यादें .....अपनी यादों के झरोखे से लाया हूँ ...एक गज़ल आप के लिए ...
मेरी कोशिश ...सिर्फ आप का दिल बहलाना ...अपने दिल को सुकून
पहुँचाना ...इस कोशिश में, मेरी कामयाबी; आप की खुशी में ..???
कलाम, "ग़ालिब" साहब का....आवाज़,,??? पसंद हम सब की .
.
गुनगुनाया ,गाया....
बहुत बड़े-बड़े महारथियों ने और क्या खूब गाया .....
पसंद सब की अपनी अपनी ....अपनी समझ,अपने ज्ञान के मुताबिक ...
मैंने इस गज़ल को खूब सुना ,मेरे कानों,और दिल को बहुत भायी ,आनंद
मिला ...जो आज तक बरकरार है |
मेरी अपनी कम-समझ और कम-ज्ञान के मुताबिक ...
किसी गुलूकार की गायकी से कोई मुकाबला नही !!!
कलाम तो चचा ,"ग़ालिब साहिब" का ही है....
आप भी सुनिए और मज़ा लीजिए ....
मेरी कोशिश ...सिर्फ आप का दिल बहलाना ...अपने दिल को सुकून
पहुँचाना ...इस कोशिश में, मेरी कामयाबी; आप की खुशी में ..???
कलाम, "ग़ालिब" साहब का....आवाज़,,??? पसंद हम सब की .
.
गुनगुनाया ,गाया....
बहुत बड़े-बड़े महारथियों ने और क्या खूब गाया .....
पसंद सब की अपनी अपनी ....अपनी समझ,अपने ज्ञान के मुताबिक ...
मैंने इस गज़ल को खूब सुना ,मेरे कानों,और दिल को बहुत भायी ,आनंद
मिला ...जो आज तक बरकरार है |
मेरी अपनी कम-समझ और कम-ज्ञान के मुताबिक ...
किसी गुलूकार की गायकी से कोई मुकाबला नही !!!
कलाम तो चचा ,"ग़ालिब साहिब" का ही है....
आप भी सुनिए और मज़ा लीजिए ....
"ग़ालिब साहिब " |
और अंत में :
"जो भले हें,वो बुरे को भी भला कहते हें
न बुरा सुनते हें "अच्छे"न बुरा कहते हें" "गालिब"
ग़ालिब को खूब पढा है मैंने स्कूल और कोलेज के दिनों में .अब तो सुनती हूँ.आज जाने क्यों इस ब्लॉग पर गाना बज नही रहा है.वरना कोशिश करती सही जवाब देने का.वैसे शे'र पढ़ क्र लग रहा है गजल खूबसूरत होगी.
ReplyDeleteआप ही बताईये, नहीं समझ आया।
ReplyDelete"जो भले हें,वो बुरे को भी भला कहते हें
ReplyDeleteन बुरा सुनते हें "अच्छे"न बुरा कहते हें"
आवाज़ रोकती है ,सुनी हुई भी है .....दर्द से भर न आये क्यों ....दिल ही तो है ..खूबसूरत एहसासात की ग़ज़ल ,प्रस्तुति गज़ब .
तुझसे भली तेरी याद है जालिम..
ReplyDeleteसाथ जागती है..सोती भी तन्हाई में.
आपकी वेबसाइट अच्छी लगी.. कितनी यादों ने समान बाँधा.
धन्यवाद.
हमने भी जख्म सॅंजो रखे हैं उनकी यादों के.
एक नज़र मेरी वेबसाइट पर भी डालें.
1. www.belovedlife-santosh.blogspot.com (हिन्दी कविता)
2. www.santoshspeaks.blogspot.com
आवाज़ किस की तो पता नहीं लेकिन बहुत मधुर आवाज़ है ।
ReplyDeleteजगजीत सिंह और शिशिर पारखी में से कोई एक है शायद , सलूजा साहब ! जगजीत सिंह जी के शीग्र स्वस्थ होने की कामनाओं सहित !
ReplyDeleteहैं और भी दुनिया में सुख़नवर बहुत अच्छे !
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़े-बयां और !!
वाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeletebahut pyaari ghazal aavaz bahut khoob hai.
ReplyDeleteआज आपका दिल धड़क रहा है नई पुरानी हलचल में यकीन नही तो खुद ही देखिये... चर्चा में आज नई पुरानी हलचल
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति ....
ReplyDeleteनया अंदाज सर,
ReplyDeleteआनंद आ गया सुनकर....
सादर आभार...
बेहद शानदार लाजवाब प्रस्तुति.....
ReplyDeleteकोशिश करता हूं पता करने की...जल्द ही सूचित करुंगा.....बेहतरीन आवाज़ है....। जगजीत सिंह की आवाज नहीं है ये। आपका फलसफा तो अपना ही निकला..जो भी प्यार से मिला..हम उसी के हो लिए......
ReplyDeleteशुक्रिया अशोक भाई .हौसला अफजाई के लिए .
ReplyDelete'ग़ज़ल' को आप सब ने पसंद किया ,गाने वाले की आवाज़ की सरहाना की ...आप को खुशी मिली | मुझे आप की खुशी से खुशी मिली| आप खुश,मैं खुश ...
ReplyDeleteपर गायक का नाम अब तक नही पता चला ,न मुझे,न आपको |
पता चले तो बताइएगा...जरूर !
आभार होगा !
आप सब का शुक्रिया !
खुश और स्वस्थ रहें !