Monday, June 03, 2013

मैंने उसको....सताया नही !!!

करता था मैं उनसे प्यार 
और आज भी करता हूँ, 
पहले वो मुझ पे मरते थे 
आज मैं उनपे मरता हूँ ||
----अशोक"अकेला"
मैंने उसको....सताया नही !!! 

कलम हाथ में लिए बैठा हूँ
 उसने कुछ सुझाया ही नही

 बोला दिल कुछ,मुझसे ऐसे
 किसी ने मुझे,दुखाया ही नही

 क्या लिखाऊं,क्या सुझाऊ तुझे
 आज किसी ने तड़फ़ाया नही

 चारों तरफ है सुहाना लगे
 आज मैं भी घबराया नही

 उसने भी कह दी अपनी बात
 और मैं भी आज शरमाया नही

 कुछ ऐसा भी कहा कान में
 मेरी कुछ समझ आया नही

 मैंने भी छोड़ दिया उसको'अकेला'
 आज मैंने भी उसको सताया नही ....
 ---अशोक 'अकेला'

आप के लिए ..Toronto Canada से ...
स्वस्थ रहें!

41 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज सोमवार (03-06-2013) को फिर वोही गुज़ारिश :चर्चा मंच 1264 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका आभार शास्त्री जी .....

      Delete
  2. सुन्दर प्रस्तुति .

    ReplyDelete

  3. बोला दिल कुछ,मुझसे ऐसे
    किसी ने मुझे,दुखाया ही नही

    काश ये दिल हमेशा यही कहता रहे ..... सुंदर एहसास

    ReplyDelete
    Replies
    1. काश! कि ये बात हम सब के लिए सच हो ..
      आभार आपका !

      Delete
  4. Love consists in this, that two solitudes protect and touch and greet each other.

    रिल्के की पंक्तियों का कुछ हिस्सा याद आता है आपकी कविता को पढ़कर

    ReplyDelete
  5. बहुत ही प्यार लिखा है..कुछ नहीं होने का भाव, हल्का हल्का सा।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका बड़ो के प्रति प्यार अच्छा लगता है ....
      खुश रहें!

      Delete
  6. मैंने भी छोड़ दिया उसको'अकेला'
    आज मैंने भी उसको सताया नही ...

    बहुत सुंदर अहसासों से भरी बेहतरीन प्रस्तुति ,,,

    recent post : ऐसी गजल गाता नही,

    ReplyDelete
  7. बहुत सुंदर .......बेहतरीन प्रस्तुति ......

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया मेरे हमनाम दोस्त ...

      Delete
  8. मैंने भी छोड़ दिया उसको'अकेला'
    आज मैंने भी उसको सताया नही ...सुन्दर प्रस्तुति !
    LATEST POSTअनुभूति : विविधा ३
    latest post बादल तु जल्दी आना रे (भाग २)

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत आभार प्रसाद भाई जी ....

      Delete
  9. बहुत ही कोमल भावपूर्ण प्रस्तुति...

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद रीना जी ....
      स्वस्थ रहें!

      Delete
  10. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति आदरणीय ... सादर !

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस मान-सम्मान के लिए दिल से आभार ...
      खुश रहिये !

      Delete
  11. वाह क्या बात है सलुजा साहब, बहुत ही सुंदर.

    रामराम.

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया ताऊ(भाई जी )
      राम-राम !

      Delete
  12. बहुत अच्छी रचना सर
    बहुत सुंदर

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया महेन्द्र जी ...
      स्वस्थ रहें!

      Delete
  13. बहुत बढ़िया ग़ज़ल.....

    सादर
    अनु

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया अनु ! बहुत अच्छा लिखती हो !
      खुश रहो !
      आभार!

      Delete
  14. बहुत बढ़िया ग़ज़ल. हार्दिक आभार आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार आपका जी.....मैं आप को पढ़ता हूँ ..अच्छा लगता है !

      Delete
  15. धन्यवाद यशोदा जी आपका ......

    ReplyDelete
  16. बहुत सुंदर और भावपूर्ण रचना ......

    ReplyDelete
  17. बहुत शुक्रिया आपका शिखा जी .....
    खुश रहें!

    ReplyDelete
  18. बेहतरीन अभिव्यक्ति...

    ReplyDelete
  19. करता था मैं उनसे प्यार
    और आज भी करता हूँ,
    पहले वो मुझ पे मरते थे
    आज मैं उनपे मरता हूँ ||

    बहुत खूब कहा. दिल की सुनना भी जरुरी है.

    ReplyDelete
    Replies
    1. जैसे दिल का धडकना हमारे लिए जरूरी है ...:-))
      आभार रचना जी !

      Delete
  20. बहुत खूब ... सहज भाव उतार दिए ...
    मन में सीधी उतरती है ये नज़म ... लाजवाब .. आशा है आप कुशल से होंगे ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. अच्छा लगा ! नासवा जी आप का आना ....
      मैं ठीक हूँ ....बहुत-बहुत शुक्रिया !

      Delete
  21. कमाल कर दिया आपने ...
    वाह !!

    सारे जीवन "अकेला" मैं बैठा रहा,
    आज तक मैंने उसको सताया नही

    ReplyDelete
  22. क्यों कुरेदते हो राख दबी-दबी
    दिल जला हैं मेरा यहाँ अभी-अभी ..

    सच कहूँ तो लिखते वक़्त भी था
    तेरा नाम आस पास खड़ा वहीँ कहीं ....

    ReplyDelete
  23. मैंने भी छोड़ दिया उसको'अकेला'
    आज मैंने भी उसको सताया नही ...

    बहुत सुंदर अहसासों से भरी प्रस्तुति ,,,

    ReplyDelete
  24. कभी कभी दिल को यूं ही छोड देना चाहिये
    वही क्यू रोये हमेशा , उसे मुस्कुराना चाहिये ।

    ReplyDelete
  25. क्या बात है! बहुत सुंदर...
    आपकी हर रचना में एक अजीब सी क़शिश होती है... भैया!

    ~सादर!!!

    ReplyDelete

मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...