क्या कहा "नही" तो नीचे देखिये ,सुनिए ...फिर बात करतें हैं ,
उसके बारे में ....
जगजीत सिंह |
फिल्म : अर्थ
वर्ष : १९८२
संगीतकार और गायक :जगजीत सिंह
गीतकार: कैफी आजमी
पर्दे पर : राज किरण,शबाना आजमी
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो .....
सुना आप ने ... राज किरण को भी देखा और पहचाना होगा शबाना आजमी के साथ ...
इसी राज किरण अभिनेता ने पुरानी फिल्म सुभाष घई की क़र्ज़ में ऋषि कपूर के
पूर्व-जन्म का किरदार निभाया था | अगर आप ने 'क़र्ज़ ' देखी होगी तो याद आ गया
होगा ...
इस राज किरण अभिनेता ने अपने अभिनय से इस गीत को जगजीत सिंह की आवाज
में पर्दे पर साकार किया और हम सब देखने वालों का अपने सशक्त अभिनय से मनोरंजन
किया | क़र्ज़ के अलावा और भी कुछ फिल्मो में काम किया...
...फिर इनके वक्त ने पलटा खाया , अपने निजी कारणों से फ़िल्मी दुनिया से गायब हो गये ... और एक दिन सब ने सुना ...वो इस दुनियां में नही रहे... कुछ इनके खास चाहने वाले फ़िल्मी दोस्तों को ये बात पचा पाने में मुश्किल हो रही थी | जिनमें से एक ऐक्ट्रेस दीप्ति नवल जी ने पिछले दिनों फेस-बुक पर अपनी पोस्ट डाल कर पता लगाने की कोशिश करी ,पर कामयाबी नहीं मिली
... आखिर दोस्तों की मेहनत रंग लाई...और १,जून २०११ के टाइम्स आफ इंडिया के, पेज-१३ और दिल्ली टाइम्स ,पेज नम्बर -१२ पर ये खबर विस्तार-पूर्वक छपी है |आप चाहें तो इसको पढ़ सकते है, उसी दिन इसकी न्यूज़ एन. डी. टी.वी .पर भी सुबह ११ बजे दी गयी थी | इस समय अभिनेता राज किरण .अपनों से दूर... यहाँ तक कि अपनी बीवी और लडके से भी दूर या यूँ कहें इन सब का छोड़ा हुआ,त्यागा हुआ,इनकी बेरुखी से हारा और अपने बुरे वक्त का मारा...Atlanta, U.S.A. के Mental hospital में इलाज करा रहा है |
कौन जाने, कितने साल...बीत गये इन दुखो में ...क्यों और कैसे .??? इनको ढ़ूढ़ने का सारा श्रय श्री ऋषि कपूर जी को जाता है | वो आगे भी राज किरण के लिये बहुत कुछ करने की सोच रहें है | राज किरण जी ने अपने अभिनय से अपने देखने वालों का जितना भी मनोरंजन किया है ...उसके बदले हम सब, उनकी अच्छी सेहत और अच्छे भविष्य के लिये शुभकामनाएँ तो दे ही सकतें है..न ? तो मेरे साथ आप सब भी दीजिए !
...फिर इनके वक्त ने पलटा खाया , अपने निजी कारणों से फ़िल्मी दुनिया से गायब हो गये ... और एक दिन सब ने सुना ...वो इस दुनियां में नही रहे... कुछ इनके खास चाहने वाले फ़िल्मी दोस्तों को ये बात पचा पाने में मुश्किल हो रही थी | जिनमें से एक ऐक्ट्रेस दीप्ति नवल जी ने पिछले दिनों फेस-बुक पर अपनी पोस्ट डाल कर पता लगाने की कोशिश करी ,पर कामयाबी नहीं मिली
... आखिर दोस्तों की मेहनत रंग लाई...और १,जून २०११ के टाइम्स आफ इंडिया के, पेज-१३ और दिल्ली टाइम्स ,पेज नम्बर -१२ पर ये खबर विस्तार-पूर्वक छपी है |आप चाहें तो इसको पढ़ सकते है, उसी दिन इसकी न्यूज़ एन. डी. टी.वी .पर भी सुबह ११ बजे दी गयी थी | इस समय अभिनेता राज किरण .अपनों से दूर... यहाँ तक कि अपनी बीवी और लडके से भी दूर या यूँ कहें इन सब का छोड़ा हुआ,त्यागा हुआ,इनकी बेरुखी से हारा और अपने बुरे वक्त का मारा...Atlanta, U.S.A. के Mental hospital में इलाज करा रहा है |
कौन जाने, कितने साल...बीत गये इन दुखो में ...क्यों और कैसे .??? इनको ढ़ूढ़ने का सारा श्रय श्री ऋषि कपूर जी को जाता है | वो आगे भी राज किरण के लिये बहुत कुछ करने की सोच रहें है | राज किरण जी ने अपने अभिनय से अपने देखने वालों का जितना भी मनोरंजन किया है ...उसके बदले हम सब, उनकी अच्छी सेहत और अच्छे भविष्य के लिये शुभकामनाएँ तो दे ही सकतें है..न ? तो मेरे साथ आप सब भी दीजिए !
शुभकामनाएँ !
शुक्रिया !
आप सब खुश रहें ,स्वस्थ रहें |
अशोक 'अकेला'
जब राकिरण सांई बाबा के यहां दीवार फांद कर चढ़े थे मुझे तभी से याद है कि उनकी मानसिक अवस्था ठीक नहीं बताई गई थी. शुरू शुरू में मैं राजकिरण व अनिल कपूर में बड़ी मुश्किल से अंतर कर पाता था...
ReplyDeleteराज किरण की ऐसी हालत के बारे में
ReplyDeleteपढ़ कर मन बहुत दुखी हुआ है
कुछ ऐसे कारण रहे होंगे
उनकी जिंदगी में, जो उन्हें इस मुकाम तक
ले आये होंगे ...
भगवान् जी से प्रार्थना है
कि राजकिरण जी को भरपूर आशीर्वाद दें .
हाँ कल टीवी पर समाचार में इस विषय पर जानकारी मिली| कैसी अजीब है ये फ़िल्मी दुनिया| अपने ही एक सितारे को ऐसा भुला दिया|
ReplyDeleteकल टी वी पर देख कर बहुत हैरानी और दुःख हुआ ।
ReplyDeleteआशा करते हैं कि जल्दी ही ठीक होकर स्वदेश लौटेंगे ।
कल दैनिक भास्कर समाचार पत्र में इस विषय पर जानकारी मिली | राज किरण जी की अच्छी सेहत और अच्छे भविष्य के लिये शुभकामनाएँ .
ReplyDeleteइस पोस्ट के द्वारा ध्यान आकर्षित करने के लिए आपका आभार।
पढ़ कर मन बहुत हैरान और दुखी है ...
ReplyDeleteदुनिया ने भुला दिया...बीवी और लडके ने भी !?
संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है ...
ईश्वर सबको सदबुद्धि दे !
आपकी मानवीय संवेदनाओं को प्रणाम !
क्या लिखू? कौन जाने क्या कारन रहे होंगे! यूँ परिवार इतना निष्ठुर नही हो जाता.कभी कभी हम एक पक्ष देखते हैं.हो सकता है उन लोगो ने प्रयास किया हो और पता नही लग पाया हो.इतने निष्ठुर हम हो जायेंगे तो परिवार की आवश्यकता और परिभाषाएं बदल जायेगी.फिल्म संसार का ये काला पक्ष है...शायद .वे स्वस्थ हो कर अपने परिवार आ जाये.
ReplyDelete