Saturday, April 23, 2011

मैं क्यों लिखता हूँ ...???


मैं क्यों लिखता हूँ ?
मैं मसरूफ हो गया | 
मैं किस लिए लिखता हूँ?
मैं बोल नही सकता !

इस लिए लिखने पे मजबूर हो गया , 
कड़वा कहने ,सुनने से दूर हो गया|

मेरे लिखे को पडेगा कौन?
मैं ! खुद ! 
क्या सोचा था ?
याद नही... 
क्या लिखा था ...
पड़ लिया मैंने !

कम हो गया बोझ !
दुःख दूर हो गया |

बस इस लिए मैं ,
लिखता हूँ ||

अशोक"अकेला"

7 comments:

  1. बहुत सुन्दर कविता।

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  2. आदरणीय अशोक सलूजा जी
    नमस्कार !
    प्रशंसनीय रचना - बधाई...मन को छू गयी प्रस्तुति
    ......एक सुन्दर रचना बधाई...

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  3. लखिते रहिए, शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  4. लिखिए जरूर ...
    शुभकामनायें आपको

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|

    ReplyDelete
  6. मेरे लिखे को पडेगा कौन?
    मैं ! खुद !
    क्या सोचा था ?
    याद नही...
    क्या लिखा था ...
    पड़ लिया मैंने !

    कम हो गया बोझ !
    दुःख दूर हो गया |

    बस इस लिए मैं ,
    लिखता हूँ ||


    सही कहा...मन और इच्छाएं इसी तरह भटकाती हैं....
    लाजवाब, सुन्दर लेखनी को आभार...

    ReplyDelete

मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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