कैसे भूल जाऊं तेरी यादो को, जिन्हे याद करने से तू याद आए॥
कभी 'यादें' तुम्हारा सहारा बनें कभी तुम यादों का सहारा बनोयादों के उपवन से चुन चुन कभी फूलों को यहाँ भी सजाया करो. शुक्रिया,यार चच्चू.
बढ़िया सन्देश ! शुभकामनायें !!
फूलों से निकालो कांटे, कभी कांटों से फूल चुनो । बहुत बढिया चिंतन...
मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........
कभी 'यादें' तुम्हारा सहारा बनें
ReplyDeleteकभी तुम यादों का सहारा बनो
यादों के उपवन से चुन चुन
कभी फूलों को यहाँ भी सजाया करो.
शुक्रिया,यार चच्चू.
बढ़िया सन्देश ! शुभकामनायें !!
ReplyDeleteफूलों से निकालो कांटे, कभी कांटों से फूल चुनो । बहुत बढिया चिंतन...
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