ऐसा क्यों ...???
लोकपाल बिल के पास होने से क्या होगा ?
क्या आम आदमी के बच्चे को स्कूल मैं दाखिला मिल जायेगा ?
क्या एक आम घर की ग्रेहणी को रसोई मैं गैस सेलैंडर मिल जायेगा ?
क्या एक आम आदमी को नौकरी मिल जायेगी ?
क्या एक आम आदमी चोर बनने से बच जायेगा ?
क्या आज की नौजवान पीढी को कॉलेज मैं दाखिला मिल जायेगा ?
या
ऐसे तुम हम मैं जडो तक डूबा भ्रष्टाचार खत्म कर लोगो ?
ये कुछ सवाल है, जो आज का खास आदमी पूछ रहा है ,एक आम आदमी से !
आज के खास लीडर अपने आज के आम मतदाता से !
या
ऐसे तुम हम मैं जडो तक डूबा भ्रष्टाचार खत्म कर लोगो ?
ये कुछ सवाल है, जो आज का खास आदमी पूछ रहा है ,एक आम आदमी से !
आज के खास लीडर अपने आज के आम मतदाता से !
बस ये छोटे -छोटे से सपने है ,आम आदमी के ....जो वो लोकपाल बिल के
पास होने की आस से देख रहा है ,या जो अन्ना हजारे ने उन्हें देखने का सपना दिखाया है |
और आम आदमी इस सपने से खुश है ....कब तक .....
ये उस खास आदमी के हाथ मैं है ,जो ये उपर देखे सपनों मैं खलल डाल रहा है |
सिर्फ उसे पता है की ये सब सपने हैं और मैं इन को कभी पूरा नही होने दूँगा |
तो इसमें हो हल्ला किस लिए ? खास आदमी सपने तोड़ने के मनसूबे बना रहा है ,
तो बनाता रहे | जब आम आदमी का सपना टूटेगा तो वो खुद ही हकीकत की
दुनियां मैं आ जायेगा | पर जब उस ने सपना देखने की हिम्मत जुटाने का कुछ
साहस किया है ,वो भी अपनी नीदं के सपनों मैं तो देख लेने दो न ?
कुछ दिन तो जी लेने दो उसको अन्ना हजारे के सपनों की दिखाई दुनिया मैं |
एक आम आदमी के सपने को तोड़ने की कोशिश मैं रोज-रोज नए-नए विवाद ,
परिवारवाद, महिला विवाद ,भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने से वाह-वाह लेने का विवाद
न जाने क्या-क्या ...??? ये सब क्योँ ..... इसमें तो वो सब बधाई के पात्र है जो
आम आदमी इससे जुड़ा है |
एक बात को बार-बार केहना भी अच्छा नही लगता ,इस लिए आप से सिर्फ इतना
ही....की जो मेरे दिल मैं आया वो मैंने कहा जिस भाषा में ,मैं बोल सकता हूँ ,उसमें
मैंने लिख दिया | मेरे दिल और उसके एहसास को पड़ें... न की लिखी भाषा की गल्ती|
मुझ को प्यार का एहसान नही ,
प्यार का एहसास चाहिए |
मुझ को पराया-पन नही ,
अपना-पन पर खास चाहिए ||
बस एक बात और... मुझ जैसे आम हर छोटे - बड़े इन्सान को... कि ये सपनों की दुनिया
की राह मैं हमारा पेहला कदम है, और सपनों की मखमली सड़क पर पहुंचने के लिए
इस काटों भरी राह को तो पार करना ही होगा |
सो हिम्मत बांधे रखिये ,सपने देखते रहिये ,एक दिन सपने सच होंगे |
उस दिन बगेर कुछ कहे सपने तोड़ने वालो को हमारा ,उनके आज के
सवालों का एक जवाब होगा |
आने वाले खुशगवार सपनों के लिए !
शुभकामनाएँ और आशीर्वाद !
सब खुश और सेहतमंद रहें |
अशोक"अकेला"
सो हिम्मत बांधे रखिये ,सपने देखते रहिये ,एक दिन सपने सच होंगे |
ReplyDeleteउस दिन बगेर कुछ कहे सपने तोड़ने वालो को हमारा ,उनके आज के
सवालों का एक जवाब होगा | ..............
हां सर मुझे आपको और सबको भी उसी दिन का इंतज़ार है और रहेगा भी । शुभकामनाएं
बिना कोशिश तो कुछ भी हासिल न होगा...
ReplyDeleteआपकी बातें कुछ हद तक सही हैं... लेकिन कम से कम से ऐसे आयोजनों से जागरूकता तो आएगी ही... बदलाव तो केवल और केवल अपने अन्दर बदलाव लाने से ही आ सकता है....
ReplyDeleteसपने कित्ते सुहाने होते हैं. पर टूट जाएँ तो कित्ता दुःख भी होता है.
ReplyDeleteगरीब "आदमी" के साथ ये जो "आम" जुडा हुआ है, सारा किया धरा इसी का है ! एक गरीब इंसान हरसमय बगल में जब इतनी रसीली वस्तु (आम) लिए घूमेगा तो सामने वाला तो इसी फिराक में रहेगा कि कब चूसू इसे ! अभी अपने प्रधान मंत्री जी आसाम में एक जन सभा को संबोधित करते हुए कह रहे है कि हमारी सरकार हमेशा आम लोगो के भले की बात करती है! मैं तुरंत समझ गया कि इस बुढ्वू ने भी खूब आम चूसे है :)
ReplyDeleteमुझ को प्यार का एहसान नही , प्यार का एहसास चाहिए |
ReplyDeleteमुझ को पराया-पन नही ,
अपना-पन पर खास चाहिए |
विचारणीय पोस्ट , स्वागत योग्य , आभार.........
विचारणीय पोस्ट
ReplyDeleteरामनवमी पर्व की ढेरों बधाइयाँ एवं शुभ-कामनाएं
हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम.
ReplyDeleteरामनवमी पर्व पर ापको हार्दिक शुभकामनाएँ...
उम्मीद करते हैं कि कुछ अच्छा ही होगा ! शुभकामनायें भाई जी !
ReplyDeleteरास्ते मुश्किलों के बीच से ही निकलते हैं।
ReplyDelete............
ब्लॉगिंग को प्रोत्साहन चाहिए?
लिंग से पत्थर उठाने का हठयोग।
आप सब के स्नेह का आप सब को आशीर्वाद के साथ शुक्रिया |
ReplyDeleteनीचे का लिंक अपने नया सीखने की अपनी प्रतिक्रिया देखने के रूप में|
यादों का सफर...........