Wednesday, March 18, 2020

वक्त है बिसराए हुओ को ....याद करने का ....


आप सब को मेरा प्यार भरा नमस्कार ....☺

क्या आप मेरी इस बात से सहमत हैं .....अपना किया 
बुरा कर्म आप सब से छुपा सकते हैं ...झूठ बोल कर ,वर्गालाकर 
धोखा दे कर, खुद को चालाक समझ कर दुसरे को बेवकूफ समझ कर 
वगेरा...वगेरा ...

पर क्या अपने आप से, अपने दिल से या अपने में बसी अपनी आत्मा से
भी छुपा सकते हैं???....नही न ..

तो फिर क्यों अपनी बुराई न देख, दूसरों की बुराई पर नज़र जाती है...
शायद वो उनकी अपनी नज़र में उनकी अच्छाई हो... 

 "मैं" कौन तेरी बुराई को परखने वाला...."मैं" ने तो अपनी बुराई खुद में छुपा रखी है...और "तेरी" की बुराई ढूंढ रहा है...


पहले "मैं" की बुराई तो परखूँ ..और उस से निजात पाऊं और फिर "तेरी" अच्छाई को हो सकता हैं.... मैं ढूंढ पाऊं ... 

--अकेला 

5 comments:

  1. सच कहा है आपने .. खुद से ज्यादा खुद को कोई नहीं जानता ...
    आशा है आपका सस्थ ठीक होगा ... मेरी शुभकामनायें ... अपना ध्यान रखें ...

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  2. KYA BAAT HAI BADI HI SUNDER LINE LIKHI HAI AAPNE, THANKS FOR SHARING, Free me Download krein: Mahadev Photo

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  3. नमन अशोक जी 🙏😔🙏😔🙏😔🙏

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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