भ्रम का मारा....ये दिल बेचारा !!!
सब जानते-बुझते भ्रम अपने को मैं
पालता रहा .....
होंटों पे नकली हंसी चेहरे पे ख़ुशी ओड़
दिल को निहारता रहा .....
जानता था ,भ्रम टूटने से दुखेगा दिल
बस टालता रहा .....
सच! बड़ा दुखता है दिल .भ्रम टूटने से
इसी लिए संभालता रहा .....
बार-बार चोट खाकर भी मैं दिल अपने को
यूँ ही सालता रहा .....
भ्रम तो भ्रम था ,टूटना ही था इक दिन
फिर भी सहारता रहा .....
भ्रम टुटा .टुकड़े हुए .बिखरे टुकडो को
बस जोड़ने में जागता रहा .....
ले कर टुटा दिल ,संभाल के टुकड़ों को
'अकेला' सब से दूर भागता रहा .....
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अशोक'अकेला' |
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (10-11-2013) को सत्यमेव जयते’" (चर्चामंच : चर्चा अंक : 1425) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
स्नेह के लिए आभार शास्त्री जी ....
Deleteभ्रम टूटता है तो दिल तो टूटता ही है...
ReplyDeleteबहुत ही भावपूर्ण रचना...
अजी मेरा तो मानना भर्म सिर्फ टूटता है. दिल नहीं.
Deleteबहुत ही भावमय.
ReplyDeleteरामराम.
सालूजा जी आपने टूटे दिल की दास्ताने हुबहू बयां कर दी --बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteनई पोस्ट काम अधुरा है
सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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ReplyDeleteअकेला,सबसे दूर भगता रहा—
हम सभी,भीड में अकेले ही हैं.
कभी-कभी,अकेलापन भी नियामत है,
खुद से रूब-रू होने के लिये.
बहुत खूब...
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत भावों से सज्जित रचना , बधाई आपको ।
ReplyDeleteवाह ! बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति..!
ReplyDeleteRECENT POST -: कामयाबी.
खूबसूरत दिल के भाव
ReplyDeleteभावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....
ReplyDeleteदिल तो हर हाल में टूटता ही है ... इसलिए आशा नहीं बांधनी चाहिए ...
ReplyDeleteभाव और दर्द में डूबे एहसास लिखे हैं ...
आपके भीतर का सच्चा इंसान आपकी कविता में झलकता है। सच्चाई को लेकर चल रहा यही घात-प्रतिघात आपकी कविता में भावात्मक राग भरता है।
ReplyDeleteबहुत मार्मिक जब इंसान दिल से सच्चा होता है तो सपने टूटने पर दुःख तो होता ही है जो कलम के द्वारा पन्नों पर उतर आता है ,बहुत खूब लिखा
ReplyDeleteभ्रम टुटा .टुकड़े हुए .बिखरे टुकडो को
ReplyDeleteबस जोड़ने में जागता रहा .....
...वाह! बहुत मार्मिक प्रस्तुति...
भावमय करते शब्द .... मन को छूती पोस्ट
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
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