आँखें सच बोलती है ,प्यार छुपाया न करो||
यादेँ ..... बहुत दिन से मेरी यादों में एक सुंदर ,
नाज़ुक, कोमल और रोमांटिक गज़ल बसी हुई थी ,जो
मैं आप सब को भी सुनवाना चाहता था |
आज इस रोमांटिक माहोल और खुशनुमा दिल्ली की कंपकपाती
सर्दी में ,ये गज़ल आप सब को एक खुशनुमा गर्मी का अहसास
महसूस कराएगी ....ऐसा मेरा मानना है ..??
आखिर पसंद तो मेरी है और उम्मीद करता हूँ हमेशा की तरह आप
की पसंद पर भी खरी उतरेगी ...आमीन !!!
इस गज़ल को अपनी मीठी और रोमांटिक आवाज़ में ,आप के लिए
गाया है ....राज कुमार रिज़वी जी ने ....
तो पेश है ....आप के लिए... आप भी सुनियें और कुछ लम्हों के लिए
खो जाइये अपनी मधुर यादों में .....शब्बा खैर !!!
रेत पे लिख के मेरा नाम ,मिटाया न करो
आँखें सच बोलती है ,प्यार छुपाया न करो
लोग हर बात का अफसाना बना लेते है
सब को हालात की रूदाद सुनाया न करो
आँखें सच बोलती है ,प्यार छुपाया न करो
रेत पे लिख के मेरा नाम........
ये जरूरी नही ,हर शक्स मसीहा ही मिले
प्यार के जख्म अमानत है ,दिखाया न करो
आँखें सच बोलती है ,प्यार छुपाया न करो
रेत पे लिख के मेरा नाम ......
शहरे अहसास में पथराव बहुत हैं 'मोहसिन'
दिल को शीशे के झरोंखों से सजाया न करो
आँखें सच बोलती है ,प्यार छुपाया न करो
रेत पे लिख के मेरा नाम ......
सुन्दर सलूजा साहब ! इसी से सम्बंधित शेर याद आ गया ;
ReplyDeleteतन्हाइयों में हम यूंही दिल को सजा देते है ,
नाम लिखते है तेरा, लिख के मिटा देते है !!
बहुत बढ़िया..गज़ल भी..आवाज़ भी..
ReplyDeleteशुक्रिया.
बहुत बढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत बढ़िया गज़ल
ReplyDeleteबहुत खूब भाई जी ...
ReplyDeleteआभार !
बहुत बढ़िया ग़ज़ल --सुनने में भी और पढने में भी ।
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी ग़ज़ल......
ReplyDeleteबहुत बढ़िया गज़ल ...
ReplyDeleteअहा, क्या गजल है..
ReplyDeleteलोग हर बात का अफसाना बना लेते है
ReplyDeleteसब को हालात की रूदाद सुनाया न करो
beshkimti
वाह !!! जैसा आपने कहा था वाकई दिल छु गई यह गजल... लजवाब choice है आपकी इस गज़ल को यहाँ पढ़वाने और सुनवाने के लिए आपका आभार...
ReplyDeletekhoooob..
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया गजल.....
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
बहुत अच्छे अशोक भाई !शुक्रिया हमारे ब्लॉग पर टिपियाने के लिए .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया गज़ल ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया गज़ल ...
ReplyDeleteदेर से पहुचने के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ लेकिन आज इतबार की सुबह इस बहाने सुहानी हो गयी. बेहतरीन गज़ल सुनकर आनंद आ गया. शुक्रिया.
ReplyDeleteये गज़ल आप ने सुनी ,सराही ,अच्छी लगी ,मुझे ये सब जान कर सुकून मिला ....
ReplyDeleteआप सब खुश और स्वस्थ रहें |
आप सब के मान-सम्मान का आभार |
वाह ...कोमल एहसास .....
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