Thursday, March 31, 2011

कैसी है ये ब्लाग की दुनिया ...क्या यहाँ भी चापलूसी करनी पडेगी ?












ZEAL के लेख प्रशंसा (प्रोत्साहन) के सन्दर्भ मैं |

क्या टिप्पणी करना इतना ही जरूरी है ?
हाँ ...जरूरी है |
प्रशंसा इन्सान की फितरत है,और हक भी 
पर सच्ची प्रशंसा ,न कि चापलूसी ,अच्छे के लिए प्रशंसा हर हाल 
मैं मिलनी चाहिए ताकि और अच्छा करने के लिए उत्साह-वर्धन  हो 
उस अच्छे किये से समाज का भला हो |

पर हाँ ...जरूरी है सिर्फ उनके लिए जो विषय के अनुरूप उसे समझ कर , अच्छा जानकर 
उत्साहवर्धन करें ,और अच्छा करने के लिए कुछ सुधार के साथ प्रेरित करें | नकि सिर्फ टीका-टिप्पणी
ताना-कशी,या मजाक उड़ाने के लिए | जो उस विषय के बारे में कुछ नही जानते ,कुछ केह नही सकते 
वो उस पोस्ट से अपना ज्ञान बड़ाने कि कोशिश करें न कि टिप्पणी संख्या बड़ाने मैं अपना योगदान करें |
जैसे:- कि मैं (माफ करना ) या मेरे जैसे अगर हों तो ....

ऐसे ही टिप्पणी पाने वाले भी ...
टिप्पणी का इंतज़ार करने की बजाय ,और संख्या गिनने के स्थान पर सिर्फ 
अपने अच्छे लेखन पर ध्यान दें,अच्छे लेख पर पेहली टिप्पणी उनका अपना दिल देगा |
जो सबसे ज्यादा उत्साहवर्धक होगी |
टिप्पणी पाने के लिए टिप्पणी न करें ,अनुसरण कराने के लिए अनुसरण न करें |
मनचाह न होने पर नाराज न हों ,मनचाह हो जाने पर खुशी जरूर बांटे...अच्छा लगेगा !
करके देखिये !

मेरे पास अपने समझने के लिए मेरे एहसास बहुत हैं ,पर समझाने के लिए शब्द बहुत कम !
बोलने से संकोच और लिखने मैं असमर्थ .....

हाँ आखिर में एक और बात ,सिर्फ अपनी जानकारी के लिए :-अगर मेरे जैसे की टिप्पणी 
या किसी का अनुसरण करने से भी किसी को ,किसी तरह से ,इस इन्टरनेट की दुनियां 
में कुछ फायदा होता है तो कृपया मुझे ज्ञान कराए और लाभ सिर्फ आप ही उठायें |
जहां चाहें मेरा अंगूठा लगवायें ...ये बिल्कुल मजाक नही ...मेरे एहसास ही ऐसे हैं ...
ये अब ऐसे ही बहते जायेगें सो बस........!

नोट:- ये लेख किसी का भी दिल दुखाने की मंशा से नही लिखा गया |
सारे लिखे विचार मेरे अपने थे जो ZEAL के लेख से पेहले ही लिखे थे |
बस संयोग से उनका लेख पेहले आ गया | फिर भी छोटा मुहँ और.......
मैं माफ़ी का तलबगार हूँ! 
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ! अशोक"अकेला" 




8 comments:

  1. .

    अशोक जी ,
    बहुत ही सच्ची और सार्थक बातें लिखी हैं आपने। आपसे अक्षरतः सहमत हूँ ।

    .

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  2. सच्ची और सार्थक बातें .... सहमत हूँ ।

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  3. बड़ा प्यारा और दिल से निकलता है आपका लिखा हुआ ....आभार !

    ब्लॉग जगत में अक्सर हम लोग ईमानदारी से काम नहीं कर पाते,गूगल द्वारा मुफ्त के दिए प्लेटफार्म पर, लेखनी का जौहर दिखाते हम लोग,अपने आपको महान लेखक मानते देर नहीं लगाते हैं और बची खुची कसर टिप्पणियों के बदले आई टिप्पणिया कर देती हैं !

    खैरात के बदले खैरात में मुफ्त बँटती इन टिप्पणियों के कारण, हम सब, दिन प्रतिदिन अपने प्रभामंडल का विस्तार होते महसूस करते हैं और उस आभासी स्वयंभू प्रभामंडल को आत्मसात कर लेते हैं :-)

    हार्दिक शुभकामनायें !

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  4. बिल्कुल सही बात । वैसे भी यदि टिप्पणी या ब्लाग ट्राफिक में तुलना की जावे तो मेरे समझ में पोस्ट ज्यादा लोगों तक पहुँचे यह अधिक उपयोगी है बजाय इसके कि टिप्पणियां ज्यादा हों ।

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  5. सच्ची और सार्थक बातें| धन्यवाद|

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  6. बिल्कुल सही
    सहमत हूँ ।

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  7. ब्लॉग जगत में रह कर भी
    अप सच कहने की हिम्मत रखते हैं
    सच में
    आप मुबारकबाद के हक़दार हैं
    आपका मार्ग दर्शन
    हम सब को दरकार है .............

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मैं आपके दिए स्नेह का शुक्रगुज़ार हूँ !
आप सब खुश और स्वस्थ रहें ........

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