जन्म सफ़ल हो जाये|
ये सन्देश है ...वहीदा रहमान का गुरु दत्त जी के लिए ...
काश! ये सच होता ...तो गुरु दत्त जी आज हमारे बीच भी
हो सकते थे ...पर मजबूरियां कभी समझोता नही करने देतीं ..
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वर्ष: १९५७
फिल्म: प्यासा
गायिका : गीता दत्त
संगीत : सचिन देव बर्मन
शब्द : बंगाली Baul...
कलाकार: गुरु दत्त,वहीदा रहमान आदि...
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी ,
वरना यूँ तो कोई बेवफ़ा नही होता ...
बहुत सुन्दर गीत.
ReplyDeleteभक्ति रस का संचार करता
दिल को ठंडक प्रदान करता.
मिलन की तडफ का अहसास कराता हुआ.
बहुत बहुत आभार यार चाचू.
समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteसाभार,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत सुन्दर गीत.हमारी भी पसंद
ReplyDeleteबहुत ही मधुर गीत लगता है।
ReplyDeleteआपका कलेक्शन लाजबाब है
ReplyDeleteSUNDER GEET BAHUT PASAND AAYA HUME TO
ReplyDeleteशुक्रिया अशोक भाई अभी जेट लेग में हूँ ..
ReplyDeleteगीता दत्त जी के स्वर में बहुत सुन्दर गीत.....बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteजबरदस्त पावरफुल गीत ...
ReplyDeleteइस गाने को जब भी सुनती हूँ ........मेरा प्रियतम जैसे मेरे पास आ कर बैठ जाता है.पर.....जाने किस लिए नाराज है कि...गले नही लगता.जिस दिन लगायेगा.सचमुच जनम सफल हो जाएगा.
ReplyDeleteमुझे वो हर गीत प्रिय है जो मुझे अपने 'प्रियतम' के पास होने का अहसास दे जरूरी नही कि वो भक्ति संगीत ही हो.
'चाँद तकता है इधर ' सुनती हूँ तब भी खुद को 'उसके' एकदम करीब पाती हूँ वीरजी!
उसके करीब होने के अहसास के लिए मुझे कभी मंदिर या तीर्थ स्थलों पर नही जाना पड़ता.क्या करू?ऐसिच हूँ मैं तो.
और........शायद इसी रूप में 'उसकी' लाडली भी.
हाँ एक बात ...चाहे वीडियो पोस्ट करिये मैं तो आँखे बंद करके ही सुनती हूँ. ऐसिच हूँ मैं तो हा हा हा