Wednesday, June 01, 2011

एक उम्मीद ! जगाता प्यारा एस एम् एस ...आप सब के लिये ...



हर गुलाब के फूल से नफरत बेवकूफी है

 क्यों कि, किसी एक गुलाब से आप को कांटा चुभा... 

अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश छोड देना

 क्यों कि, कोई एक सपना पूरा नही हुआ...

 अपने इष्ट देव की पूजा छोड देना

 क्यों कि, कोई एक प्रार्थना  सुनी नही गयी...

 सब दोस्तों की निंदा करना

 किसी एक ने विश्वास तोडा...

 प्यार पे भरोसा छोड देना

 किसी ने प्यार में  धोखा दिया...
 याद रखो !
 जिन्दगी फिर मौका देगी
 नए दोस्तों का ,नया प्यार पाने का... 
 और नई अच्छी शुरूआत का
 हमेशा उम्मीद का दामन थामे रखो....

4 comments:

  1. ये तो सभी बातें याद रखने योग्य हैं । बढ़िया एस एम् एस है जी ।

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  2. सर जी । आपकी कविता ने आंखें नम करदी। ऐसा चित्र खींचा है जैसे मुझे लगरहा था आप सारी बातें मुझे देखे बिना कैसे कह रहे है। यही तो रचनाकार की विशेषता है कि सब को यह लगे कि यह हमारे वारे में ही कह रहा है। मुन्डी हिलना,खांसी आना,पीठ का दर्द घुटनों का दर्द ,दिल की कमजोरी, याददाश्त मे कमी। आदर सत्कार तो अब बीते दिनों की बाते है और शिक्षा देने पर बच्चे हंसी उडाते है।

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  3. बहुत दिलचस्प .... बहुत रोचक ....

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  4. ये एसएमएस क्या जीवन का सार है.चंद शब्दों में जीवन जीने की कला सीखा गया.हमे यही तो चाहिए आपके इस खजाने से.आज 'बुढापे' वाली कविता का ऑडियो भी सुना.पंजाबी में बड़ी अच्छी लगी आपकी आवाज में.एक अलग ही मजा आया.बच्चो को भी सुनाई.

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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