ये पिछली पोस्ट का दूसरा हिस्सा ...
खुशनुमां माहौल में ...
मुझे दुःख है ...इसका वीडियो इसके गीत
जैसा अच्छा नही ....मज़बूरी है ...
पर्दे पर देव आनंद साहिब की जुबानी,अपनी मस्त
अठखेलियों के साथ ,एक शराबी के अभिनय में!
ये पूरा गीत एक शराबी के खुशनुमां मूड में ...
इस गीत को शब्द दिए :राजेन्द्र कृष्ण जी ने
संगीत से सजाया : मदन मोहन जी ने
स्वर दिया : रफ़ी साहिब ने
फिल्म : शराबी
वर्ष : १९६४
तो आयें मिल के सुनते हैं ...हम सब !
रफी,मदन मोहन,राजेंद्र कृष्ण और देव साहब का बेहतरीन काम्बिनेशन. वाह मजा आ गया.
ReplyDeleteजिस दिन की शुरुवात सुरीले और नशीले अंदाज में हो वह दिन निश्चित ही मस्ती भरा होगा.
बड़े भाई , कहाँ कहाँ से ढूंढ कर लाते हो .
ReplyDeleteयह गाना भी कभी नहीं सुना .
लेकिन आज सुनकर अच्छा लगा . आभार .
शब्द-शब्द संवेदना भरा मधुर गाना है.. अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई तथा शुभकामनाएं !
ReplyDeleteबड़ी पुरानी यादें बापस आ गयीं ... आभार आपका !
ReplyDeleteअहा, आनन्द आ गया।
ReplyDeleteप्यारा गीत
ReplyDeleteवाह! क्या मस्त मस्त गीत पेश किया है आपने यार चाचू.
ReplyDeleteलगता है आजकल मस्ती छाई हुई है आपपर.
वाह मजा आ गया.
ReplyDeleteक्या अशोक भाई इन दिनों सागर (मध्य प्रदेश ,सागर विश्व विद्यालय )में पढ़ते थे हम वहीँ देखी थी ये पिक्चर .अतीत लिए चलते हैं आप सबका .अच्छी बात नहीं है .
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या ... आभार ।
ReplyDeleteबहुत खूब ... क्या बात है सर ... गज़ब का गीत ... रफ़ी जी की आवाज़ ... और सावन के महीने में ... सच में थोड़ी सी ही तो पी है ...
ReplyDeletenice song
ReplyDelete