Wednesday, April 20, 2011

एस एम् एस ........जो साझा करना चाहता हूँ मैं आप से .....







कभी दिल की कहो,कभी दिल की सुनो


कभी भीड़ मैं रहो तन्हा-तन्हा


कभी दिन मैं सपने बुनो


फूलों से निकालो कांटे


कभी काँटों से फूल चुनो |










3 comments:

  1. कभी 'यादें' तुम्हारा सहारा बनें
    कभी तुम यादों का सहारा बनो
    यादों के उपवन से चुन चुन
    कभी फूलों को यहाँ भी सजाया करो.
    शुक्रिया,यार चच्चू.

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  2. बढ़िया सन्देश ! शुभकामनायें !!

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  3. फूलों से निकालो कांटे, कभी कांटों से फूल चुनो । बहुत बढिया चिंतन...

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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