एक साल में जो पढा ,समझा ,जाना और
जो महसूस हुआ....!!!
पुराना अस्त होता है
नया उदय होता है
यही जीवन का सार है
इसी में जीवन व्यस्त होता है ||
वाह ! री टिप्पणी ...तेरे खेल
निराले...???
तुझ को पाने के लिए ,
लेखकों ने क्या-क्या
लेख लिख डाले !
पर कहना मुश्किल है
होगी तू किसके हवाले |
जो लिखेगा बढिया लेख
या दूसरों के लिखे पे देगा ,
बढिया टिप्पणियों के निवाले !
बड़े-बड़े लेखकों ने दुबारा न आने के
अपने दावे ठोक डाले !
फिर हो गये उनके दर्शन
गिरे कभी इधर, इसके पाले
कभी गिरे उधर, उसके पाले |
बांटते रहे ,कभी गुस्सा
कभी खिझाहटऔर कभी ताने ,
लौट के फिर आ गये ब्लाग पर
कर के सौ सौ बहाने !
हर लेखक को भूख है
टिप्पणी की किश्तों की .
चमक अभी बाकी है यहाँ
आभासी रिश्तों की !
कुछ चेहरे ऐसे है ,
जो हर लेखक को
खुश करते नजर आते है !
अपनी दी टिप्पणी से
उनका होंसला बढ़ाते है|
कुछ अच्छा लिखने वाले ,
अपने अच्छा लिखने पर
ही विवादों में पड़ जाते है |
फिर अपनी बेबसी
पर तिलमिलाते है ,
गुस्सा भीं करते है ,
फिर जल्दी ही
आभासी रिश्तों से
माफ़ी भी मांगते
नजर आते है |
ज्ञान बाँटने के लिए
ज्ञान लेने वाला भी जरूरी है |
इक-दूजे के बगैर ,दोनों बेकार
फिर काहे की आपस में जी-हजूरी है |
जय आभासी रिश्तों की
जय टिप्पणी की किश्तों की ||
आभासी रिश्तों से अपील ...
चलो फिर आभासी रिश्तों के दोस्तों
कुछ मुझ को सुनो ,कुछ अपनी सुनाओ
नए साल में और नए रिश्ते बनाओ
बस ! खुश रहो और मौज मनाओ||
मेरे साथ आप सब भी करें ....
मेरे साथ आप सब भी करें ....
आने वाले नव-वर्ष २०१२ का ,आँखों
में बसे नए सपनों के साथ स्वागत ..
जाने वाले २०११ को आँखों में बसी
नमी के साथ मौन विदाई .......!
अशोक'अकेला' |
सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteआपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ.
बहोत - बहोत अच्छी रचना ।
ReplyDeleteनया हिंदी ब्लॉग
हिन्दी दुनिया ब्लॉग
चलो फिर आभासी रिश्तों के दोस्तों
ReplyDeleteकुछ मुझ को सुनो ,कुछ अपनी सुनाओ
नए साल में और नए रिश्ते बनाओ
बस ! खुश रहो और मौज मनाओ||
वाह , वाह ! बहुत खूब लिखा है अशोक जी ।
नए साल की अग्रिम शुभकामनायें ।
बहुत खूब और नव वर्ष की आपको हार्दिक शुभकामनाये सलूजा साहब !
ReplyDeleteटिपण्णी तुम कब आओगी,
और कितना सतावोगी,
जब आओगी तो फिर
मेरे कलम भड्काओगी,
टिपण्णी तुम कब आओगी,
नए साल की शुभकामनायें
ReplyDeleteनए साल में और नए रिश्ते बनाओ
ReplyDeleteबस ! खुश रहो और मौज मनाओ||
सार यही है!
शुभकामनाएं!
सादर!
बहुत खूब कहा………नए साल की शुभकामनायें
ReplyDeleteआपकी कविता अपनी आत्मीयता से पाठक को आकृष्ट कर लेती है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबीते साल का लेखा जोखा और आने वाले साल से आशाएं ... बहुत ही अच्छा लगा आपका ये लिखना ... आपको और परिवार में सभ्जी को नव वर्ष २०१२ की बहुत बहत मंगल कामनाएं ...
ReplyDeleteज्ञान बाँटने के लिए
ReplyDeleteज्ञान लेने वाला भी जरूरी है |
इक-दूजे के बगैर ,दोनों बेकार
फिर काहे की आपस में जी-हजूरी है |
जय आभासी रिश्तों की
जय टिप्पणी की किश्तों की ||
सहज मन के उदगार हैं ये दादा ,
पढ़ें बांचे हमारे आपके पडदादा .
पड़पौते पड़पौतियाँ ,धेवते धेव्तियाँ ,
सबकी सब हमजौलियाँ,
खुश रहेंगी टोलियाँ .
नया साल मुबारक .
आपको भी नववर्ष की बहुत बहुत मुबारकबाद और शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें
चर्चा मंच-743:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
sach hamesh kadwa hota hai..aapki anubhavi aankho ne bakhoobi samjha....jo jashwar hai..mithya hai ..wah abhasi hai..aadmi swyam ek bada bhram hai..kash aadmi ko aadmi hone ka hee abhash ho jaaye..behtarin prastuti..sadar badhaye aaur amantran ke sath
ReplyDeleteआपने भी मेरी तरह टिप्पणी पर लिख ही डाला ...
ReplyDeleteआने वाला नववर्ष आपके और आपके परिवार के लिए मंगलमय हो ..
ज्ञान बाँटने के लिए
ReplyDeleteज्ञान लेने वाला भी जरूरी है |
इक-दूजे के बगैर ,दोनों बेकार
फिर काहे की आपस में जी-हजूरी है |
जय आभासी रिश्तों की
जय टिप्पणी की किश्तों की ||
आभासी और हकीकी में नहीं है अब उतना फर्क .रिश्तों की आंच छीज गई है .नव वर्ष मंगल मय हो .
एक साल में जो पढा ,समझा ,जाना और
ReplyDeleteजो महसूस हुआ....!!!
पुराना अस्त होता है
नया उदय होता है
यही जीवन का सार है
इसी में जीवन व्यस्त होता है ||
वाह ! री टिप्पणी ...तेरे खेल
निराले...???
..sach kaha aapne....
naye-purani khaatee-meethe anubhav kee sundar baangi....
Navvarsh kee haardik shubhkamnayen..
बहुत सुंदर प्रस्तुती बेहतरीन रचना, टिप्पणी तेरा जबाब नही ,.....
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए..
नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...
आपको और परिवारजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteबहोत अच्छा लगा आपका ब्लॉग पढकर ।
ReplyDeleteनया हिंदी ब्लॉग
हिन्दी दुनिया ब्लॉग
रोचक एवं मनोरंजक।
ReplyDeleteनये वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.....
२०१२ की रुन झुन और कोमल भावों से भरी अंतर ध्वनी सुनी आपके ब्लॉग पर सुर माधुरी में .शुक्रिया .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना.नया साल भी, टिप्पणी भी, लेखन भी , आभासी रिश्ते भी, शुभकामना भी.
ReplyDeleteनव वर्ष मंगलमय हो....