Tuesday, March 08, 2011

महिला दिवस ...पापा का सन्देश ....बेटी के लिए

दीपा के लिए 

क्या करूँ ,कैसे करूँ 

ऐसे करूँ या वैसे करूँ 

दुःख दूर हो तेरा ,जिस तरह 

तू जैसा कहे,मैं वैसा करूं 

                पापा |

1 comment:

  1. पिता का छाता होता ही निस्स्वार्थ है .फिर चाहे वह कैसे भी करे .ऐसे करे या वैसे .मेरी रजा वही है जिसमे तू हो रज़ामंद .

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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