|
मौली (मेरी पोती ) |
एक छोटी बच्ची अपने पापा के साथ कहीं जा रही थी
रास्ते में एक पुल आया जिस पर पानी बड़ी
तेजी से बह रहा था
पापा ने कहा
"डरो मत ,मेरा हाथ पकड़ लो" बेटी बोली "नही पापा
आप मेरा
हाथ पकड़ लो" !पापा मुस्करा के बोले
"बेटी दोनों में क्या फर्क है" ?
बच्ची बोली
"पापा अगर मैं
आप का हाथ पकडू, तो रास्ते में अचानक कुछ हो जाये ,
तो शायद मेरे हाथ से आप का हाथ छुट
जाये" |
अगर आप मेरा हाथ पकड़ेंगे तो मैं जानती हूँ
."चाहे कुछ भी हो जाये
आप मेरा हाथ कभी
नही छोडेगें" |
:आज भी बच्चे हाथ छोड देते हैं ,माँ-बाप नही !
अपने माँ-बाप को अपना प्यार दो !
|
अशोक सलूजा |
|
सही कहा है बच्चों को हमेसा माँ बाप का साथ देना चाहिए| धन्यवाद|
ReplyDeleteबच्चे शायद बचपन में कमजोर होते हैं मगर बड़े होने के बाद अपने माँ बाप की जगह अपने बच्चे याद रहते हैं !
ReplyDeleteमगर हम बड़े अपने बच्चों का हाथ कैसे छोड़ दें हमारे लिए उनकी सुरक्षा के सामने, अपना जीवन कुछ नहीं ! मगर एक दिन यह बच्चे भी पापा बनेंगे :-) तब यह कुछ ऐसा सीखेंगे जो हम इन्हें नहीं सिखा पाए !
शुभकामनायें भाई जी !
सर जी! मेरी पिटाई मत करना.प्लीज्ज्ज्ज़.
ReplyDeleteरास्ते मैं एक पुल आया. (में)
पानी बड़ी तेजी से बैह रहा था.(बह)
मेरा हाथ पकड़े गे तो (पकड़ेंगे) ये कहानी मुझे भी किसी ने मेल की थी और मेरे अंतर्मन में जैसे बस गई जा के. बच्चो के सामने हम अपने क्रम,चरित्र से एग्जाम्पल रखें.'क्या करना क्या नही करना है' सब कहने की जरूरत नही पडेगी. बच्चे के लिए माता पिता एक दुनिया होते हैं ऐसी दुनिया जहां बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं.बच्ची का पिता पर विश्वास...... प्यार और अपनत्व का उद्दत रूप ! जिस पर दुनिया टिकी है.
इंदु जी, स्वस्थ रहें !
ReplyDeleteआप की निकाली गल्तियों को सबसे पहले सुधारा !सिखाने का शुक्रिया
" झूठ से घिन है, सत्यवादी हरिश्चन्द्र भी नही हूँ, शोर्ट टेम्पर,तेज तर्रार,बोल्ड हूँ" ! ये सब आप ने पहले ही बता दिया है !फिर आप की पिटाई कौन कर सकता है ..? ऐसी ही बनी रहें ,और खुश रहें..
शुभकामनाएँ !
सच है हमेशा बच्चे ही हाथ छोड़ते है
ReplyDeleteसही कहा है बच्चों को हमेसा माँ बाप का साथ देना चाहिए|
ReplyDeleteVERY NICE....
ReplyDeleteनिसंदेह , बड़े ही होते हैं जो छोटों की ऊँगली थामे रहते हैं । बहुत सुन्दर पोस्ट । -आभार।
ReplyDeleteआपको मेरा नमस्कार:)
ReplyDeleteमाँ-बाप का हाँथ छोड़ देने वाले बच्चों को सीख कहीं न कहीं से मिल ही जाती है..... और जब तक हम पर बड़ों का आशीर्वाद है तब तक ही ज़िन्दगी में खुशियाँ भी रहती हैं,जो इतनी सी बात पर अमल करे वो ही शायद सही मायनों में ज़िन्दगी जी पाते हैं.....
मौली बहुत सुंदर है.....शैतान भी लग रही है:)
ReplyDeleteवाउ बहुत ही अच्छा ....
ReplyDelete