आप सब को दीपावली और भाई-दूज के
पावन-पर्व पर बहुत सारा स्नेह ,प्यार और
शुभकामनाएँ....
"कुछ खट्टी .कुछ मीठी
कुछ सच्ची .कुछ तीखी" ||
मेरे दिल की आवाज़ ....
कितने प्यारे ब्लाग के रिश्ते ,यह जो बने आभासी
इक टिप्पणी पा होते खुश ,न मिले छा जाये उदासी |
प्यार सब को दिया करो ,टिप्पणी की न फ़िक्र करो
इन सब बातों से उपर है, यह छोटी बात! जरा-सी |
अपनी-अपनी ढपली और अपना-अपना राग
कोई लिखे यहाँ कविता ,कोई सुनाए भीम-प्लासी |
सियासत से भरी है, यह सारी दुनिया
अपनी-अपनी चाल चले, यहाँ सब सियासी |
कभी-कभी पर, देख बेढंगी इनकी चाले
दिल मेरा बोले, बन जाऊ अब सन्यासी |
तब पछताऊं,छोड़ के क्यों मैं अपना घर
सोचूं में! क्योंकर यूँ बना बनवासी |
बहन, बेटी, दोस्त मुझे मिले यहाँ सब
सब बहुत ही प्यारे, यहाँ के निवासी |
मैनें देखी नफरत बड़ी ,दुनियां इस से भरी पड़ी
बस बुझे ,प्यार की प्यास, न रहे अब कहीं उदासी|
पर अब भी ढूंढे ,मेरी यह अखियाँ अपनी माँ को
जिनके दरस को जीवन भर, तडप रही यह प्यासी |
दोनों हाथ जोड़ मांगूं माफ़ी सारे जग की माँ से
माफ करो हे माता घंटे वाली अस्सी-चार चौरासी
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कितने प्यारे ब्लाग के रिश्ते ,यह जो बने आभासी .... अशोक"अकेला"
दिवाली मुबारक हो ...२०११.
आप सब खुश और स्वस्थ रहें !!
चर्चा मंच परिवार की ओर से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteआइए आप भी हमारे साथ आज के चर्चा मंच पर दीपावली मनाइए!
पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । दीपावली की शुभकामनाएं । धन्यवाद ।
ReplyDeleteवाह वाह ..
ReplyDeleteकितने प्यारे ब्लॅाग के रिश्ते जो बने आभासी ..
.. आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं !!
आपकी अभिव्यक्ति बहुत सुन्दर है,यार चाचू.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
आपके व आपके समस्त परिवार के स्वास्थ्य, सुख समृद्धि की मंगलकामना करता हूँ.दीपावली के पावन पर्व की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
दुआ करता हूँ कि आपके सुन्दर सद लेखन से ब्लॉग जगत हमेशा हमेशा आलोकित रहे.
सुंदर रचना ..दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं.....
ReplyDeleteप्यार सब को दिया करो ,टिप्पणी की न फ़िक्र करो
ReplyDeleteइन सब बातों से उपर है, यह छोटी बात! जरा-सी |
यही है सच्ची बात .... दीपावली की शुभकामनायें
भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल शुभकामनाएँ !
bahut hi sunderta se aapne hum sabhi tak apna aashirwad pahunchaya.....Deepawali ki shubhkamnaayein:)Happy Diwali Sir
ReplyDeleteबहुत भावुक होकर लिखी है यह ग़ज़ल ।
ReplyDeleteलेकिन बहुत सुन्दर लिखी है ।
आपको दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें अशोक जी ।
शुभ दीपावली,
ReplyDeleteमैनें देखी नफरत बड़ी ,दुनियां इस से भरी पड़ी
ReplyDeleteबस बुझे ,प्यार की प्यास, न रहे अब कहीं उदासी|
सुन्दर!
शुभ दीपावली!
अशोक जी,...आपकी इस सुंदर रचना के भावों से सहमत हूँ,..बढिया पोस्ट...कभी हमारे लिंक में आइये स्वागत है
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाये....
आपको दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाये सलूजा साहब !
ReplyDeleteआपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें….!
ReplyDeleteसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
प्रतक्ष या आभासी रिश्ते तो हैं जो कभी मन को गुदगुदा देता हैं ...
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने टिप्पणियों, से उदासी और खुशी तो छाती ही है मार्गदर्शन भी मिलता है और तारतम्यता भी बंधी रहती है, अपने अभिभावक के नही होने की कमी नही खलती है|
ReplyDeleteशुभकामनायें!
सर्व कालिक एवं प्रासंगिक पोस्ट .शुक्रिया .
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