Saturday, November 05, 2011

आइए....मेहरबां ,बैठिए जाने-जां....


शौक से लीजिए जी .....इश्क के इम्तहाँ...


"कभी कभी ऐसे भी गुन-गुना लेना चाहिए 
हो मौसम सुहाना तो मुस्करा लेना चाहिए"

यादें .... आज आप को सुनवाता हूँ....
अपने.... (और मेरे) समय का एक खूबसूरत चुल-बुला गीत 
जो अपनी मद-होश ,मस्त आवाज़ में गाया है!
आशा जी ने| 
और जिसको सिनेमा के पर्दे पर साकार किया है ...
अपने समय की सबसे खूबसूरत ,शोख और चंचल 
अदाकारा मधुबाला जी ने...
इस गीत में मधुबाला जी ने जिस खूबसूरती से अपनी 
मदमस्त आँखों से और अपनी दिलकश मुस्कान से अपने 
चाहने वालों को बैठने और इश्क का इम्तहाँ लेने का 
न्योता दिया है ....वो बस देखने और सुनने से ही तआल्लुक़
रखता है ....तो आप भी देखिए,सुनिए और कुछ देर के लिए 
खो जाइये अपनी गुज़री सुहानी यादों में ..... 

फिल्म: हावड़ा ब्रिज 
वर्ष: १९५८
संगीतकार : औ.पी.नैयर
गीतकार: कमर जलालाबादी 
आवाज़ : आशा जी 
सह:कलाकार : अशोक कुमार ,के एन सिंह आदि 

21 comments:

  1. ओह! यार चाचू आपकी मस्ती का भी जबाब नही.
    क्या क्या दूंढ कर ले आते हैं.

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  2. बहुत ही मनप्यारा गाना सुनाया आपने।

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  3. आपकी उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

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  4. दिल खुश कर दिया. आभार.

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  5. प्यारा गीत!
    सुन्दर प्रस्तुति!

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  6. बहुत सुन्दर और प्यारी गीत है! आनंद आ गया!
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  7. शुक्रिया...शुक्रिया...शुक्रिया...ये मेरे बहुत ही पसंदीदा गीतों में से एक है...इसमें मधुबाला की अदा...उफ़...कातिलाना है कातिलाना...ऐसी अदा कारी अब कौन दिखता है....

    नीरज

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  8. .इसमें मधुबाला की अदा...उफ़...कातिलाना है कातिलाना...ऐसी अदा कारी अब कौन दिखता है..

    ओये होए ! नीरज जी इसलिए तो आपके ब्लॉग पे बाला जी की तसवीरें लगी हैं ....:))

    आइए....मेहरबां ,बैठिए जाने-जां....
    शौक से लीजिए जी ..इश्क के इम्तहाँ...

    मज़ा आ गया .....

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  9. पर आज के दिन मैंने सोचा था आपके ब्लॉग पे
    जरुर भूपेन हजारिका का कोई गीत सुनने को मिलेगा ....
    आपको तो पता ही होगा वो अब हमारे बीच नहीं रहे ....

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  10. मधुबाला और ये शोख चंचल मस्ती भरे गीत ... दिन बन गया आज अशोक जी ...

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  11. सुन्दर प्रस्तुति,आभार !

    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है कृपया अपने महत्त्वपूर्ण विचारों से अवगत कराएँ ।

    http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html

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  12. अशोक जी,ये मूवी १९६५ में मैंने ७ बार देखी थी सिर्फ इसी गाने के
    कारण,....मेरे नए पोस्ट में स्वागत है...

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  13. पसंदीदा गाने में से एक है। आभार।

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  14. wah shandar geet sunane ke lie dhanyvad...

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  15. गीत आप सब ने पसंद किया ,आप का दिल बहला ,अच्छा लगा ...!
    आप सब खुश और स्वस्थ रहें !

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  16. आज भी मदमस्त कर देनेवाला गीत है यह.

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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