यादें ... अपनी गुज़री यादों के
झरोखे से !!!मेरे संगीत प्रेमियों को मेरा
प्यार भरा नमस्कार ......
आइए, हम संगीत की
महफ़िल सजाते हैं|
अपना और सुननें वालों
का दिल बहलाते हैं ...
वो तेरे प्यार का ग़म ,
इक बहाना था सनम
मुकेश जी इस गीत में न जाने
कितने टूटे दिलों की दास्तान
बयां कर रहे है ....
अपनी दर्द भरी आवाज़ में ....
यह भूत, वर्तमान और भविष्यकाल के टूटे
दिलों की आवाज़ थी, है और होगी ....???
फिल्म: My Love
वर्ष: १९७०
संगीतकार : दान सिंह जी
गीतकार: आनन्द बक्शी जी
स्वर: मुकेश जी
पर्दे पर : शशि कपूर जी
सह-नायिका : शर्मीला टेगोर जी
और अंत में :-
एक प्यार देने वाला शक्स
हर दर्द की दवा होता है,
पर ऐसे दर्द की दवा कहीं नही
जो प्यार करने वाला देता है ....
वाह ..! मुकेश जी की दर्द भरी बात मज़ा गया
ReplyDeleteअपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया।
ReplyDeleteवैसे तो इस तरह के दर्द भरे गाने एक खास माहौल और पलों में ही अच्छे लगते हैं । लेकिन मुकेश जी की आवाज़ में ऐसा जादू था की उन्हें किसी भी वक्त सुना जा सकता है ।
ReplyDeleteआभार इस प्रस्तुति के लिए ।
मुकेश जी को नमन...सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteमुकेश जी को नमन!
ReplyDeleteमुकेश जी के बेहतरीन गीतों में से एक है यह गीत. इतना सुंदर गीत सुनवाने के लिये शुक्रिया. यह गीत बाँसुरी पर भी बहुत खूब बजता है.
ReplyDeleteहिंदी फिल्मी गीतों में नीरज जी के गीतों ने साहित्यिक स्तर के साथ कभी समझौता नहीं किया.'नई उमर की नई फसल 'का मुकेश जी द्वारा गाया गीत -देखती ही रहो आज दर्पण न तुम,प्यार का ये महूरत बदल जायेगा सुनाने का आग्रह है.इसकी शब्द रचना पर भूमिका के साथ प्रस्तुति हो तो क्या खूब रहेगा.
ReplyDeleteBahut dardbhara geet ....Mahan gayk ko naman
ReplyDeleteएक प्यार देने वाला शक्स
ReplyDeleteहर दर्द की दवा होता है,
पर ऐसे दर्द की दवा कहीं नही
जो प्यार करने वाला देता है ....
बहुत खूब !गीत भी ज़ज्बात भी .गुरुदेव आप भी !आपका ममत्व भी .
मुकेश जी का ये गाना पसंद आया ! गाना सुनवाने के लिए आपको धन्यवाद!
ReplyDeleteवाह ... वो तेरे प्यार का गम ...
ReplyDeleteमुकेश जी मेरे पसंदीदा गायकों में से एक हैं .. शुक्रिया इस गीत के लिए ...
मुकेश जी को नमन
ReplyDeleteअशोक भाई एक तरफ से पकड़ते हैं वो आईना जो कोंग्रेस को दिखाया जाता है .जै अशोक भाई .फलो -फूलो आशीषों हम बच्चों को .
ReplyDeleteशुक्रिया अशोक भाई !
ReplyDeleteआप सब के मान-सम्मान और प्यार देने के लिए .....???सब पराये शब्द हैं !
ReplyDeleteआप सब खुश और स्वस्थ रहें !
शुभकामनायें !
दानसिंह ने गिनी चुनी फिल्मों में संगीत दिया मगर वही उन्हें अमर कर गया। दानसिंह जयपुर में रहे। उनसे एकाध बार रूबरू भी हुआ। हमारे मित्र ईशमधु तलवार इस गीत के उन बंदों को भी सुनाते हैं जिनकी रिकॉर्डिंग नहीं हुई।
ReplyDeleteकभी याद दिलाएं, आपको भेजूंगा।