Monday, May 30, 2011

मेरी यादों के... गुलदस्ते से एक सदाबहार महकता फूल ...सिर्फ आप के लिए ...

अरुण कुमार निगम जी ने कहा ....
कभी मन बेचैन हो जाता है तो इस गीत को आँखें बंद करके बांसुरी पर छेड़ लेता हूँ.आपके पास अनमोल संग्रह है .यदि संभव हो तो मुकेश जी का गीत-हिया जरत रहत दिन-रैन हो रामा(फिल्म-गोदान) सुनवाइयेगा .आभारी रहूँगा.मेरे पास आडियो कलेक्शन में 
था.कैसेट डैमेज हो गया है.आपके टेस्ट पर इत्मिनान से लिखूंगा
अरुण जी ,आप का मनचाह गीत ,देखने,और सुनने के लिये हाज़िर है ....
सुनिए और खुश रहिये | आप की पसंद...हिया जरत रहत दिन रेना ...
वर्ष : 1963. फिल्म: गो-दान
 पर्दे पर: राज कुमार
 स्वर: मुकेश जी
 संगीत:पंडित रवि शंकर जी
 गीतकार: अन्जान
 सहकलाकार : कामिनी कौशल 
अशोक 'अकेला'

6 comments:

  1. वाह! फर्मायशी प्रोग्राम पेश करने के लिए बधाई,यार चाचू .
    परन्तु,गाने की आवाज सुनाई नहीं पड़ रही.

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  2. शायद मेरे लैप टॉप में ही प्रॉब्लम है.

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  3. राजकुमार पर मुकेश की आवाज़ कम ही सुनी है । अच्छा रेयर कलेक्शन है ।

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  4. पारिवारिक जिम्मेदारियों में उलझी तो मन उचट सा गया ...
    बहुत दिनों बाद आई ...इस बीच आपके आभासी रिश्ते भी देखे ....
    इसी तरह के कई और रिश्ते हैं नीरज गोस्वामी , डॉ अनुराग , डॉ कौशलेन्द्र
    आप जाते जाइये मित्र बनते रहेंगे .....शम्मी कपूर जी ....:))

    गीत अभी सुन नहीं पाई ..अस्पताल से अभी लौटी हूँ पिता श्री admit हैं ..
    अब फिर जाना है .....
    आकर सुनती हूँ ....

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  5. अशोक जी को मेरा हृदय से नमन. सागर में मोती ढूँढना ,बतौर कहावत सुनते आया था, आज सच होते देख लिया. अरसे से जिस दुर्लभ गीत की तलाश थी उसे उपलब्ध कराके आपने मुझे कितनी खुशी प्रदान कर दी, इसका बयान शब्दों में नहीं कर पाऊँगा. आपकी आँखें मेरी भावनाओं को जरूर पढ़ लेंगी. आफिस से आने के बाद सबसे पहले आपको क्लिक करके मुकेश जी को सुना .आत्मा तृप्त हो गई. ईश्वर आपको उत्तम स्वास्थ्य के साथ दीर्घायु प्रदान करे.आभार सहित..... arun.nigam56@gmail.com

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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