तो निंदा से... तो बचा जा सकता है!!!
आजकल ब्लोगजगत में जो घमासान मचा
हुआ है ...एक दूसरे पर लेख लिख कर ...
तरह-तरह की टिप्णियाँ सजी हुई... पढ़ने को
मिल रही हैं .....जिसमें ब्लोगजगत की
नामचीन हस्तियाँ शामिल हैं ....आभासी रिश्तों के
आपसी प्यार का बंधन देखने को मिला ....
वो सब पढ़ कर दिल ने जो महसूस किया ...
.वो अहसास यहाँ लिख करअपने दिल का
बोझ हल्का करने की कोशिश है ये सिर्फ.....
इससे ज्यादा कुछ नही .....
मैं तो यहाँ सिर्फ आप को अपना स्नेह
और आशीर्वाद देने आया हूँ ...और
आपसे कुछ सीखने ,जो मैं सीख रहा हूँ....
और वो कोशिश ज़ारी है और रहेगी ....
न मेरा किसी से द्वेष न गिला,न शिकवा
और न शिकायत .....मैं तो यूँ ही अपनी
यादेँ यहाँ लिख कर अपना समय भी
काटूँगा और दिल बहलाने की कोशिश
भी करता रहूँगा .....!!!
आप सब जहां है जैसे हैं .....
सब खुश और स्वस्थ रहें !
शुभकामनाएँ !
जो मेरे दिल ने ,महसूस किया....
उसे मैंने अपने दिल से लिखा...
बस और कुछ नही ....
इन आभासी रिश्तों से कैसा लगाव
जो जुगनू की तरह चमक जाते है
ये तो हैं पानी के वो बुलबुले
पल में बनते हैं ,पल में टूट जाते हैं ||
मैं हूँ कुँए का मेंडक ,मुझको
कुँए में ही रहने दो ,जिस दिन
डूब जाऊंगा ,पल में निकल आऊंगा
तुम्हारा समंदर तुम्हे मुबारक ,
जिस दिन डूब जाओगे ,सदियों न
निकल पाओगे ||
दुआ करें, मेरी यादोँ का सफ़र
यूँ ही ज़ारी रहे ...
मेरी यादेँ ,मेरी उम्र पर
सदा तारी रहें .....
--अकेला |
अगर ऐसा नहीं होगा तो लोगों की असली मनसिकता का पता कैसे लगेगा?
ReplyDeleteतुम्हारा समंदर तुम्हे मुबारक ,
ReplyDeleteजिस दिन डूब जाओगे ,सदियों न
निकल पाओगे ||
लोगों की अपनी२ मानसिकता है,...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....
RECENT POST...फुहार....: रूप तुम्हारा...
दिल से निकली दिल तक जातीं
ReplyDeleteमहकी बातें, सच मह्कातीं
सादर.
तलाशा जब प्रतीति को हमने , क़यामत की भीड़ में
ReplyDeleteदुश्मन कुछ अक्ल के खड़े थे, दोस्त कुछ जहालत के !!
बहुत प्यारी और सच्ची बात कही आपने सर...................
ReplyDeleteसादर.
आपका आशीर्वाद कवच बने
ReplyDeleteapki life ke baare me share kre kuch..
ReplyDeleteसुमित जी.
Deleteअपने बारे में ,मैंने जो ब्लॉग पर लिखा है ...उपर दायें तरफ़ ...
बस वोही सच है ....और जिन्दगी से मिले कुछ तजुर्बे बस उनको
अपने एहसास में ढाल कर लिख देता हूँ ...सिर्फ और सिर्फ इतना
ही परिचय है मेरा ....
खुश और स्वस्थ रहें !
शुभकामनाएँ!
सदाशयता बनी रहे
ReplyDeleteप्रवीण जी ,कृपया इस शब्द का (सदाशयता)खुलासा करें !
Deleteमेरे ज्ञान के लिए .....!
आभार!
तजुर्बे से निकले गहन शब्द ...आशीर्वाद बना रहे ...
ReplyDeleteअशोक जी , एक गाना याद आ रहा है --ये प्यार व्यार क्या है , ये कैसा गाना बजाना -----आगे नहीं आता .
ReplyDeleteखुश रहो जी .
तुम्हारा समंदर तुम्हे मुबारक ,
ReplyDeleteजिस दिन डूब जाओगे ,सदियों न
निकल पाओगे ||
सलामत रहो ,रोशन तुम्ही से दुनिया ,रौनक हो तुम, जहां की (यहाँ की माने ब्लॉग जगत की ),सलामत रहो .....
Aapka hardik dhanyavad ki aap mere blog par aate haen or sarthak samiksh karte hae .aapka yadon ka samndar sda hi bhra rhe sir .sundar post hae.
ReplyDeleteबहुत गहरी बात कही..... अनुकरणीय हैं आपके विचार
ReplyDeleteआपका सरस व निश्छ्ल नेह सबको आशीष देता रहा है, सचमुच सबके लिये एक कवच है, सदा सदा सबके सर पर आपके नेह का साया बना रहे.
ReplyDeleteaapke blog par aaj achanak hi aana hua...aur ye post bhi acchi lagi...puja ke blog par aapke comments dekhti hu kai baar bas wahi se bhatakti hui taha tak aa gai....aapke anubhav aashirwad ki tarah hai hum sabke lie
ReplyDeleteबहुत ही गहनता लिए हुए आपके विचार ..मन को छू गए ...आभार ।
ReplyDeleteअपने प्यार का आशीष यूँ ही बनाएं रखे .....आभार
ReplyDeleteदुआ करें, मेरी यादोँ का सफ़र
ReplyDeleteयूँ ही ज़ारी रहे ...
मेरी यादेँ ,मेरी उम्र पर
सदा तारी रहें .....
यही अपेक्षा भी है. इस गर्म माहौल में शांति सन्देश की.
पहली बार आई हूँ आपके ब्लॉग पर ........इस पोस्ट को पढकर आपके मन की पारदर्शिता से मिलना हुआ जो शायद हम सब की है....
ReplyDeleteआपके बहाने हम भी ब्लोगिया कुश्ती देख आये .मायावती का मुजरा देखने वाले आसमान पे थूक रहें हैं .
ReplyDeletebahut badhia yadon ka safar chalta rhe...
ReplyDeleteहम तो बस इतना कहना चाहेंगे कि-
ReplyDeleteउल्फ़त का असर देखेंगे!
Good post. I learn something totally new and challenging on websites I stumbleupon everyday.
ReplyDeleteIt will always be exciting to read through content from other writers
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