं को क्या खबर ...कि दिल किस बात पे दुखता है " वाह||| क्या बात कही है आपने... बहुत खूब:-)
"अपने ही होतें हैं ,जो दिल पर वार करते हैं ... वरना गै़रौं को क्या खबर ...कि दिल किस बात पे दुखता है " बहुत गहरी जज्बात ले सुन्दर गजल कह डाली.. अशोक जी ..आभार..
गहरी अभिव्यक्ति.....
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिखा है ...
ReplyDeleteसत्य कह रहे हैं आपके जज़्बात ...
दिल तो अपने ही दुखाते हैं क्यूंकि उनसे भावनात्मक रिश्ते होते हैं ..
ReplyDeleteपर अच्छा है अपनाप को अकेला समझना .
...कमसेकम किसी से उम्मीद तो नहीं होती..!
बहुत भाव पूर्ण सुंदर प्रस्तुति,,,,अशोक जी, वाकई रचना बहुत पसंद आई
ReplyDeleteRECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
बहुत अच्छी ग़ज़ल
ReplyDeleteवाह ... भावमय करते शब्द ... बेहतरीन प्रस्तुति ..आभार
ReplyDeleteवाह बहुत खूबसूरत शब्दों का समावेश ...सादर
ReplyDeleteवाह अशोक जी . रचना में जिंदगी का अनुभव झलक रहा है .
ReplyDeleteजिन्दगी से गहरे जुडी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआभार ।।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपकी प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (14-07-2012) के चर्चा मंच पर लगाई गई है!
चर्चा मंच सजा दिया, देख लीजिए आप।
टिप्पणियों से किसी को, देना मत सन्ताप।।
मित्रभाव से सभी को, देना सही सुझाव।
शिष्ट आचरण से सदा, अंकित करना भाव।।
आभार आपका !
Deleteबहुत सुंदर रचना...
ReplyDeleteसादर।
बहुत गहरे भावमय करते शब्द
ReplyDeleteबेहतरीन रचना...
"अपने ही होतें हैं ,जो दिल पर वार करते हैं ...
वरना गै़रौं को क्या खबर ...कि दिल किस बात पे दुखता है "
वाह||| क्या बात कही है आपने...
बहुत खूब:-)
वाह ...
ReplyDeleteआपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है प्लस ३७५ कहीं माइनस न कर दे ... सावधान - ब्लॉग बुलेटिन के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
शिवम जी ,
Deleteआभारी हूँ आपके स्नेह का !
उम्दा..
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDelete"अपने ही होतें हैं ,जो दिल पर वार करते हैं ...
ReplyDeleteवरना गै़रौं को क्या खबर ...कि दिल किस बात पे दुखता है " बहुत गहरी जज्बात ले सुन्दर गजल कह डाली.. अशोक जी ..आभार..
जमाने ने मारी ठोकर,सब कुछ दिया सिखाय
ReplyDeleteआज अकेला आता नजर,कोई न साथ निभाय,,,,,,
बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,
RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
बहुत खूब लिखा है आपने..
ReplyDeleteबेहद सुन्दर भाव लिए खुबसूरत रचना ,जो जिन्दगी को करीब से दिखाती है.
ReplyDeleteमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
"अपने ही होतें हैं ,जो दिल पर वार करते हैं ...
ReplyDeleteवरना गै़रौं को क्या खबर ...कि दिल किस बात पे दुखता है "~~
बहुत सही बात कही आपने !
सादर!
सब अकेले हैं और सब साथ में है...
ReplyDeleteगहरी अभिव्यक्ति
खूबसूरत...
ReplyDeleteभावों में अनंत सागर की गहराई है.
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर प्रस्तुति ...
ReplyDeleteसाभार !!
खूबसूरत भावपूर्ण प्रस्तुति,यार चाचू.
ReplyDeleteदिल से निकली हुई,दिल को छूती हुई.
गाना याद आ रहा है
'सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी
सच है दुनिया वालो कि हम हैं अनाड़ी'
शायद आपके काम आजाये ये मेरा अनाड़ीपन:-)))
Deleteशुभकामनाएँ!
भावों की प्रबलता अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट "अतीत से वर्तमान तक का सफर" पर आपका हार्दिक अभिनंदन है।
ReplyDeleteबधाई सुंदर रचना के लिए भाई जी ...
ReplyDeleteआज से आमिर भी है आपका फेन नंबर अठान्वें ,
ReplyDeleteवक्त मिले तो जरुर आना ,स्वागत करता मेरा ''मोहब्बत नामा ''
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
जब हम दिल के आईने में देखते हैं ...
ReplyDeleteतो कुछ गलत हो ही नहीं सकता ...
भावों का सुंदर संयोजन
सादर !!
भावो का सैलाब उमड़ रहा है ... हर शेर गज़ब ढा रहा है ... लाजवाब ...
ReplyDeletesundar rachna ke liye bahut bahut adhai..
ReplyDeleteनेकी कर दरिया में ड़ाल.अच्छों को तू कर ले याद .
ReplyDeleteआप सब का बहुत-बहुत ....
ReplyDeleteआभार !