सोच अपनी, समझ अपनी, नज़रिया अपना
जिसको जो अच्छा लगता है वो,
वो ही करता रहे, सब अच्छा है
कोई बुरा न माने ..ये मेरा नज़रिया है ....
ये है ब्लॉग की दुनियां !!!
हकीक़त से रूबरू कराए
रोतों को हँसना सिखाये
सुख-दुःख मिल के बटाए
मिल-जुल त्यौहार मनाये
गज़ल.गीत नज्में सुनाये
ज्ञान की बाते सिखाये
हर तरह की बात बताये
टिप्पणी हौंसला बड़ाये
हसीन सपने सजाये
दिलों से दिल मिलाये
जिसको जो अच्छा लगता है वो,
वो ही करता रहे, सब अच्छा है
कोई बुरा न माने ..ये मेरा नज़रिया है ....
हकीक़त से रूबरू कराए
रोतों को हँसना सिखाये
सुख-दुःख मिल के बटाए
मिल-जुल त्यौहार मनाये
गज़ल.गीत नज्में सुनाये
ज्ञान की बाते सिखाये
हर तरह की बात बताये
टिप्पणी हौंसला बड़ाये
हसीन सपने सजाये
दिलों से दिल मिलाये
आभासी रिश्ते बनाएं
ये है ब्लॉग की दुनियां .....
ये है फेसबुक की दुनियां !!!
ये वक्ती मेले लगाये
खाया-पिया स्टेटस बताये
हर पल सब को सताए
कमेंट्स के पास न जाये
बेदिली लाइक लगाये
रिस्की रिश्तें बनाये
नकली मेल कराये
झूठे सपने दिखाए
झूठी कसमें खाये
पास न कुछ रह जाये
वो है फेसबुक की दुनियां....
अशोक'अकेला |
आपसे सहमत हैं।
ReplyDeleteबाखूबी फर्क बताया है दोनों की दुनिया के बीच ... पता नहीं कौन मेरा मन भी ब्लोगिंग की ओर ही ज्यादा रहता है ... ये ज्यादा गहरा नज़र आता है ...
ReplyDeleteबहुत अच्छा वर्णन...
ReplyDeleteब्लॉगिंग ही जादा सच्चा लगता है...
:-)
सुंदर !
ReplyDeleteआभासी दुनिया में सब हरा हरा होता है :)
ब्लॉग और फेसबुक के फर्क का सटीक विश्लेषण ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया...सटीक चित्रण.
ReplyDeleteसादर
अनु
बहुत बढिया... सटीक विश्लेषण ।
ReplyDeleteफ़ेसबुक एक ऐसा दर्पण है जिसमे झाँकते हम हैं लेकिन चेहरे औरों के नज़र आते है ! :)
ReplyDeleteसटीक चित्रण.. पूरी तरह सहमत
ReplyDeleteबहुत उम्दा सटीक बात ,,,!
ReplyDeleteRECENT POST -: हमने कितना प्यार किया था.
कमाल कर दिया आपने , मगर सही कहा !
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति को आज की बुलेटिन गणेश शंकर विद्यार्थी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर .... आभार।।
ReplyDeleteआपके स्नेह का आभार ......
Deleteनमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (27-10-2013) के चर्चामंच - 1411 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeleteअरुण जी ..आपके मान-सम्मान के लिए बहुत-बहुत आभार .....
Deleteअशोक जी ,बहुत सटीक विश्लेषण किया आपने ,बहुत बढ़िया |
ReplyDeleteनई पोस्ट सपना और मैं (नायिका )
ब्लॉग जगत है ब्रह्म मुखचिठ्ठा (fb)उसकी माया ,
ReplyDelete
ReplyDeleteब्लॉग जगत है ब्रह्म मुखचिठ्ठा (fb)उसकी माया ,
मुख -चिठ्ठा तत्काली,चिठ्ठा (ब्लॉग )सेकुलर (दीर्घ काली )है।
bhaut hi accha rochak samikha.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteFree recharge working 100% for all indian operator
बहुत सुंदर सटीक विश्लेषण ,,,
ReplyDeleteRECENT POST -: तुलसी बिन सून लगे अंगना
दीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
ReplyDeleteबेहद सटीक रचना.
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत अच्छी कविता, मेरे जज्बात बिल्कुल आपके साथ हैं।
ReplyDeleteबहुत बढिया
ReplyDeleteबात लगभग सही है सर.. पर ब्लॉग और फेसबुक जैसी साइट्स में अंतर है... blogging साइट्स और सोशल नेटवर्किंग साइट्स बनाई ही अलग अलग महत्व के लिए है.. ब्लॉग साईट पे जहां हम अपने विचार, अपने तर्क साँझा करते है वहीँ सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिये हम अपनों से जुड़े रहते है.... बहुत से लोग होते है जो फेसबुक जैसी साइट्स पे अनजान लोगों को जोड़ते है और फिर उनकी भावनाओं को ठेस पहुचाते है.. लेकिन कहा जाता है ना कि हर चीज का अपना फायदा और नुक्सान होता है...
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