यह रचना मेरे द्वारा पिछली दीवाली पर रची गई थी|
जो मैंने सुबीर जी के रचे दीवाली मुशायरे पर भेजी थी |
पर मेरा भाग्य या दुर्भाग्य यह रचना दीवाली बीत जाने पर ,
एक और नौजवान शायर के साथ ' बासी दीवाली मनाते है "के
मौके पर सुबीर संवाद सेवा के मंच पर सुबीर जी ने प्रकाशित
की थी....
आज भाग्य से इस रचना को मैं दीवाली से थोडा पहले ही आपके
समक्ष प्रस्तुत करके ....आपको दीवाली की शुभकामनाएँ देना
और अपने लिए आपसे स्नेह प्राप्त कर लेना चाहता हूँ ......
तो प्रस्तुत है ,आप सब के लिए यह मेरी रचना...अग्रिम दीवाली मुबारक
और आशीर्वाद के रूप में !!!
उम्मीदों के चिराग़
दीप खुशियों के जल, उठे हर सू
इक लहर सी है अब, उठे हर सू
हर तरफ हैं, बाजारों में मेले
फूल खुशियों के, खिले हर सू
दुःख सभी का मिटेगा, सोच के ये
सब गले आज मिल, रहे हर सू
आँख से आंसू, मैंने पोंछ दिए
फूल ही फूल जब, दिखे हर सू
दीप जलते हैं, ज्यों दीवाली में
दिल में अब रौशनी, भरे हर सू
जी लिया है, बहुत अंधेरों में
रौशनी की नदी, बहे हर सू
जिंदगी जब हो, झूम के गाती
चुप "अकेला" ये क्यों, फिरे हर सू ||
अशोक'अकेला' |
( सुबीर जी ने इसे अपने आशीर्वाद से सवांरा )
दीप जलते हैं, ज्यों दीवाली में
ReplyDeleteदिल में अब रौशनी, भरे हर सू
यही दुआ है..... सुंदर पंक्तियाँ
उम्मीदों का जल रहा, देखो सतत चिराग |
ReplyDeleteघृत डालो नित प्रेम का, बनी रहे लौ-आग |
बनी रहे लौ-आग, दिवाली चलो मना ले |
अपना अपना दीप, स्वयं अंतस में बालें |
भाई चारा बढे, भरोसा प्रेम सभी दो |
सुख शान्ति-सौहार्द, बढ़ो हरदम उम्मीदों ||
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ..
ReplyDeleteआँख से आंसू, मैंने पोंछ दिए
ReplyDeleteफूल ही फूल जब, दिखे हर सू
बहुत ही सुन्दर अशोक भाई.सबसे पहले हमारी तरफ से ही मुबारक बाद कबूल फरमा लीजिये.आप इसी तरह कलम का हक़ अदा करते रहें.विवादों से बचकर साफ़ सुथरा लिखते रहें ,यही तमन्ना है हमारी.
यूँ तो कहने को अकेला रहा आमिर हर दम ,
मगर इन चाहने वालों ने ना तन्हा छोड़ा.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड
दीप जलते हैं, ज्यों दीवाली में
ReplyDeleteदिल में अब रौशनी, भरे हर सू
जी लिया है, बहुत अंधेरों में
रौशनी की नदी, बहे हर सू
बहुत ही बढिया ...
शुभकामनाएं
दीप जलते हैं, ज्यों दीवाली में
ReplyDeleteदिल में अब रौशनी, भरे हर सू ,,,,,
प्रेरक बेहतरीन रचना ,,,,
RECENT POST : समय की पुकार है,
जी लिया है, बहुत अंधेरों में
ReplyDeleteरौशनी की नदी, बहे हर सू ...आमीन
दीवाली की सादर शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .
सुन्दर रचना..
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ:-)
बहुत उम्दा!
ReplyDeleteआपको भी शुभकामनाएँ!
बहुत बढ़िया , आशावादी रचना .
ReplyDeleteदिवाली की अग्रिम अनंत शुभकामनायें.
बहुत प्यारी शुभकामनाएँ....
ReplyDeleteआपका बहुत शुक्रिया अशोक जी..
आपको भी दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएँ....
सादर
अनु
आपको भी दीपावली की अग्रिम बधाइयाँ और मंगलकामनाएँ !
ReplyDeleteसादर !
भुने काजू की प्लेट, विस्की का गिलास, विधायक निवास, रामराज - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
उम्मीदों का दिया यूं ही जीवन में रोशनी करता रहे ... दीपावली की शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 6/11/12 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है ।
ReplyDeleteआमीन ,
ReplyDeleteआपको दीपावली की ढेरों शुभकामनायें |
सादर
दीप जलते हैं, ज्यों दीवाली में
ReplyDeleteदिल में अब रौशनी, भरे हर सू ....बहुत सुन्दर..आप को भी दीपावली की शुभकामनाएं
दीप जलते हैं, ज्यों दीवाली में
ReplyDeleteदिल में अब रौशनी, भरे हर सू ......aamin...
