कैसे भूल जाऊं तेरी यादो को, जिन्हे याद करने से तू याद आए॥
यह हमेशा जरूरी नहीं.सभी कुछ द्रष्टिकोण पर निर्भर करता है.जैसा चश्मा पहिने रंग वैसा ही दिखाई देता है.दर्द का कारण भी देखने का नजरिया है.
क्या जवाब दें .....शुभकामनायें दे सकते हैं !
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tough question !
अशोक जी पड़े रहेंगें दोनों मेमोरी में बस प्रोसेस न करें ,रिट्रीव भी न करें .रिसीव मेसेज सलेक्तिवली .
मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........
यह हमेशा जरूरी नहीं.सभी कुछ द्रष्टिकोण पर निर्भर करता है.जैसा चश्मा पहिने रंग वैसा ही दिखाई देता है.दर्द का कारण भी देखने का नजरिया है.
ReplyDeleteक्या जवाब दें .....
ReplyDeleteशुभकामनायें दे सकते हैं !
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ReplyDeletetough question !
ReplyDeleteअशोक जी पड़े रहेंगें दोनों मेमोरी में बस प्रोसेस न करें ,रिट्रीव भी न करें .रिसीव मेसेज सलेक्तिवली .
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