Monday, April 18, 2011

एस एम् एस ........जो साझा करना चाहता हूँ मैं आप से .....

कितनी बुरी लगती है जिन्दगी ,जब हम अपने आप को

तन्हा महसूस करते हैं -मरने के बाद मिलते है चार कंधे

जीते जी हम एक कंधे को तरसते हैं |

7 comments:

  1. बिलकुल यथार्थ है इस एसेम एस मे कम से कम बेटियाँ एस एम एस भेजने के बहाने याद तो करती हैं। शुभकामनायें।

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  2. सच ही तो है भाई जी ! शुभकामनायें आपको !

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  3. शायद ये ही जिन्दगी की सच्चाई है । धन्यवाद आपको इन अनुभवों को शेअर करने के लिये...

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  4. वह साथ है तो सब साथ हैं.मरने के बाद किसने देखा ,जीते जी तो एक उसीका सहारा है,यार चाचू.

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  5. क्या बात कही है आपने, लाजवाब
    मेरे ब्लॉग पर आयें, आपका स्वागत है
    मीडिया की दशा और दिशा पर आंसू बहाएं

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  6. बहुत सुन्दर SMS , धन्यवाद साझा करने के लिए।

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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