Friday, May 27, 2011

...मेरे ब्लॉग के आभासी रिश्तों के नाम ...मेरी तरफ से , इक प्यार भरा पैग़ाम... १.


(एक)
और मैं चाहूँगा कि ये उन सब तक पहुंचे ...जिनके ये नाम है |
कैसे ..? इसमें आप सब मेरी मदद करें ,जैसे भी... आप कर सकतें हैं |
आभार होगा !
...आज अपना ब्लॉग बनाये मुझे तकरीबन 'छ:' महीने होने को आये|
तो सोचा , चलो ; आज अपना इम्तहान लिया जाये कि मैं अब तक 
जिन-जिन आभासी रिश्तों के संपर्क में आया ...उनको पढ़ कर,टेलीफोन
पे बात कर ,इ-मेल कर या फिर थोड़ी चैट कर के, उनको मैंने कितना 
जाना,पहचाना और समझा...??? अब कितना ,जाना ,पहचाना और
समझा ये तो आप ही बतायेंगें ....

पास कर दिया तो ठीक ...नही तो दोबारा फिर इम्तहान की तैयारी|
यही जिन्दगी है ...जिन्दगी कदम-कदम पे इम्तहान लेती है |
पर हाँ एक बात : "ये मेरी पढ़ाई-लिखाई का इम्तहान नही ,ये मेरी 
जिन्दगी से मुझे मिले मेरे तज़ुर्बों का इम्तहान होगा ...

अंत में : जाने-अनजाने किसी के दिल को दुखाने का कारण बन जाऊं 
    तो उन सब से हाथ जोड़ और दिल से माफ़ी का तलबगार हूँ ||

आप सब खुश रहें और स्वस्थ रहें ....

पेपर :  १ ... शुरू ! 

सतीश सक्सेना : इनको मैंने अपना गुरु भाई बनाया है और इन्होने 
अभी तक, अपना धर्म निभाया है ||

पाबला जी: यारों के है यार ,अपनी हा..हा..हा.. हंसी से सब को कर रखा  
बावला जी ||

डॉ. परवीन चोपड़ा: ये सब की सेहत के रखवाली ,पर टिप्पणी से रहें खाली ||

राकेश जी : ये हैं एडवोकेट ...पर प्रवचन गीता पर करते हैं 
और हर टिप्पणी पे धन्यावाद भी करते हैं ||

पी.सी . गोदियाल : सीखो... गोदियाल जी से जीना!
चाल चलो ,कर के चौड़ा सीना ||

डॉ .दिव्या श्रीवास्तव : ये iron lady कहलाती हैं ,पर'दिल' से जैसे
          मोम पिघल सी जाती है ||

डॉ. मोनिका शर्मा : ये दिल नही किसी का दुखाती हैं ,
टिप्पणी अपनी में सब पे प्यार लुटाती हैं ||

संगीता स्वरूप : हर एक की इच्छा अधूरी ,
पा इनकी टिप्पणी हो जाती पुरी | 


आगे ...पेपर ..२ पर !

16 comments:

  1. क्या बात है,यार चाचू,आप तो गजब ही गजब करते हो
    सौ में एक सौ एक नहीं, पर सौ तो 'डिजर्व' करते हो.

    ReplyDelete

  2. गुरुभाई का दर्ज़ा देने को आपका आभार भाई जी !
    आप निश्चिन्त रहें जिस आपको ( खरा या खोटा ) अभी तक लगा हूँ वैसा ही अंतिम सांस तक रहूँगा.... :-)

    आपके उपरोक्त दिए गए कुछ व्यक्तिगत स्लोगन, अपना अर्थ बताने में, बहुत स्पष्ट नहीं है ! मैं चिंतित हूँ कि सम्मानित लोग आपका अर्थ गलत लगायेंगे ! व्यक्तिगत नामधारी लोग हमारी मज़ाक अथवा कहे को सकारात्मक ही लेंगे , ऐसा मान के न चलें ! कुछ लोग आपके सामान्य स्लोगन में अपना अपमान ढूंढ लेंगे !

    हो सके तो पुनरीक्षण कर लें !

    सादर

    ReplyDelete
  3. कुछ अलग ही अंदाज़ देखने को मिला यहाँ ....

    ReplyDelete
  4. अशोक जी , क्या बात है , बहुत जल्दी ब्लॉग जगत को पहचान लिया ।
    लेकिन अपनी पहचान छोड़ने के लिए दुसरे ब्लोग्स पर जाना पड़ेगा ।

    ReplyDelete
  5. बहुत ही अच्‍छा लिखा है ... ।

    ReplyDelete
  6. गुरु भाई सतीश जी,
    आप की सलाह पर मैंने अमल किया ....

    ReplyDelete
  7. बहुत खूबसूरत रचना, अंदाजे बयां बहुत ही शानदार लगा

    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

    ReplyDelete
  8. .

    अशोक जी , आपने मुझे याद रखा , यही मेरे लिए सबसे बड़ी सौगात है।
    अभिवादन स्वीकार करें।

    .

    ReplyDelete
  9. अशोक जी ,

    आपके ब्लॉग पर पहली बार आना हुआ ..आपने इतनी सूक्ष्मता से सबका अवलोकन किया है .. आपकी कुछ पहले की पोस्ट भी देखीं और पढ़ीं .. अच्छा लगा ..आभार

    ReplyDelete
  10. पास हैं जी सौ में से सौ नंबर लेके पास हुए हैं आप...बधाई...
    नीरज

    ReplyDelete
  11. हा हा हा

    सच्ची मुच्ची में कई लोग बावले हो चुके हैं, ब्लॉग इतिहास देखा जाए तो :-)
    (सन्दर्भ: सतीश सक्सेना जी की टिप्पणी)

    आपसे यही गुजारिश है
    कि
    स्नेह बनाए रखियेगा

    ReplyDelete
  12. प्यार भरा पैग़ाम...२ की प्रतीक्षा है…

    देखें , किसको क्या मिलता है ? :)



    हार्दिक शुभकामनाएं हैं ।

    ReplyDelete
  13. @ डॉ. दराल जी ,आप की नसीहत पे अमल शुरू !
    @ पाबला जी , सत्य-वचन!सत श्री आकाल ..
    @ राजेन्द्र स्वर्णकार जी, मेरे पास है क्या ...सिवाय प्यार के ..

    जो भी यहाँ ,अपना प्यार मेरे साथ बाँटने आये |उनका सब का बहुत शुक्रगुज़ार हूँ | आपसब को ...
    शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete

  14. चाचाश्री प्रणाम !
    आपका प्यार और आशीर्वाद मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक है …
    इसमें कभी कमी न करें ।
    अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें …
    मेरे योग्य कोई कार्य हो तो आदेश करें …

    बहुत बहुत शुभकामनाओं सहित
    राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete
  15. Bahut Sunder.... mujhe is zikra me aapne sthan diya.... aabhar

    ReplyDelete

मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...