Saturday, January 22, 2011

एक बात तो पक्की ..............................है |


नमस्कार आप सब को .....................यकीनन प्यार भरा |
पर येह भी बिल्कुल सच है ?

इक तरफ़ा प्यार हमेशा दुःख देता है
                और
इक तरफ़ा विश्वास हमेशा धोखा

अर्ज़ है.
आँख और कान बंद किये
होंट और मुहं को सिये
दिल में हजारों जख्म लिए
हम तो बस यूँ ही जिए

किस किस पे यकीन नही, किया मैने
किस किस को मैने मनाया नही,
मेरी,किस्मत ने ही शुरु से धोखा दिया मुझको
जो मैं ही आज तक किसी को भाया नही।

   अशोक"अकेला"

कुछ ऐसा ही अपना दुखडा सुना रहे है |
मरहूम गायक परवेज़ मेहदी अपनी दर्द भरी 
आवाज़ मैं , तो आयें हमभी उन के दुःख मैं शामिल 
हो कर कुछ अपने और उनके  मन को तसल्ली देने की 
कोशिश करते हैं |
गीत पजाबी भाषा मैं है ,पर न सगीत की कोई भाषा होती है 
और न दर्द की ............तो सुनते हैं |
तब तक खुश और सेहतमंद रहें ..............मिलते है अगले 
मोड पर.......................... सुनें...
.

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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