Friday, September 06, 2013

बड़ा संतुष्ट हूँ .....


बड़ा संतुष्ट हूँ .....
 
मैं अपने जीवन से , इसका
 मुझे अभिमान है ..

कहने को पास कुछ भी नही
 पर सबसे बड़ी दौलत वो पास
 मेरा, स्वाभिमान है ...

क्या रखा है ,दुनिया की इस
 अमीरी में ...

 झूठ,मक्कारी धर्म है, जिस का
 न कोई, ईमान है...

 प्यार से मिल के रहें हम
 सब को सदबुद्धि मिले .मांगू
 उसी से जो हम सब का,
 भगवान् है ....

 आये अकेला. जाये अकेला
 ज़रूरत है जितना ,इकठ्ठा किया 
 उतना ही, सामान है ...

. मैं प्यार बाँटू.मुझे प्यार मिले
 बस इतना सा अपना,
 अरमान है ....

26 comments:

  1. स्वाभिमान है तो सबकुछ है .... सुंदर प्रस्तुति

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  2. मैं प्यार बाँटू.मुझे प्यार मिले
    बस इतना सा अपना,
    अरमान है ....
    बहुत ही बेहतरीन रचना..
    :-)

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  3. मन की संतुष्टि से बढ़कर कुछ नहीं ...सुंदर भाव

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  4. आये अकेला. जाये अकेला
    ज़रूरत है जितना ,इकठ्ठा किया
    उतना ही, सामान है ...
    ***
    वाह!

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  5. स्वाभिमान ही तो है अपनी पुंजी...

    ReplyDelete
  6. सुंदर प्रस्तुति

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  7. संतुष्ट हैं...और क्या चाहिए..

    बहुत सुन्दर अभ्व्यक्ति..

    सादर
    अनु

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  8. नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (08-09-2013) के चर्चा मंच -1362 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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  9. "नादान परिंदे ब्लॉगर" - हिंदी का एक नया ब्लॉग संकलक" पर अपनी उपस्तिथि दर्ज कराकर हमे इसे सफल ब्लॉगर बनाने में हमारी मदद करें। अपने ब्लॉग को जोड़ें एवं अपने सुझाव हमे बताएं

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  10. बहुत सुन्दर।
    कवि नीरज की ये पंक्तियाँ याद आ गई :

    जितना कम सामान रहेगा,
    उतना सफ़र आसान रहेगा।
    जितना भारी बक्सा होगा ,
    उतना तू हैरान रहेगा ।

    ReplyDelete
  11. बहुत सुन्दर।
    कवि नीरज की ये पंक्तियाँ याद आ गई :

    जितना कम सामान रहेगा,
    उतना सफ़र आसान रहेगा।
    जितना भारी बक्सा होगा ,
    उतना तू हैरान रहेगा ।

    ReplyDelete
  12. बहुत सुन्दर।
    कवि नीरज की ये पंक्तियाँ याद आ गई :

    जितना कम सामान रहेगा ,
    उतना सफ़र आसान रहेगा।
    जितना भारी बक्सा होगा ,
    उतना तू हैरान रहेगा ।

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  13. बहुत सुन्दर अभ्व्यक्ति..

    ReplyDelete
  14. मुझे अभिमान है कि मेरा स्वाभिमान है ...
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,
    RECENT POST : समझ में आया बापू .

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  15. प्रेम सदा ही लब्ध जगत में।

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  16. सच आज के ज़माने में स्वाभिमान से बढ़कर बड़ी दौलत कुछ नहीं ..
    बहुत सुन्दर सगर्व प्रस्तुति ...

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  17. बिलकुल सही कहा स्वाभिमान ही वास्तविक पूंजी है ....

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  18. अपना भी यही अरमान है सर जी प्यार बाँटते चलो.... :)

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  19. बहुत सुंदर सीख दी आपने, बेहतरीन रचना, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  20. जहाँ सब इतना कुछ इकट्ठा करने में लगे हुए हैं आप अकेले चलने का सामर्थ्य दिखा रहे हैं ऐसी हिम्मत सबके पास नहीं होती।

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  21. जितना जरूरी है उतना भगवान देता रहे .... शान्ति यूं ही बनी रहे .... जावन में प्रभू का आसरा बना रहे तो ओर क्या चाहिए इन्सान को ... अच्छी जीवन सीख ......

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  22. करना फकीरी फिर क्या दिलगीरी

    सदा मग्न में रहना जी ,

    कोई दिन बांग्ला न कोई दिन गाड़ी

    कोई दिन भुई पे लौटना जी।

    संतोष सब धनों का धन आपके पास है।

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  23. बिलकुल सही ,बहुत सुन्दर

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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