मन के भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....आपको भी दीपावली की बहुत शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियाँ !
ReplyDelete"आपको भी दीपावली की शुभकामनाएँ...!" :)
~सादर !
Good one.
ReplyDelete
ReplyDeleteजिंदगी जब हो, झूम के गाती
चुप "अकेला" ये क्यों, फिरे हर सू ||
गुनगुनाए अकेला बारहा हर सू ,
हर सिम्त से सदा आए दिवाली मुबारक हर सू .
प्यार "आपके "बिना ज़िन्दगी कैसे चले हर सू .
दीपावली की शुभकामनाएँ,,,
ReplyDeleteबहुत बढ़िया उम्दा प्रस्तुति,,,,,
RECENT POST:..........सागर
दुःख सभी का मिटेगा, सोच के ये
ReplyDeleteसब गले आज मिल, रहे हर सू
इस दीवाली ये हो जाये तो कहने ही क्या.बहुत सुन्दर प्रस्तुति .haapy deepawali to you sir.
जी लिया है, बहुत अंधेरों में
ReplyDeleteरौशनी की नदी, बहे हर सू
जिंदगी जब हो, झूम के गाती
चुप "अकेला" ये क्यों, फिरे हर सू ||
इतनी रोशनी इतने मेलों ठेलों में अकेले ना घूमिये । ढूढिये तो दोस्त मिलेंगे हर सू ।
happy diwali
ReplyDeleteअशोक भाई आप अपने ब्लॉग के बारे में सब कुछ लिख कर मुझे ईमेल कर दें.जल्द ही इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड पर आपकी ब्लॉग का परिचय पोस्ट लेकर हाजिर होऊंगा.फिलहाल मै आपके ब्लॉग के बारे में ज्यादा नही जानता इसलिए पोस्ट नही लिख पा रहा हूँ.अपने ब्लॉग के बारे में कैसे लिखना है ये आप इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड के किसी भी ब्लॉग परिचय की पोस्ट को पढ़ कर देख लें.मुझे आपके ब्लॉग परिचय का इन्तजार रहेगा.
ReplyDeleteइंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड
आमिर भाई !
Deleteमेरे पास सिखाने को कुछ नही .मैं तो ख़ुद आप जैसे युवाओं ,नौजवान
पीढ़ी से सीख रहा हूँ ....ये ब्लॉगर परिचय का हक़ भी उन्ही का बनता है !
जो प्यार,स्नेह मान-सम्मान आपने दिया ,मेरे लिए बस इतना ही बहुत
है !
बहुत-बहुत शुक्रिया !
बहुत खूब ...दिवाली की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteएक एक शब्द जैसे मन की तह तक जाता है
ReplyDeleteजी लिया है, बहुत अंधेरों में
ReplyDeleteरौशनी की नदी, बहे हर सू
जिंदगी जब हो, झूम के गाती
चुप "अकेला" ये क्यों, फिरे हर सू ||
बाऊ जी,
नमस्ते
दिवाली की शुभकामनाएं !!
क्या बात है .....!!!
ReplyDeleteआपकी लेखनी दिन पर दिन संवरती जा रही है .....
बधाई ...!!
जी लिया है, बहुत अंधेरों में
ReplyDeleteरौशनी की नदी, बहे हर सू
जिंदगी जब हो, झूम के गाती
चुप "अकेला" ये क्यों, फिरे हर सू ||
वाह एक सकारात्मक सोच की नदिया प्रवाहित होती रचना बहुत खूबसूरत ,आपको सपरिवार दिवाली की सहस्त्रों शुभ कामनाएं
ReplyDeleteआँख से आंसू, मैंने पोंछ दिए
फूल ही फूल जब, दिखे हर सू
प्यार (यार )आपके बिना ज़िन्दगी चले कैसे हर सू ,
दिवाली मुबारक आपको हर सू
वीरू भाई
सौहाद्र का है पर्व दिवाली ,
ReplyDeleteमिलजुल के मनाये दिवाली ,
कोई घर रहे न रौशनी से खाली .
हैपी दिवाली हैपी दिवाली .
शुक्रिया आपका भाईसाहब .
वीरू भाई .
दीपावली की अनंत शुभकामनाएँ!!
ReplyDeleteउत्तम विचारों वाली रचना दिल में उतर गई
ReplyDeleteआपको भी दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं।
जी लिया है, बहुत अंधेरों में
ReplyDeleteरौशनी की नदी, बहे हर सू ...सुन्दर !
दीवाली की सादर शुभकामनायें
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ReplyDeleteधन वैभव दें लक्ष्मी , सरस्वती दें ज्ञान ।
गणपति जी संकट हरें,मिले नेह सम्मान ।।
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दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
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अरुण कुमार निगम एवं निगम परिवार
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