Friday, July 20, 2012

यादेँ....जो भूलती नही !!!

झाँकने दिल का कोना गया था, कि तुम कहाँ हो,
मिला न खाली कोना,जिधर देखूं ,तुम वहाँ हो....
---अकेला

ये रातों के साये मुझ को सोने नही देते 
ये दिन के उजाले मुझ को रोने नही देते 

लाख कोशिश करता हूँ ,उनको भूल जाने की 
वो मगर मुझ को कभी कामयाब होने नही देते 

याद करता हूँ उनकी बेवफाई के किस्से को मैं 
मगर इसका वो अहसास कभी मुझे होने नही देते 

रख के माथे पे हाथ , कुछ सोचता रहता हूँ मैं 
कोई भी किस्सा वो मुझे  याद होने नही देते 

सिलवटें पड़ गई ,माथे पे मेरे ये सोच-सोच कर 
पर इस सोच को वो कभी कम होने नही देते ||

थक हार के जाना चाहता हूँ नींद की आगोश में मैं 
पर वो 'अकेला' किसी की आगोश में सोने नही देते ||

अशोक"अकेला"




31 comments:

  1. बंदिशें है हजारों,
    किसे मैं पुकारूँ,
    चलो फिर से,
    अपने से बतिया लें।

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    Replies
    1. ठीक समझ रहें हैं आप ....
      इसी लिए तो यादों को याद करता हूँ !

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  2. कुछ अहसास, कुछ यादें भुलाए नहीं भूलते .....
    काफी सुंदर ...
    सादर !!

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  3. सादर प्रणाम ।
    सुन्दर रचना पर यह कुंडली ।

    सिलवट पर पिसता रहा, याद वाद रस प्रेम ।
    ऐ लोढ़े तू रूठ के, भाँड़ रहा है गेम ।

    भाँड़ रहा है गेम, नेम शाश्वत अब टूटे ।
    वासर ज्यूँ अखरोट, नहीं तेरे बिन फूटे ।

    पाता था नित चैन, लुढ़क जो बदले करवट ।
    बिन तेरे दिन रैन, तड़पता रहता सिलवट ।।

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    1. वाह! कवि रविकर जी वाह!
      आभार

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  4. सिलवटें पड़ गई ,माथे पे मेरे ये सोच-सोच कर
    पर इस सोच को वो कभी कम होने नही देते ||

    हर लम्हा यादों में ही बीत जाता है ...खूबसूरत गज़ल

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  5. सिलवटें पड़ गई ,माथे पे मेरे ये सोच-सोच कर
    पर इस सोच को वो कभी कम होने नही देते ||... बहुत बढ़िया

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  6. झाँकने दिल का कोना गया था, कि तुम कहाँ हो,
    मिला न खाली कोना,जिधर देखूं ,तुम वहाँ हो....
    वाह ... बेहतरीन भाव ...आभार

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  7. बहुत सुन्दर .....
    यादों का हर किस्सा अजीब है.....

    सादर
    अनु

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  8. वाह ! बहुत खूब !
    सुहानी चांदनी रातें याद आ गई भाई जी .

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  9. बहुत सुन्दर
    प्यारे से अहसास लिए
    बेहतरीन रचना:-)

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  10. हर लह्मा यादों के आगोश में ठहर जाता है..

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  11. सिलवटें पड़ गई ,माथे पे मेरे ये सोच-सोच कर
    पर इस सोच को वो कभी कम होने नही देते ||

    Bahut Umda Panktiyan....

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  12. थक हार के जाना चाहता हूँ नींद की आगोश में मैं
    पर वो 'अकेला' किसी की आगोश में सोने नही देते,,,,,

    बेहतरीन प्रस्तुति,,,,
    बहुत सुंदर रचना,,,,,,

    RECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....

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  13. अशोक अंकल को समर्पित .............

    इस उम्र में भी ''अकेला'' इतनी गहराई से लिखता रहा ,
    गजल का हर एक लफ्ज़ हमारे दिल को बस छूता रहा.
    उम्र के किसी हिस्से में मै शायद उनको भूल सकूं ,
    तनहा और ''अकेला '' मै उम्र भर लिखता रहा.

    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

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    Replies
    1. बहुत-बहुत शुक्रिया आमिर भाई जी ......

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  14. हर्फ़-दर-हर्फ़ बेहद खुबसूरत ... लाजवाब ..

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  15. तुम्हारे प्यार की बातें हमें सोने नहीं देती ,

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  16. बेहतरीन प्रस्तुति सुंदर रचना

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  17. लाख कोशिश करता हूँ ,उनको भूल जाने की
    वो मगर मुझ को कभी कामयाब होने नही देते ..

    बस यही नहीं पता होता की वो कामयाब नहीं होने देते या मन होना ही नहीं चाहता ... गिरफ्त में रहना चाहता है उन यादों के ... फिर उम्र भर ही क्यों न हो ... आशा है आप ठीक होंगे ...

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    Replies
    1. आप सब के प्यार का सहारा है ..दोस्तों !
      में ठीक हूँ ....
      आभार !

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  18. सिलवटें पड़ गई ,माथे पे मेरे ये सोच-सोच कर
    पर इस सोच को वो कभी कम होने नही देते ||
    बस यही ज़िन्दगी है। बहुत सुन्दर।

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    Replies
    1. आभार निर्मला जी .....
      उम्मीद करता हूँ ,आप की सेहत
      अब ठीक होगी ...
      शुभकामनाएँ!

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  19. जीवन की सबसे कीमती निधि से भरपूर कविता।

    ............
    International Bloggers Conference!

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    Replies
    1. बहुत-बहुत शुक्रिया !
      खुश रहें!

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  20. सिलवटें पड़ गई ,माथे पे मेरे ये सोच-सोच कर
    पर इस सोच को वो कभी कम होने नही देते ||
    लाजवाब रचना...
    सादर।

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  21. दिल कि बातेँ निकलतेँ हैँ इन शब्दोँ के माध्यम से

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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