प्यार
प्यार मिलता है प्यार से
मिलता नही ,वार के तलवार से
प्यार लेना है, तो प्यार कर
प्यार से प्यार, का इज़हार कर
प्यार कुछ मांगे, तो प्यार से
इकरार कर ,
प्यार दे के ,न लेने का इंतज़ार कर
मिलेगा तुझ को भी, इक दिन
बहुत सारा प्यार
तू थोडा सा मेरा, एतबार कर
तू प्यार कर ,बस प्यार कर || अशोक "अकेला"
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ReplyDeleteआज इस रचना में वो पढने कों मिला जो विचार हमेशा मेरे मन में विचार ते हैं । जो भावना हमें मनुष्य बनाए रखती है वो है प्यार की । अगर प्यार की भावना बलवती होती है है तो पोर्वग्रह और द्वेष जैसी भावनाएं दूर रहती हैं।
Thanks for this beautiful and inspiring creation .
regards,
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अना जी,
ReplyDeleteनमस्कार और धन्यवाद पर...
दिव्या जी ,नमस्कार आप को भी पर...
आप की बेबाक और निडर लेखनी का कायल हूँ मैं इस लिए कृपया मुझे अच्छी टिप्पणी की बजाय अच्छे सुझाव दें|अज्ञानी हूँ |अभी सिर्फ सुझाव के काबिल हूँ |
बस ऐसे ही निडर और बेबाकी से लिखती जाएँ |
आप सब खुश और स्वस्थ रहें |
hello,papa bahut achcha.
ReplyDeleteये बातें देखने में बहुत अच्छी लगती हैा पर कोई इन बातों को अच्छी तरह अपने अंदर गहराइ तक नही सोचाता है जो सोचता हैं पर उस के विचारो् का अच्छा विचार मिलना सम्भव नही है ा
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