Saturday, July 13, 2013

चलो ज़रा.... यादों को बुलायें !!!


इक चक्कर लगाने का मन है 
अपने बीते सुहाने दिनों का 
आज फिर उदास है दिल अपना 
चलो ज़रा यादों को बुला लेता हूँ .....

कोई सीखे ज़रा इन भूली यादों से 
वफ़ा क्या है ,कैसे निभाई जाती है 

जब भी फुर्सत हो तुमे, बुला लो इनको 
ये बिन कुछ पूछे ,बस दौड़ी चली आती हैं 

उदास दिल को बहलाने चली आएँगी 
अकेले हो साथ निभाने चली आएँगी

ग़र मिल गया जब भी कभी साथ तुमे 
चुपचाप मुड़ के ये वापस चली जायेंगी

कभी शिकवा भी न करेंगी. ये तुमसे
कहाँ रहते हो आजकल इतने गुम से

जब परछाई भी न देगी, साथ तुम्हारा 
ये तब भी रहेंगी सहारा, बनके तुम्हारा 

न ज़रूरत हो तुमे ,ये पास भी नही फटकती 
कोने में चुपचाप पड़ी हैं ,कभी नही खटकती
  
ये वो हैं जिन्हें तुम छोड़ के, आगे बढ़ आये 
तब से पड़ी हैं राहों में, पुकारो ! इनको ये चली आयें .....
---अशोक'अकेला'  


33 comments:

  1. आपने लिखा....हमने पढ़ा....
    और लोग भी पढ़ें; ...इसलिए आज शनिवार 13/07/2013 को
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    पर लिंक की जाएगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र
    लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!

    ReplyDelete
  2. कभी कभी यादें इसी तरह बुलाती हैं

    ReplyDelete
  3. वो हैं जिन्हें तुम छोड़ के, आगे बढ़ आये
    तब से पड़ी हैं राहों में, पुकारो ! इनको ये चली आयें .....

    ........................कभी कभी यादें बुलाती हैं

    ReplyDelete
  4. यादें तो आने के लिये तैयार बैठी रहती हैं, बस बुलाने भर की देर है।

    ReplyDelete
  5. बस यादें ही तो हैं जो जीवन भर साथ रहती हैं, सुंदर रचना.

    रामराम.

    ReplyDelete
  6. 'यादों के लगे हैं मेले...
    देखो! हम फिर भी कितने अकेले...'

    आपकी हर रचना... दिल के बहुत क़रीब होकर गुज़रती है....
    बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति!

    ~सादर!

    ReplyDelete
  7. जब सब छूटने सा लगता है तब याद ही बाकी रहजाती है..

    ReplyDelete
  8. यादों की वफ़ाई और उनका जीवन भर साथ .... न कोई शिकवा न गिला बहुत सुंदर रचना

    ReplyDelete
  9. सच है हम आगे बढ़ते जाते हैं तो यादें पीछे नहीं छूटतीं हमेशा साथ होती हैं ....
    साभार.....

    ReplyDelete
  10. यादो की अंतहीन अभिवयक्ति.....

    ReplyDelete
  11. yadon ka kya hae ye to yun hi chali aati hae

    ReplyDelete
  12. यादों की सुन्दर रचना..
    :-)

    ReplyDelete
  13. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14 -07-2013) के चर्चा मंच -1306 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

    ReplyDelete
  14. जब परछाई भी न देगी,साथ तुम्हारा
    ये तब भी रहेंगी सहारा,बनके तुम्हारा...

    वाह !!! बहुत सुंदर सृजन ,अशोक जी,,,

    RECENT POST ....: नीयत बदल गई.

    ReplyDelete
  15. स्मृतियों से जुड़ी एक सुंदर रचना ......

    ReplyDelete
  16. वाह !बेहतरीन चौला पहनाया है यादों को हाड मांस का .ॐ शान्ति .

    ReplyDelete
  17. जब परछाई भी न देगी, साथ तुम्हारा
    ये तब भी रहेंगी सहारा, बनके तुम्हारा -
    बहुत खूब अशोक जी , यादें तो अंतिम समय तक साथ निभाती है
    latest post केदारनाथ में प्रलय (२)

    ReplyDelete
  18. जब भी फुर्सत हो तुमे, बुला लो इनको
    ये बिन कुछ पूछे ,बस दौड़ी चली आती हैं ..

    यादें यादें यादें ... सह कहा है हमेशा साथ देती हैं ... बुलाने पे ही आती हैं ... हमसफ़र रहती हैं ताउम्र ...
    आशा है आप ठीक होंगे ... नमस्कार ...

    ReplyDelete
  19. भीगी पलकें
    सँग यादें तुम्हारी
    तन्हा मॅ कहाँ....??

    उम्दा रचना ..नमन

    ReplyDelete
  20. बहुत बढ़िया। यादें भी सहारा देती हैं।

    ReplyDelete
  21. यादें तब आतीं हैं जब
    हमें इनकी जरूरत होती है ।
    और कितना मन बहलाती हैं
    ये यादें ।

    बहुत सुंदर प्रस्तुति ।

    ReplyDelete
  22. मनुष्य का सबसे बड़ा सौभाग्य यह है कि उसकी स्मृति साथ है। जानवरों का यह सौभाग्य नहीं। वे मनुष्य भी जानवर की तरह ही हैं जो हमेशा वर्तमान में जीते हैं कभी फ्लैशबैक नहीं करते। आपकी सुंदर स्मृतियाँ कविता के रूप में ऐसी ही सजती रहें, यही ईश्वर से कामना है।

    ReplyDelete
  23. चिर परिचिता... चिर संगिनी... यादें!!!

    ReplyDelete
  24. यादों की वफ़ा जिन्‍दगी को नसीब न हुई होती तो
    जिन्‍दगी के जाने कितने ही सुनहरे पल
    हम दुबारा जी न पाते ... न महसूस कर पाते इतने दिल से

    ReplyDelete
  25. बहुत कोमल, बहुत खूबसूरत रचना....

    ReplyDelete
  26. बहुत अच्छी रचना, बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  27. इक चक्कर लगाने का मन है
    अपने बीते सुहाने दिनों का
    आज फिर उदास है दिल अपना
    चलो ज़रा यादों को बुला लेता हूँ .....

    ....यादें ही तो ज़िंदगी का सहारा हैं...बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...

    ReplyDelete
  28. ये जीवन है ...
    आभार भाई जी !

    ReplyDelete
  29. यादों का आनंद ही कुछ और है। मैने तो एक ब्लॉग ही बना डाला..आनंद की यादें।

    ReplyDelete

मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...