Monday, May 13, 2013

आ...एक बार तो... मनाने के लिए आ!!!

शिकायतों के सिवा जब 
कुछ भी न हो पास तेरे, 
रख बन्द जुबान अपनी
लगा ले बस चुप्पी के डेरे ||
---अशोक 'अकेला'

आ...एक बार तो... मनाने  के लिए आ!!!

आजकल रोज़ दिल, दुखा जाता है वो
 याद रहता है मुझे, भूल जाता है वो

 हे भगवन ,ये कैसा मुकद्दर पाया है मैंने
 हँसाने की कोशिश में, रुला जाता है वो

 बहुत मनाया, समझाया भी उसको मैंने
 हर बात को मेरी,हवा में उड़ा जाता है वो

 मजबूर हूँ क्या करूँ, कमज़ोरी है वो मेरी
 दिल को फिर, किसी बात पर भा जाता है वो

 करता हूँ जब भी मैं, दूर रहने की कोशिश
 ज़हन पर आ कर, फिर छा जाता है वो

 मायूस हो कर बैठ जाता हूँ, मैं जब भी कभी
 अच्छे मूड में हो, तो रहम खा जाता है वो

 'अकेला' रोज़ सोचता हूँ, न अब उससे आँख मिलाऊंगा
 ढ़ुंढ़ती हैं आँखें उसको, जब भी याद आ जाता है वो
चित्र ..गूगल साभार !
अशोक'अकेला'







24 comments:

  1. बाऊ जी नमस्ते!
    'अकेले' दिल पर ज़ोर नहीं!

    आशीष

    --

    थर्टीन एक्सप्रेशंस ऑफ़ लव!!!

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज सोमवार (13-05-2013) माँ के लिए गुज़ारिश :चर्चामंच 1243 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सभी को मातृदिवस की बधाई हो...!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. कह दो मन की डोर न थामे,
    पंछी को उड़ने दो अब तो।

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  4. बहुत ही उत्कृष्ट प्रस्तुति आदरणीय,आपका आभार.

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  5. कोमल भावयुक्त अति उत्तम रचना..
    :-)

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  6. यादें ही तो हैं जो पीछा नहीं छोड़तीं .... बहुत सुंदर भावपूर्ण नज़्म

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  7. बहुत ही मार्मिक रचना है, जब हम किसी को अपने अंतर्तम से चाहते हैं तब ऐसी ही रचनाएं जन्म लेती हैं, बहुत ही उम्दा भाव, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  8. बहुत बढ़िया दिल को छूती रचना .... बधाई ! सादर !

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  9. मन को छूती पोस्‍ट ....
    सादर

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  10. बहुत सुंदर रचना
    बहुत सुंदर
    मजबूर हूँ क्या करूँ, कमज़ोरी है वो मेरी
    दिल को फिर, किसी बात पर भा जाता है वो

    क्या कहूं...

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  11. कोमल भाव लिए मर्मस्पर्शी रचना...

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  12. बहुत मनाया, समझाया भी उसको मैंने
    हर बात को मेरी,हवा में उड़ा जाता है वो ..

    दिल को छू जाती है गज़ल ... जिससे प्रेम हो उसे मनाने का मन करता है ...

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  13. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल १४ /५/१३ मंगलवारीय चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।

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  14. kya bat hai waaaah !!!
    last ke do sher to bhetrin huae hai....bhot khub sr

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  15. रुलाने वाली यादें।
    शुभकामनायें आपको।

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  16. दिल को छू गयी रचना ....
    ग़म को कितनी खूबसूरती से बयाँ किया जा सकता है... ये आपकी रचना से साफ़ झलकता है...
    ~सादर!!!

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  17. याद रहता है मुझे भूल जाता है वो ......बहुत ही मार्मिक ...वेदना का पूरा सागर लिए .............दिल को छू गयी आपकी रचना

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  18. बहुत कोमल भाव ,सुन्दर अभिव्यक्ति

    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post हे ! भारत के मातायों
    latest postअनुभूति : क्षणिकाएं

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  19. दिल से निकली, दिल तक पहुँची. हृदय स्पर्शी............

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  20. हे भगवन ,ये कैसा मुकद्दर पाया है मैंने
    हँसाने की कोशिश में, रुला जाता है वो

    ....दिल को छूती बहुत उम्दा ग़ज़ल....

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  21. कौन है वो ....?

    शिकायतों के सिवा जब
    कुछ भी न हो पास तेरे,
    रख बन्द जुबान अपनी
    लगा ले बस चुप्पी के डेरे ||

    लाजवाब ....!!

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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